तुमकुर: तिप्तूर तालुक के नोनाविनकेरे होबली के बेलगेरेहल्ली में एक फर्जी डॉक्टर दंपति के नकली आईवीएफ उपचार के कारण एक महिला की मौत हो गई. आरोपी फर्जी डॉक्टर दंपति ने निःसंतान दंपति को झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठ लिए थे. मृतक महिला की पहचान ममता (34) के रूप में हुई है. ममता ने 15 साल पहले मल्लिकार्जुन से शादी की थी. दंपति के बच्चे नहीं थे. हालांकि, उनकी शादी को 15 साल हो चुके थे. बच्चे की चाहत में दंपति कई अस्पताल गए. इस बीच मांड्या स्थित मंजूनाथ और उडुपी स्थित वाणी के फर्जी डॉक्टर दंपति ने ममता और मल्लिकार्जुन से संपर्क किया और उन्हें बताया कि आईवीएफ उपचार के माध्यम से वे बच्चे पैदा करने में सक्षम हो सकेंगे. साथ ही फर्जी डॉक्टर दंपति ने 4 लाख लेकर 4 महीने तक अवैज्ञानिक तरीके से आईवीएफ से ममता का इलाज किया.
इलाज से कई बीमारियां : तब डॉक्टर दंपति ने उन्हें बताया था कि आपके गर्भ में बच्चा पल रहा है और इस तरह से और पैसे मांगे. कुछ दिनों बाद ममता को पेट में दर्द का एहसास हुआ. दूसरे अस्पताल में भर्ती होने पर पता चला कि वह गर्भवती नहीं है. फर्जी इलाज के कारण ममता कई बामारियों से घिर गयीं. वह गर्भाशय, गुर्दे, हृदय और मस्तिष्क की बीमारी से पीड़ित हो गईं. उनका बैंगलोर के सेंट जॉन्स हॉस्पिटल में तीन महीने तक और तुमकुर में श्रीदेवी हॉस्पिटल इलाज चला. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर पति ने ममता को टीपातूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करावाया. आखिरकार शनिवार को ममता का निधन हो गया.
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दूसरों का इलाज करने वाले फर्जी डॉक्टर: पति मल्लिकार्जुन फर्जी डॉक्टर दंपति के चंगुल में फंसकर बर्बाद हो गये. उन्हे आर्थिक नुकसान के साथ साथ अपनी पत्नी को भी गंवाना पड़ा. यह बताया गया कि फर्जी डॉक्टर दंपत्ति ने तिपातुर, थिरुवेकेरे और अरासीकेरे गांवों में कई निःसंतान दंपत्तियों के इलाज के नाम पर लाखों रुपये ऐंठे. फर्जी डॉक्टर वाणी और मंजूनाथ के खिलाफ नोनवनेकेरे थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस जांच में यह पता चला है कि आरोपी वाणी और मंजूनाथ ने कोई मेडिकल डिग्री प्राप्त नहीं की थी. पुलिस ने फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में सौंप दिया है.