जोरहाट: असम अपने समृद्ध प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों के अलावा कई जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है. ऐसा ही एक जानवर है हाथी. स्वाभाविक रूप से राज्य में मानव-हाथी संघर्ष के कई मामले देखे गए हैं, खासकर बरसात के मौसम के दौरान. बाढ़ के मौसम में कई अन्य जानवरों की तरह हाथियों का झुंड भी भोजन और पानी की तलाश में जंगल से निकलकर मानव-बस्ती क्षेत्रों की ओर आ जाता है. लेकिन कई मौकों पर खाने की तलाश में ऐसे जानवर मुसीबत में पड़ जाते हैं.
ऐसे ही एक मामला सोमवार को असम के मारियानी में एक चाय बागान में सामने आया. जोरहाट जिले में स्थित मारियानी के हुलोंगुरी चाय बागान में एक जंगली हाथी का बच्चा एक कंक्रीट की पानी की टंकी में फंसा हुआ पाया गया. चाय बागान के पास गिब्बन अभयारण्य से निकला हाथी का बच्चा अचानक बगीचे के कीटनाशक जैसे रसायन बनाने वाले पानी के टैंक में गिर गया.
हाथी का बच्चा कई घंटों तक वहीं फंसा रहा, आखिरकार, स्थानीय लोग उसे बचाने में कामयाब रहे और उसे पास के गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ दिया. वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई लेकिन वे कई घंटे देरी से घटनास्थल पर पहुंचे.
ऐसी ही घटना एक साल पहले जिले के कथलगुड़ी चाय बागान में भी घटी थी. उद्यान अधिकारियों ने फिर वही गलती की.स्थानीय लोगों ने कहा है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमी और उद्यान प्राधिकरण की लापरवाही के कारण बार-बार ऐसी घटना सामने आ रही है.