वायनाड (केरल) : एक माओवादी समूह ने दावा किया है कि 13 नवंबर को कन्नूर के एक वन क्षेत्र में कथित पुलिस गोलीबारी में घायल हुई एक उग्रवादी की इलाज के दौरान मौत हो गई है. वायनाड जिले में थिरुनेली के निकट हुंडिकापराम्बु कॉलोनी में कथित तौर पर माओवादी प्रवक्ता के नाम से जारी किए गए कुछ पोस्टर और एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि लक्ष्मी 13 नवंबर को केरल पुलिस की एक विशेष टीम के साथ मुठभेड़ में घायल हो गई थी. लक्ष्मी को कविता के नाम से भी जाना जाता है.
विज्ञप्ति संगठन के प्रवक्ता जोगी के नाम से जारी की गई. इसमें दावा किया गया कि पुलिस के दल ने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के कबानी दलम के सदस्यों पर उस समय हमला कर दिया था, जब वे एक बैठक कर रहे थे. इसमें कहा गया है कि सदस्यों ने भी जवाबी कार्रवाई की लेकिन लक्ष्मी घायल हो गईं थी और उसे वहां से ले जाया गया. विज्ञप्ति में यह भी दावा किया गया कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई और उसका अंतिम संस्कार पश्चिमी घाट पर किया गया. इसमें यह नहीं बताया गया है कि उसकी मौत कब हुई या अंतिम संस्कार कहां किया गया.
संपर्क करने पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे इस संबंध में जांच कर रहे हैं. मुठभेड़ कारीकोट्टाकारी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत नजेट्टीथोडी क्षेत्र में हुई थी. उप महानिरीक्षक (डीआईजी) पुट्टा विमलादित्य ने कहा था कि माओवादियों ने गोलीबारी शुरू की, जिससे पुलिस को जंगल में तलाशी अभियान के दौरान जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. उन्होंने कहा था कि आठ उग्रवादी मौके से भाग गए थे. माओवादियों ने कहा कि लक्ष्मी आंध्र प्रदेश के रायलसीमा की रहने वाली थी. वह आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी नेता लिजेश की पत्नी है, जो 2021 में केरल सरकार के पुनर्वास पैकेज के तहत सशस्त्र संघर्ष का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आया था. माओवादी पोस्टर में जवाबी कार्रवाई की भी धमकी दी गई है और उन पर हमले के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को जिम्मेदार ठहराया है.
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