कोयम्बटूर: तमिलनाडु के धर्मपुरी और कृष्णागिरी जिलों की सीमा से लगे होजेनक्कल और ढेंकनिकोट्टई जंगलों से जंगली हाथियों का भोजन और पानी की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश करना एक आम बात है. पिछले कुछ महीनों से, एक मैग्ना हाथी (वयस्क नर हाथी जिनके दांत नहीं होते) कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. इस मामले में, जिला वन विभाग ने वन रक्षकों के साथ मिलकर इस हाथी को वन क्षेत्र में भगाने का प्रयास किया.
लेकिन वह हाथी वन क्षेत्र में नहीं घुसा और कृषि फसलों को नुकसान पहुंचाता रहा. 5 फरवरी को तमिलनाडु वन विभाग ने कुमकी हाथी (वन विभाग द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला पालतू हाथी) की मदद से धर्मपुरी जिले के पालाकोड के बगल में पेरियूर ईचमपल्लम इलाके में मैग्ना हाथी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर पकड़ लिया. इसके बाद, 6 तारीख को हाथी को कोयम्बटूर जिले के तापसीलिप वन अभ्यारण्य के अंतर्गत वरगज़ियार वन क्षेत्र में छोड़ा गया. वन विभाग लगातार हाथी पर नजर रख रहा था.
करीब 10 दिन से जंगल में विचरण कर रहा यह मैग्ना हाथी चेतुमदाई क्षेत्र में चला गया. फिर मंगलवार को गांव के इलाके में यह हाथी घुसा और बिना रुके यह अपना ठिकाना बदलता रहा. वह कोयंबटूर पोलाची सहित क्षेत्रों को पार कर गया. पलक्कड़ रोड पार कर हाथी मधुकरई जंगल की ओर बढ़ रहा था. बुधवार 22 फरवरी को वन विभाग कुनियामुथुर, कोयंबटूर के बगल में पीके पुतुर क्षेत्र से वन क्षेत्र में इस मैग्ना हाथी को खदेड़ने में लगा रहा.
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सड़क पर हाथी को आते देख वाहन चालकों के चीखने चिल्लाने से वहां हड़कंप मच गया. ग्रामीण क्षेत्र में जंगली हाथी की चहलकदमी से ग्रामीण सहम गए. इस हाथी को भगाने के वन विभाग के सभी प्रयास विफल रहे. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वन विभाग लगातार हाथी पर नजर रख रहा है. हाथी की आवाजाही को लेकर गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. मैग्ना हाथी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देकर पकड़ने का काम जारी है.