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Manipur Video : '75 दिनों तक वीडियो किसने छिपाया', शिकायत दर्ज होने के बाद भी एफआईआर में क्यों हुई देरी ? - 75 दिनों तक वीडियो किसने छिपाया

मणिपुर की घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है. जिस तरीके से दो महिलाओं को बिना कपड़े के भीड़ ने परेड कराया, उसका वीडियो बनाया, और पुलिस जिस तरीके शिकायत दर्ज होने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं कर सकी, यह घटना बहुत सारे सवालों को जन्म दे रही है. उतना ही महत्वपूर्ण सवाल इस घटना के वीडियो को 75 दिनों तक छिपाने का है. आखिर किसने इसे दबाकर रखा और इसे संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले किसने सार्वजनिक किया, यानी कहीं उनका मकसद राजनीति करना तो नहीं था ? और ऐसा था, तो इससे कुत्सित मानसिकता कुछ भी नहीं हो सकती है.

Manipur
मणिपुर
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Published : Jul 23, 2023, 5:48 PM IST

Updated : Jul 23, 2023, 7:31 PM IST

नई दिल्ली / इंफाल : मणिपुर के वीडियो ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. वहां पर अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है. कुकी और मैतेई समुदाय के बीच अविश्वास बढ़ता ही जा रहा है. मणिुपर के पड़ोसी राज्य मिजोरम में रहने वाले मैतेई खौफ में जी रहे हैं. बल्कि उनमें से अधिकांश लोगों ने मिजोरम छोड़ने की शुरुआत कर दी है. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मणिपुर के हालात कितने खराब हैं. ऊपर से सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. विपक्षी दल सरकार पर टूट पड़े हैं, जबकि सरकार विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हो रही महिलाओं के खिलाफ हिंसा का बार-बार जिक्र कर रही है. दो दिनों से संसद में भी इस मामले की गूंज सुनाई दे रही है. बहुत संभव है कि सोमवार को पक्ष और विपक्ष के बीच कोई सहमति हो जाए, और इस मुद्दे पर चर्चा हो सके.

बहरहाल, इन सबों के बीच एक सवाल जो सबको हैरान कर रहा है, वह है इस वीडियो का देरी से सामने आना. वीडियो चार मई का है. मणिपुर के कांगपोकपी जिले की यह घटना है. दो महिलाओं को बिना कपड़े के घुमाया गया. उनके खिलाफ टिप्पणियां की गईं. पीड़ित महिलाएं और उसे परेड कराने वाले अलग-अलग समुदाय से हैं. कथित तौर पर इस घटना के बाद ही मणिपुर में हिंसा फैली थी.

  • The tragedy doesn’t end for Manipur!

    An 18-year-old girl was handed over to four armed men by women vigilantes. She was later assaulted and gang-raped in Imphal East in Manipur on May 15.

    If such brutal cases are coming in the public eye after more than a month, what's still…

    — All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से यह वीडियो सबके सामने देरी से आया. लेकिन असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने से ठीक एक दिन पहले वीडियो का सामने आना राजनीति से प्रेरित लग रहा है. केंद्रयी मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, विपक्षी नेताओं को इसकी जनकारी थी.

मीडिया में जो खबरें आ रहीं हैं, उसके अनुसार यह घटना बी.फैनोम गांव में घटी. यह गांव भाजपा विधायक के इलाके में आता है. विधायक का नाम - थोकचोम राधेश्याम सिंह है. राधेश्याम एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं. वह मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सलाहकार भी थे. इस घटना के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

  • #WATCH | Kerala Governor Arif Mohammed Khan says, "My head hangs in shame. Not just Manipur, I do not have words to express my pain and anguish. How somebody can be so inhuman and so brute to deal with women in such a manner. And I am certain in my mind that the law and order… pic.twitter.com/0tgAVBeMOh

    — ANI (@ANI) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अब सवाल ये है कि जिस गांव में घटना हुई, वहां रह रहे लोगों को इसके बारे में जानकारी थी, फिर भी पुलिस को शिकायत 18 मई को क्यों की गई. शिकायत उस गांव के मुखिया थांगबोई वैफेई ने की. सैकुल पुलिस थाने में शिकायत दी गई थी. सवाल ये भी पूछा जाना चाहिए कि गांव के मुखिया ने भी देरी क्यों की ?

