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Parliament Special Session: लोकसभा में राहुल ने कहा, OBC कोटा के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा

महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपना समर्थन व्यक्त किया. चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने यह भी कहा कि ओबीसी कोटा को शामिल कराया जाए, इसके बिना ये विधेयक अधूरा है.

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By PTI

Published : Sep 20, 2023, 6:30 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 7:14 PM IST

महिला आरक्षण बिल पर राहुल गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित ऐतिहासिक विधेयक का बुधवार को लोकसभा में समर्थन किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है. उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले 'संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023' पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए सरकार से यह आग्रह भी किया कि तत्काल जातीय जनगणना कराई जाए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है.

राहुल गांधी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा, "मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है...मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था. यह बहुत जरूरी है कि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से, महिलाओं के बड़े हिस्से की आरक्षण तक पहुंच होनी चाहिए. इस विधेयक में यही नहीं है." कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू किया जा सकता है और इसके लिए नई जनगणना एवं परिसीमन की कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना था, "दो ऐसी चीजें है जो मुझे अजीबो-गरीब लगती हैं. एक यह कि विधेयक को लागू करने के लिए ताजा जनगणना की जरूरत बतायी गयी है. दूसरा यह कि विधेयक को लागू करने के लिए नए परिसीमन की जरूरत है. मेरा विचार है कि यह विधेयक आज ही लागू हो सकता है."

उन्होंने कहा कि आरक्षण के पूरे मामले को सात-आठ साल आगे तक टालने की कोशिश हो रही है. उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं. राहुल गांधी ने सरकार से देश में तत्काल जातीय जनगणना कराने का आग्रह करते हुए कहा, "यह जो सूची है वो ओबीसी समाज का अपमान है." उन्होंने आरोप लगाया, "यह सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है...जातीय जनगणना से ध्यान भटकाने में लगी रहती है. मुझे कारण नहीं पता. विपक्ष जैसे ही जातीय जनगणना की मांग करता है कि भाजपा कुछ नए इवेंट के जरिये ध्यान भटकाती है ताकि देश के लोग और ओबीसी दूसरी तरफ देखने लगें."

पढ़ें : Amit Shah On Women Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल पर गृह मंत्री अमित शाह का जवाब

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संसद के नए भवन में प्रवेश की प्रक्रिया में देश की राष्ट्रपति की मौजूदगी होनी चाहिए थी. राहुल गांधी ने सत्तापक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "यदि आप आजादी से अब तक की यात्रा पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि सत्ता का निरंतर हस्तांतरण हो रहा है, जिससे भारत के लोगों को अधिक अधिकार मिले हैं. दूसरी ओर, भारत के लोगों से शक्ति छीनने का एक विचार है. यही लड़ाई चल रही है. वास्तव में, कई मायनों में यही वह लड़ाई है जो आज भी जारी है."

महिला आरक्षण बिल पर राहुल गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित ऐतिहासिक विधेयक का बुधवार को लोकसभा में समर्थन किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है. उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले 'संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023' पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए सरकार से यह आग्रह भी किया कि तत्काल जातीय जनगणना कराई जाए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है.

राहुल गांधी ने विधेयक का समर्थन किया और कहा, "मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है...मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था. यह बहुत जरूरी है कि भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से, महिलाओं के बड़े हिस्से की आरक्षण तक पहुंच होनी चाहिए. इस विधेयक में यही नहीं है." कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू किया जा सकता है और इसके लिए नई जनगणना एवं परिसीमन की कोई जरूरत नहीं है. उनका कहना था, "दो ऐसी चीजें है जो मुझे अजीबो-गरीब लगती हैं. एक यह कि विधेयक को लागू करने के लिए ताजा जनगणना की जरूरत बतायी गयी है. दूसरा यह कि विधेयक को लागू करने के लिए नए परिसीमन की जरूरत है. मेरा विचार है कि यह विधेयक आज ही लागू हो सकता है."

उन्होंने कहा कि आरक्षण के पूरे मामले को सात-आठ साल आगे तक टालने की कोशिश हो रही है. उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं. राहुल गांधी ने सरकार से देश में तत्काल जातीय जनगणना कराने का आग्रह करते हुए कहा, "यह जो सूची है वो ओबीसी समाज का अपमान है." उन्होंने आरोप लगाया, "यह सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है...जातीय जनगणना से ध्यान भटकाने में लगी रहती है. मुझे कारण नहीं पता. विपक्ष जैसे ही जातीय जनगणना की मांग करता है कि भाजपा कुछ नए इवेंट के जरिये ध्यान भटकाती है ताकि देश के लोग और ओबीसी दूसरी तरफ देखने लगें."

पढ़ें : Amit Shah On Women Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल पर गृह मंत्री अमित शाह का जवाब

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संसद के नए भवन में प्रवेश की प्रक्रिया में देश की राष्ट्रपति की मौजूदगी होनी चाहिए थी. राहुल गांधी ने सत्तापक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "यदि आप आजादी से अब तक की यात्रा पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि सत्ता का निरंतर हस्तांतरण हो रहा है, जिससे भारत के लोगों को अधिक अधिकार मिले हैं. दूसरी ओर, भारत के लोगों से शक्ति छीनने का एक विचार है. यही लड़ाई चल रही है. वास्तव में, कई मायनों में यही वह लड़ाई है जो आज भी जारी है."

Last Updated : Sep 20, 2023, 7:14 PM IST
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