भोपाल। अंडर-19 टी-20 महिला वर्ल्ड कप में भोपाल की बेटी सौम्या तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. घर पर पिता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सौम्या तिवारी ने ईटीवी भारत के सवालों का भी जवाब दिया. सौम्या का कहना था कि, खेल को लेकर प्रेशर था लेकिन जिस रणनीति के तहत हम लोगों ने बैटिंग और बॉलिंग की उस से जीत हासिल की है. अब जीत गए हैं तो बाकी बातें कुछ नहीं. सौम्या ने ग्रीन रूम का भी नजारा दिखाया जहां सारे खिलाड़ी अपने घरवालों से फोन पर बात करते हुए मस्ती करते हुए नजर आए. सौम्या का कहना था कि वह बेहद खुश है क्योंकि एक सपना पूरा हुआ है.
परिवार में खुशी का माहौल: भोपाल की रहने वाली क्रिकेटर सौम्या तिवारी के घर जीत के बाद खुशी की लहर दौड़ गई. सौम्या ने फाइनल मैच में विनिंग शॉट लगाया तो पूरा परिवार खुशियों से खड़ा होकर जीत की बधाई देता नजर आया. सौम्या के पिता मनीष तिवारी और माता भारती ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई. इस दौरान सौम्या की मां मैच के समय पूजा-पाठ करती रहीं, टीम और सौम्या के लिए प्रार्थना करती दिखीं थी. उनका कहना है कि, बेटी ने गर्व के साथ हमारा नाम ऊंचा कर दिया है.
वीडियो कॉल में जताया हर्ष: सौम्या के-पिता मनीष तिवारी भी सौम्या की जीत पर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.सौम्या की मां कहती हैं कि, जब सौम्या आएंगी तो उन्हें सबसे पहले मटर पनीर की सब्जी खिलाएगी. वही पिता का कहना है कि उनकी बेटी में जो मुकाम दिया है उससे उन्हें गर्व है. सौम्या की मां भारती कहती है कि, सौम्या की इस जीत के बाद अब सब लोग उन्हें सौम्या की माता पिता के नाम से जानेंगे यह माता-पिता के लिए बड़ी बात होती है.
खिताब पर कब्जा: आईसीसी वुमंस अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत ने इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया. दक्षिण अफ्रीका में वर्ल्ड कप का फाइनल मैच इंडिया वर्सेस इंग्लैंड के बीच खेला गया था. भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था. बल्लेबाजी करने उतरे इंग्लैंड की टीम 68 रन पर ही ढेर हो गई. इंडिया की ओर से सौम्या तिवारी और त्रिशा ने 24-24 रन बनाए. जबकि शेफाली ने 15, श्वेता ने 5 रन बनाए.
पिता ने बताई कोरोना काल की कहानी: सौम्या के पिता बताते हैं कि, कोरोना के दौरान मुश्किल घड़ी थी. क्योंकि उस समय सब बंद होने के कारण सौम्या की प्रैक्टिस भी बंद हो गई थी. इस वजह से सौम्या कोरोना काल के बाद ग्राउंड पर गई तो कई मैच में वह फ्लॉप हो गई थी. ऐसे में उन्हें लगा कि, कहीं सौम्या इस खेल में आगे बढ़ पाएगी की नहीं, लेकिन सौम्या ने हार नहीं मानी और पिछले साल नेशनल टीम में जब उसका सिलेक्शन हुआ. इसमें उसने खूब मेहनत की. इसके बाद घरवालों को लगा कि, सौम्या निश्चितआगे बढ़ेगी. सौम्या 17 साल की है. वह भारतीय टीम का हिस्सा है. पूरे परिवार को आज शाम के मैच का इंतजार है. इनको उम्मीद है कि, सौम्या बेहतर प्रदर्शन करके कप अपने साथ लेकर लौटेंगी.