इसके बाद यह खबर एक लोकल पोर्टल पर छपी. पोर्टल का नाम है - हिल्स जर्नल. लेकिन इंटरनेट बैन होने की वजह से इसकी पहुंच सीमित रही. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि स्थानीय प्रशासन इससे बेखबर क्यों रहा " पुलिस ने शिकायत दर्ज होने के बावजूद एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की ?

इस सवाल पर पुलिस ने मीडिया को बयान दिया है कि राज्य में ऐसी कई वारदातें हुईं हैं. इसलिए किसी भी घटना की तह तक पहुंचने में समय लगता है. खुद सीएम ने कहा कि पुलिस पर बहुत ज्यादा दबाव है. हर मामले की पड़ताल करनी पड़ती है, इसलिए समय लगना लाजिमी है.

  • #WATCH | Srinagar: Manipur is a tragedy for all of us. Hatred is being increased for the chair (power)...The whole world is talking about it. He (PM) has also replied on this (on the Manipur incident), but he should have said it in Parliament: National Conference President Farooq… pic.twitter.com/ez9cFfLPkW

    — ANI (@ANI) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीरा पैबिस एक महिला निगरानी समूह है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसने वीडियो सर्कुलेट होने पर रोक लगा दी थी. ऊपर से इंटरनेट बैन पर बैन ने रही-सही कसर निकाल दी. मीरा पैबिस मैतेई समुदाय के बीच प्रभाव रखती है. उनमें नैतिकता को लेकर जोर देती रही है. 1977 से ही यह संस्था सक्रिय है. तब इसने शराब और ड्रग्स के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. उसके बाद यह राज्य में लगातार अन्य मुद्दों को उठाती रही है.

इंडिया टुडे में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक पैबिस ने इस वीडियो के सर्कुलेशन पर रोक लगा दी थी. लेकिन जब वीडियो किसी नेता के हाथों लग गया, तो फिर वे समय का इंतजार करने लगे. सूत्र ये भी बताते हैं कि मैतेई नेताओं ने कुकी समुदाय के सूमूरों तक ये लीक किया. हाल के हिंसा के दौरान यह भी आरोप लगा है कि मीर पैबिस ने सेना के काफिले को रोका और उग्रवादियों को रिहा कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

क्या कहा इरोम शर्मिला ने - सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने पूरी घटना को अमानवीय और बहुत ही परेशान करने वाला बताया है. शर्मिला ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब से वह वीडियो सामने आया है, तब से मेरे आंसू सूख नहीं रहे हैं. उन्होंने मणिपुर से अफ्स्पा हटाने की भी मांगी है.

  • #WATCH | Bengaluru: On Manipur violence, Indian Civil Rights Activist Irom Chanu Sharmila says, "I want to appeal that we all are human beings. What is the need for all such hatred? As humans, we own nothing while living and can't take anything from this world when we die...We… pic.twitter.com/hgsf3K2x6C

    — ANI (@ANI) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनका कहना है कि सरकार द्वारा इंटरनेट पर बैन लगाए जाने से स्थिति और भी खराब हो गई. उन्होंने कहा कि अगर इंटरनेट पर बैन नहीं होता, तो ऐसी घटना के बाद इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो सकती थी.

तमिलनाडु के सीएम ने मणिपुर के खिलाड़ियों को दिया निमंत्रण - मणिपुर की स्थिति को देखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने वहां के खिलाड़ियों को अपने राज्य में आकर ट्रेनिंग प्राप्त करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि खेल इंडिया प्रतियोगिता शुरू होने से पहले स्पोर्ट्सपर्सन अगर यहां आना चाहते हैं, तो उन्हें सारी सुविधाएं दी जाएंगी.

