पटना : बिहार में कोरोना टीकाकरण में स्वास्थ्यकर्मियों की एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. पटना के पुनपुन में स्वास्थ्यकर्मियों ने एक ही महिला को दो बार कोविड-19 की वैक्सीन लगा दिया. जानकारी के बाद महिला के परिजन हंगामा करने लगे. वहीं, डॉक्टरों ने महिला को तत्काल निगरानी में ले लिया.
दरअसल, पुनपुन प्रखंड के बेलदारीचक स्थित मध्य विद्यालय में रविन्द्र महतो की पत्नी संगीता देवी अपने बेटे के साथ टीका लगवाने आई थीं. उन्होंने बताया कि वैक्सीन लेने के बाद एक लाइन में थी, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें दोबारा लाइन में खड़ा कर दिया और दो बार टीका लगा दिया गया. जानकारी मिलने के बाद महिला के परिजन टीका केन्द्र पर जमकर हंगामा करने लगे. हालांकि बाद में उन्हें समझा बुझाकर शांत करवाया गया.
संगीता देवी ने कहा, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जमा करने के बाद पहले टेबल पर मुझे टीका लगाया गया. उसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने दूसरे टेबल पर जाने को कहा. वहां जाने के बाद जब दोबारा टीका दिया जाने लगा तो हमने स्वास्थ्यकर्मियों से पूछा कि क्या फिर से वैक्सीन उसी हाथ में लगेगी. इसपर हामी भरते हुए स्वास्थ्यकर्मियों ने दोबारा टीका लगा दिया.
कैसे हुई गलती?
अब सवाल यह उठ रहा होगा कि आखिर महिला के पूछे जाने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मियों ने गलती क्यों की? इसके पीछे वजह ये हो सकती है कि टीका का पहला और दूसरा डोज लेने के लिए भी लोग पहुंच रहे हैं. ऐसे में इस सवाल को शायद स्वास्थ्यकर्मी समझ नहीं पाए कि महिला आज ही टीका लेने की बात कह रही है.
डॉक्टरों की निगरानी में महिला
इधर, महिला के परिजनों के हंगामा करने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने महिला को महिला चिकित्सकों की निगरानी में रखा है. हालांकि दो बार टीका लग जाने के बाद भी महिला की तबीयत ठीक बताई जा रही है.
'भूलवश हुई घटना'
पुनपुन पीएससी चिकित्सा प्रभारी डॉ संजय कुमार ने कहा कि यह घटना गलतफहमी के कारण हुई है. लेकिन इसके बाद भी महिला के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इधर, टीकाकरण में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है.
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मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना एम्स नोडल कोरोना ऑफिसर डॉ संजीव कुमार ने भी मामले में संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि महिला के शरीर में क्या रिएक्शन होता है, इसकी निगरानी की जा रही है. फिलहाल महिला के शरीर में कोई रिएक्शन नहीं हुआ है. 14 दिनों के बाद एंटीबॉडी टेस्ट करवाया जाएगा. रिपोर्ट के आधार पर जरुरत पड़ने पर इलाज किया जाएगा.