नई दिल्ली : लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का ऐतिहासिक विधेयक गुरुवार को राज्यसभा से भी पास हो गया (womens reservation bill passed in Rajya Sabha). इस बिल के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा. सभी 214 वोट पक्ष में पड़े. लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है.
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Rajya Sabha passes Women's Reservation Bill
— ANI (@ANI) September 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
215 MPs vote in favour and 0 MPs vote against pic.twitter.com/hfKD09fwj9
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— ANI (@ANI) September 21, 2023
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इससे पहले चर्चा का समापन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उच्च सदन में कहा, 'इस विधेयक से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा. यह सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच को भी दर्शाता है जो महिला सशक्तिकरण को नई ऊर्जा देगा.' उन्होंने कहा कि चर्चा में भाग लेते हुए दो दिन से (संसद में) इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा हो रही है और करीब 132 सदस्यों ने दोनों सदनों में बहुत सार्थक चर्चा की है. उन्होंने कहा, 'भविष्य में भी इस चर्चा का एक-एक शब्द हमारी आने वाली यात्रा में हम सबके काम आने वाला है, इसलिए हर बात का अपना महत्व है, मूल्य है.'
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#WATCH | Women's Reservation Bill | Prime Minister Narendra Modi says, "This bill will lead to a new confidence in the people of the country. All members and political parties have played a significant role in empowering women and enhancing 'Nari Shakti'. Let us give the country… pic.twitter.com/PtvHsOCRPk
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पीएम ने किया धन्यवाद, कहा-विधेयक देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा प्रदान करेगा : उन्होंने इस विधेयक का समर्थन करने के लिए सभी सदस्यों का 'हृदय से अभिनंदन और हृदय से आभार व्यक्त' किया. उन्होंने कहा कि यह जो भावना पैदा हुई है, उससे देश के जन-जन में एक आत्मविश्वास पैदा होगा. उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों एवं सभी दलों ने एक बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति को सम्मान एक विधेयक पारित होने से मिल रहा है, ऐसी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, यह देश की नारी शक्ति को एक नई ऊर्जा देने वाला है.
उन्होंने कहा, 'यह (नारी शक्ति) नए विश्वास के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में नेतृत्व के साथ आगे आएगी, यह अपने आप में हमारे उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बनने वाली है.' उन्होंने सदस्यों से अपील की कि यह उच्च सदन है, जहां उत्तम स्तर की चर्चा हुई है और वे इस विधेयक पर सर्वसम्मति से मतदान कर देश को नया विश्वास दें.
महिलाओं ने दिया पीएम को धन्यवाद : 27 सालों से इस बिल के पास होने का इंतजार कर रही आम महिलाओं में भी खासी खुशी है. उन्हें उम्मीद है कि अब संसद में महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी बढ़ाने से महिलाओं की आवाज और उनके अधिकार के बारे में सोचने वाली जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ जाएगी. हालांकि इस बिल के कानून बनने के लिए अभी लोकसभा परिसीमन और जनगणना बाकी है लेकिन एक बड़ा रास्ता खुल गया है ऐसे में नए पार्लियामेंट पहुंची महिलाओं ने सिर्फ इस प्रक्रिया को देखा, और बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए धन्यवाद भी दिया.
निर्मला सीतारमण बोलीं, भाजपा महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती : इससे पहले गुरुवार को चर्चा के दौरान महिला आरक्षण पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती. वित्त मंत्री सीतारमण ने 'संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023' पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस विधेयक का मसौदा बहुत सोच-समझकर बनाया गया है. उन्होंने कहा कि पंचायतों में 33 प्रतिशत आरक्षण का जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा परिणाम देखने को मिला तथा कई राज्यों में यह बढ़कर पचास प्रतिशत हो गया है.
उन्होंने कहा कि यह विधेयक काफी समय से प्रतीक्षित था. उन्होंने विधेयक को लाने में वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के शासन में नौ वर्ष लग जाने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इसको लेकर आम सहमति बनाये जाने की जरूरत है.