  • Understanding the current challenges faced by Manipur sportspersons, I cordially invite athletes from Manipur for sports training in Tamil Nadu ahead of #KheloIndia2024. Hon'ble Minister @Udhaystalin has also promised his support to facilitate their stay and training here.

    Let's… https://t.co/aHA9nqOTM8

    — M.K.Stalin (@mkstalin) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें : मणिपुर जातीय हिंसा की आग मिजोरम पहुंची, मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने की धमकी, सरकार अलर्ट

नई दिल्ली / इंफाल : मणिपुर के वीडियो ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. वहां पर अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है. कुकी और मैतेई समुदाय के बीच अविश्वास बढ़ता ही जा रहा है. मणिुपर के पड़ोसी राज्य मिजोरम में रहने वाले मैतेई खौफ में जी रहे हैं. बल्कि उनमें से अधिकांश लोगों ने मिजोरम छोड़ने की शुरुआत कर दी है. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मणिपुर के हालात कितने खराब हैं. ऊपर से सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. विपक्षी दल सरकार पर टूट पड़े हैं, जबकि सरकार विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हो रही महिलाओं के खिलाफ हिंसा का बार-बार जिक्र कर रही है. दो दिनों से संसद में भी इस मामले की गूंज सुनाई दे रही है. बहुत संभव है कि सोमवार को पक्ष और विपक्ष के बीच कोई सहमति हो जाए, और इस मुद्दे पर चर्चा हो सके.

बहरहाल, इन सबों के बीच एक सवाल जो सबको हैरान कर रहा है, वह है इस वीडियो का देरी से सामने आना. वीडियो चार मई का है. मणिपुर के कांगपोकपी जिले की यह घटना है. दो महिलाओं को बिना कपड़े के घुमाया गया. उनके खिलाफ टिप्पणियां की गईं. पीड़ित महिलाएं और उसे परेड कराने वाले अलग-अलग समुदाय से हैं. कथित तौर पर इस घटना के बाद ही मणिपुर में हिंसा फैली थी.

  • The tragedy doesn’t end for Manipur!

    An 18-year-old girl was handed over to four armed men by women vigilantes. She was later assaulted and gang-raped in Imphal East in Manipur on May 15.

    If such brutal cases are coming in the public eye after more than a month, what's still…

    — All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटरनेट बंद होने की वजह से यह वीडियो सबके सामने देरी से आया. लेकिन असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने से ठीक एक दिन पहले वीडियो का सामने आना राजनीति से प्रेरित लग रहा है. केंद्रयी मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है, विपक्षी नेताओं को इसकी जनकारी थी.

मीडिया में जो खबरें आ रहीं हैं, उसके अनुसार यह घटना बी.फैनोम गांव में घटी. यह गांव भाजपा विधायक के इलाके में आता है. विधायक का नाम - थोकचोम राधेश्याम सिंह है. राधेश्याम एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं. वह मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सलाहकार भी थे. इस घटना के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

  • #WATCH | Kerala Governor Arif Mohammed Khan says, "My head hangs in shame. Not just Manipur, I do not have words to express my pain and anguish. How somebody can be so inhuman and so brute to deal with women in such a manner. And I am certain in my mind that the law and order… pic.twitter.com/0tgAVBeMOh

    — ANI (@ANI) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अब सवाल ये है कि जिस गांव में घटना हुई, वहां रह रहे लोगों को इसके बारे में जानकारी थी, फिर भी पुलिस को शिकायत 18 मई को क्यों की गई. शिकायत उस गांव के मुखिया थांगबोई वैफेई ने की. सैकुल पुलिस थाने में शिकायत दी गई थी. सवाल ये भी पूछा जाना चाहिए कि गांव के मुखिया ने भी देरी क्यों की ?

इसके बाद यह खबर एक लोकल पोर्टल पर छपी. पोर्टल का नाम है - हिल्स जर्नल. लेकिन इंटरनेट बैन होने की वजह से इसकी पहुंच सीमित रही. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि स्थानीय प्रशासन इससे बेखबर क्यों रहा " पुलिस ने शिकायत दर्ज होने के बावजूद एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की ?

