केन्दुझर : ओडिशा के एक परिवार की खुशी का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा, जब उनका पालतू सूअर घर वापस लौट आया. पालतू जंगली जानवर, जिन्हें कथित तौर पर वनकर्मियों द्वारा एक हफ्ते पहले ही परिवार से जबरन दूर कर दिया गया था. अब तेलोकी वन रेंज (Telkoi forest range) कर्मियों ने उन्हें बुधवार को वापस उनके घर छोड़ दिया.
अपने पालतू सूअर की घर वापसी से केन्दुझर (kendujhar) जिले के पुरुषोत्तमपुर गांव (Purushottampur village) की कुंतला कुमारी और उनका परिवार खुशी से फूला नहीं समाया. धुद (Dhud), कुंतला कुमारी का पालतू है, जो उनके परिवार का एक अभिन्न अंग है. कुंतला का परिवार धुद को अपने घर के सदस्य की तरह ही प्यार करता है. परिवार जो भी कुछ खाता-पिता वही वो अपने पालतू धुद को भी खिलाते हैं.
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कुंतला कुमारी को धुद जंगल में मिला था, जो अब उनके परिवार के एक सदस्य के रूप में उनके साथ रह रहा है. जब उनके पालतू सूअर को उनसे दूर कर दिया गया था, तब कुंतला और उनका परिवार काफी दुखी था. वह प्रतिदिन उसकी वापसी की राह ताकंते रहते, लेकिन उनके हाथ सिर्फ निराशा लगती, लेकिन एक हफ्ते बाद जब उनका पालतू धुद वापस घर लौटा, तो उनकी खुशी देखते बन रही थी. धुद को देखते ही कुंतला की आंखों से खुशी के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे.
बताया जाता है कि कुछ ग्रामीणों ने गांव से 25 किलोमीटर दूर कमलंग अभ्यारण्य (Kamalang reserve forest) में सुअरों को मारते हुए देखा था, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने कुंतला कुमारी को दी, क्योंकि घर की सुख-सुविधाओं के बीच कुंतला बचपन से ही सूअर को पाल रही थीं. ग्रामीणों को लगा कि कुंतला को यह बताना सही होगा कि जगंल में सूअरों के साथ क्या हो रहा है, ताकि कुंतला उन्हें बचा सकें. जानकारी मिलते ही कुंतला और उनका परिवार उन ठिकानों पर पहुंचा, जहां सूअरों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा था, जहां उन्होंने एक सूअर को लंगड़ाते देखा.
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इस दौरान जंगल में भटकते घायल लंगड़ाते सूअरों को देख कुंतला और उनकी बेटी का दिल पसीज गया और उन्होंने उसे कच्चा चावल खिलाया, जिसके बाद कुंतला उन लावरिस सूअरों को अपने साथ अपने घर ले आईं, लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद तेलोकी वन रेंज कर्मी सूअरों को जबरदस्ती अपने साथ ले गए.