कोप्पला: कर्नाटक में इस वर्ष के राज्योत्सव पुरस्कार विजेताओं की सूची मंगलवार को प्रकाशित की गई और कोप्पला जिले में तीन उपलब्धि हासिल करने वालों को राज्योत्सव पुरस्कार मिला. कोप्पल तालुक की हुचम्मा चौधरी, मोरानाला गांव के चमड़े की कठपुतली कलाकार केसप्पा शिल्लीक्यातारा और करातगी तालुक के सिद्दापुरा के गुंडप्पा विभूति को पुरस्कार के लिए चुना गया.
खास बात यह है कि कोप्पल तालुक के कुनिकेरी की सामाजिक कार्यकर्ता हुचम्मा चौधरी, जिन्होंने पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन उन्हें पुरस्कार दिया गया. 68 वर्षीय हुचम्मा चौधरी की कोई संतान नहीं है. उन्होंने 2 एकड़ ज़मीन, जो उनकी आजीविका का एकमात्र सहारा थी, अपने गांव के एक स्कूल को दान कर दी.
वह इस एहसास से खुश है कि स्कूल के बच्चे उसके बच्चे हैं, क्योंकि वह जीवन भर इसी स्कूल में मध्याह्न भोजन पकाने का काम करती हैं. जिले के मठ और संगठन उनकी तलाश में हुच्चम्मा के गांव आये और उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया. इसी बीच राज्य सरकार का प्रतिष्ठित पुरस्कार राज्योत्सव पुरस्कार जिलेवासियों के लिए खुशी लेकर आया है.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हुचम्मा चौधरी ने कहा कि 'मैं पुरस्कार पाकर बहुत खुश हूं. पहले भी कई तारीफें मिल चुकी हैं. मैंने अपनी दो एकड़ जमीन स्कूल को दान कर दी. स्कूल को जमीन दान किये हुए 30 साल हो गये हैं. मेरी कोई संतान नहीं है. मेरे पति का जल्दी ही निधन हो गया. गांव वालों ने मुझे स्कूल में रसोइया की नौकरी के लिए चुन लिया. मैं यह पुरस्कार कोप्पल गविसिद्धेश्वर मठ के गविसिद्धेश्वर स्वामी को समर्पित करती हूं.'