इस सवाल पर पुलिस ने मीडिया को बयान दिया है कि राज्य में ऐसी कई वारदातें हुईं हैं. इसलिए किसी भी घटना की तह तक पहुंचने में समय लगता है. खुद सीएम ने कहा कि पुलिस पर बहुत ज्यादा दबाव है. हर मामले की पड़ताल करनी पड़ती है, इसलिए समय लगना लाजिमी है.

  • #WATCH | Srinagar: Manipur is a tragedy for all of us. Hatred is being increased for the chair (power)...The whole world is talking about it. He (PM) has also replied on this (on the Manipur incident), but he should have said it in Parliament: National Conference President Farooq… pic.twitter.com/ez9cFfLPkW

    — ANI (@ANI) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मीरा पैबिस एक महिला निगरानी समूह है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसने वीडियो सर्कुलेट होने पर रोक लगा दी थी. ऊपर से इंटरनेट बैन पर बैन ने रही-सही कसर निकाल दी. मीरा पैबिस मैतेई समुदाय के बीच प्रभाव रखती है. उनमें नैतिकता को लेकर जोर देती रही है. 1977 से ही यह संस्था सक्रिय है. तब इसने शराब और ड्रग्स के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. उसके बाद यह राज्य में लगातार अन्य मुद्दों को उठाती रही है.

इंडिया टुडे में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक पैबिस ने इस वीडियो के सर्कुलेशन पर रोक लगा दी थी. लेकिन जब वीडियो किसी नेता के हाथों लग गया, तो फिर वे समय का इंतजार करने लगे. सूत्र ये भी बताते हैं कि मैतेई नेताओं ने कुकी समुदाय के सूमूरों तक ये लीक किया. हाल के हिंसा के दौरान यह भी आरोप लगा है कि मीर पैबिस ने सेना के काफिले को रोका और उग्रवादियों को रिहा कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

क्या कहा इरोम शर्मिला ने - सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने पूरी घटना को अमानवीय और बहुत ही परेशान करने वाला बताया है. शर्मिला ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब से वह वीडियो सामने आया है, तब से मेरे आंसू सूख नहीं रहे हैं. उन्होंने मणिपुर से अफ्स्पा हटाने की भी मांगी है.

  • #WATCH | Bengaluru: On Manipur violence, Indian Civil Rights Activist Irom Chanu Sharmila says, "I want to appeal that we all are human beings. What is the need for all such hatred? As humans, we own nothing while living and can't take anything from this world when we die...We… pic.twitter.com/hgsf3K2x6C

    — ANI (@ANI) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनका कहना है कि सरकार द्वारा इंटरनेट पर बैन लगाए जाने से स्थिति और भी खराब हो गई. उन्होंने कहा कि अगर इंटरनेट पर बैन नहीं होता, तो ऐसी घटना के बाद इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई हो सकती थी.

तमिलनाडु के सीएम ने मणिपुर के खिलाड़ियों को दिया निमंत्रण - मणिपुर की स्थिति को देखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने वहां के खिलाड़ियों को अपने राज्य में आकर ट्रेनिंग प्राप्त करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि खेल इंडिया प्रतियोगिता शुरू होने से पहले स्पोर्ट्सपर्सन अगर यहां आना चाहते हैं, तो उन्हें सारी सुविधाएं दी जाएंगी.

  • Understanding the current challenges faced by Manipur sportspersons, I cordially invite athletes from Manipur for sports training in Tamil Nadu ahead of #KheloIndia2024. Hon'ble Minister @Udhaystalin has also promised his support to facilitate their stay and training here.

    Let's… https://t.co/aHA9nqOTM8

    — M.K.Stalin (@mkstalin) July 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें : मणिपुर जातीय हिंसा की आग मिजोरम पहुंची, मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने की धमकी, सरकार अलर्ट

Last Updated : Jul 23, 2023, 7:31 PM IST
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