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ट्विटर पर 20-20 रुपये में बेची जा रही चाइल्ड पॉर्नोग्राफी, दिल्ली महिला आयोग ने टि्वटर इंडिया को भेजा नोटिस

दिल्ली महिला आयोग ने ट्विटर पर अश्लील वीडियो बेचने, शेयर करने और बनाने के मामले में ट्विटर और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को नोटिस जारी (Womens Commission seeks reply from Delhi Police) कर 26 सितंबर 2022 तक जवाब मांगा है.

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Published : Sep 20, 2022, 3:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने ट्विटर पर अश्लील वीडियो बेचने, शेयर करने और बनाने के मामले में ट्विटर और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को नोटिस जारी (Womens Commission seeks reply from Delhi Police) कर 26 सितंबर 2022 तक जवाब मांगा है.

ट्विटर पर अलग-अलग हैंडल से 20-20 रुपये में बच्चियों और महिलाओं की अश्लील तस्वीरें और वीडियो बेचने, साझा करने और बनाने के मामले में दिल्ली महिला आयोग ((Delhi Womens Commission) ने स्वत: सज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और टि्वटर इंडिया को समन किया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Chairperson of DCW Swati Maliwal) ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि आयोग ने ट्विटर को समन भेजकर जवाब-तलब किया है. ट्विटर और दिल्ली पुलिस को 26 सितंबर 2022 के लिए समन भेजा गया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली महिला आयोग ने की कार्यस्थल पर महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग

स्वाति मालीवाल ने बताया सैकड़ों टि्वटर हैंडल से बच्चियों और महिलाओं के अश्लील वीडियो साझा किए जाते हैं और उन पर बोली लगाई जाती है. बच्चियों के नहाते हुए, सोते हुए और दुष्कर्म किए जाते हुए वीडियो अलग-अलग मूल्य पर बेचे जा रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को जांच कर रिपोर्ट साझा करने तथा जवाब-तलब के लिए नोटिस भेजा गया है. टि्वटर इंडिया की पॉलिसी को लेकर भी उनसे जवाब-तलब किया जाएगा. ट्विटर इस तरह की गतिविधियों में कैसे संलिप्त हो सकता है इसको लेकर भी जांच की जाएगी. बच्चों से संबंधित किसी प्रकार का भी वीडियो साझा करना, बेचना या बनाना या ऐसे काम करने वाले को प्रश्रय देना या प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना सभी दंडनीय अपराध है. ऐसे में पूरे मामले से संबंधित सभी व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: उज्बेकिस्तान की महिलाओं से वेश्यावृत्ति के मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस

संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं एजेंट: मालीवाल ने बताया की इस प्रकार के वीडियो संभवत किसी संगठित गिरोह का भी काम हो सकता है. वीडियो में दिखने वाली बच्चियों की पहचान की जा रही है ताकि उनसे संपर्क कर शिकायत की जा सके. साथ ही अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की भी जांच की जा रही है. कहीं इस प्रकार के और प्लेटफॉर्म पर गतिविधियां ना हो रही हों.

यह है मामला: ट्विटर पर अलग-अलग हैंडल द्वारा वीडियो फोटो साझा की जाती है, साथ ही उन पर कीमत व संपर्क नंबर लिखा होता है. पेटीएम, गूगल इत्यादि ऑनलाइन माध्यम के जरिए इन पर कीमत ली जाती है और बेहद कम कीमत होने के चलते ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्रकार के अपराध में न चाहते हुए भी शामिल होते हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने ट्विटर पर अश्लील वीडियो बेचने, शेयर करने और बनाने के मामले में ट्विटर और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को नोटिस जारी (Womens Commission seeks reply from Delhi Police) कर 26 सितंबर 2022 तक जवाब मांगा है.

ट्विटर पर अलग-अलग हैंडल से 20-20 रुपये में बच्चियों और महिलाओं की अश्लील तस्वीरें और वीडियो बेचने, साझा करने और बनाने के मामले में दिल्ली महिला आयोग ((Delhi Womens Commission) ने स्वत: सज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और टि्वटर इंडिया को समन किया है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Chairperson of DCW Swati Maliwal) ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि आयोग ने ट्विटर को समन भेजकर जवाब-तलब किया है. ट्विटर और दिल्ली पुलिस को 26 सितंबर 2022 के लिए समन भेजा गया है.

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स्वाति मालीवाल ने बताया सैकड़ों टि्वटर हैंडल से बच्चियों और महिलाओं के अश्लील वीडियो साझा किए जाते हैं और उन पर बोली लगाई जाती है. बच्चियों के नहाते हुए, सोते हुए और दुष्कर्म किए जाते हुए वीडियो अलग-अलग मूल्य पर बेचे जा रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को जांच कर रिपोर्ट साझा करने तथा जवाब-तलब के लिए नोटिस भेजा गया है. टि्वटर इंडिया की पॉलिसी को लेकर भी उनसे जवाब-तलब किया जाएगा. ट्विटर इस तरह की गतिविधियों में कैसे संलिप्त हो सकता है इसको लेकर भी जांच की जाएगी. बच्चों से संबंधित किसी प्रकार का भी वीडियो साझा करना, बेचना या बनाना या ऐसे काम करने वाले को प्रश्रय देना या प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना सभी दंडनीय अपराध है. ऐसे में पूरे मामले से संबंधित सभी व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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संगठित गिरोह की तरह काम करते हैं एजेंट: मालीवाल ने बताया की इस प्रकार के वीडियो संभवत किसी संगठित गिरोह का भी काम हो सकता है. वीडियो में दिखने वाली बच्चियों की पहचान की जा रही है ताकि उनसे संपर्क कर शिकायत की जा सके. साथ ही अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की भी जांच की जा रही है. कहीं इस प्रकार के और प्लेटफॉर्म पर गतिविधियां ना हो रही हों.

यह है मामला: ट्विटर पर अलग-अलग हैंडल द्वारा वीडियो फोटो साझा की जाती है, साथ ही उन पर कीमत व संपर्क नंबर लिखा होता है. पेटीएम, गूगल इत्यादि ऑनलाइन माध्यम के जरिए इन पर कीमत ली जाती है और बेहद कम कीमत होने के चलते ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्रकार के अपराध में न चाहते हुए भी शामिल होते हैं.

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