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#WATCH | On Rajya Sabha LoP Mallikarjun Kharge's question about when the Bill will be implemented Union Minister of State for Law & Justice, Parliamentary Affairs and Culture, Arjun Ram Meghwal replies,"...Do not doubt(about implementation)...' Modi Hai Toh Mumkin Hai'..." pic.twitter.com/4GTj0iCTKo
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सीतारमण ने राज्यसभा एवं राज्यों की विधान परिषद में महिलाओं के लिए आरक्षण की कई सदस्यों की मांग पर कहा कि परोक्ष मतदान में आरक्षण प्रावधान लागू करना व्यावहारिक रूप से काफी कठिन होता है.
उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात ही महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हो पाएंगी. उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून बनने के बाद पंद्रह वर्ष तक प्रभावी रहेगा.
उन्होंने 1996 में पहली बार महिला आरक्षण के लिए लाए गए विधेयक सहित इस बारे में संसद में लाए गए विभिन्न विधेयकों का हवाला दिया. सीतारमण ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन देने के लिए सभी दलों के नेताओं और सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने आरएसएस में महिलाओं को स्थान नहीं मिलने के कम्युनिस्ट सदस्य विनोय विश्वम के प्रश्न के जवाब में पूछा कि माकपा के पोलित ब्यूरो में महिला नेता वृंदा करात को सदस्य बनने में इतना समय क्यों लग गया?
वित्त मंत्री ने कई सदस्यों द्वारा इस विधेयक में ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं होने पर उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि संविधान में केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण का प्रावधान है. इसलिए विधेयक में केवल इन्हीं के लिए आरक्षण का प्रावधान है.
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#WATCH | On the Women's Reservation Bill, BJP MP Hans Raj Hans says, "...Only a party with intention and policy can make it possible...It is a historic and happy moment for women..." pic.twitter.com/qnykFSSz5n
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विपक्ष की मांग, जनगणना व परिसीमन के पहले ही महिला आरक्षण कानून लागू किया जाए: वहीं, लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले विधेयक को सत्तारूढ़ भाजपा का 'चुनावी एजेंडा' और 'झुनझुना' करार देते हुए विपक्षी दलों ने राज्यसभा में मांग की कि इस प्रस्तावित कानून को जनगणना एवं परिसीमन के पहले ही लागू किया जाना चाहिए.
विपक्षी दलों के सदस्यों ने साथ ही यह दावा भी किया कि सरकार चुनावी फायदे के लिए यह विधेयक लेकर आई जबकि इसका लाभ लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह सरकार 2014 में ही सत्ता में आ गई थी और उसने महिला आरक्षण लागू करने का वादा भी किया था. उन्होंने सवाल किया कि सरकार को इतने समय तक यह विधेयक लाने से किसने रोका. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार क्या नए संसद भवन के बनने की प्रतीक्षा कर रही थी या इसमें वास्तु से जुड़ा कोई मुद्दा था.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि वह इस विधेयक का समर्थन करते हैं लेकिन सरकार को सहयोग और साझेदारी का रास्ता अपनाने की जरूरत है, न कि कमांडो शैली में गोपनीयता, आश्चर्यजनक और चुपके से विधेयक लाने की.
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के आर गिरिराजन ने कहा कि यह पता नहीं है कि जनगणना कब होगी और परिसीमन की भी अपनी समस्याएं हैं, ऐसे में महिला आरक्षण कानून लागू होने में कितना समय लगेगा.
समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करती है. उन्होंने साथ ही मांग की कि अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को इसमें शामिल किया जाए.
लोकसभा में 454 वोट पक्ष में पड़े थे : ऐतिहासिक कानून के लिए रास्ता साफ करते हुए बुधवार को निचले सदन ने महिला आरक्षण विधेयक - संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 - को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया था. इसके पक्ष में 454 वोट और एआईएमआईएम के दो वोट इसके खिलाफ थे.