शिमला: कांग्रेस में सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सीएम (Himachal CM sukhwinder singh sukhu) और मुकेश अग्निहोत्री के डिप्टी सीएम (Himachal Deputy CM Mukesh agnihotri) बनने के बाद अब मंत्रियों की कुर्सी के लिए जोर-आजमाइश का दौर है. हालांकि अभी सीएम सुखविंद्र सिंह व डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ही शपथ ले रहे हैं, लेकिन झंडी वाली कार के लिए अन्य नेताओं ने अपने-अपने दांव चलना शुरू कर दिए हैं. जाहिर है, इस रेस में सुखविंद्र समर्थक नेता ही दौड़ में आगे हैं. वहीं, सरकार में मंत्री बनाने के लिए जिला, कास्ट व लगातार जीत जैसे क्राइटेरिया देख कर संतुलन बनाना होगा.
चूंकि अब दो पद तय हो गए हैं, लिहाजा दस मंत्री बनेंगे. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का पद भी है. यानी कुल मिलाकर 12 नेता एडजस्ट होंगे. चालीस सीटें जीतकर सत्ता में आई कांग्रेस में अब कद्दावर नेता झंडी वाली कार के लिए भी सक्रिय हो गए हैं. पार्टी में निरंतर जीत कर आए नेताओं की संख्या काफी है और मंत्रियों की कुर्सी कम पड़ने के आसार हैं. कारण ये है कि मंत्री सीमित ही हो सकते हैं और महत्वाकांक्षा रखने वाले असीम प्रतीत हो रहे हैं.(New cabinet ministers of Himachal government).
झंडी के तलबगारों पर निगाह डालें तो इस समय धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, जगत सिंह नेगी, हर्षवर्धन चौहान, सुधीर शर्मा, अनिरुद्ध सिंह, विनय कुमार, इंद्र दत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा, रोहित ठाकुर, राजेश धर्माणी, नंदलाल, सुंदर ठाकुर, कुलदीप सिंह पठानिया, भवानी पठानिया, विक्रमादित्य सिंह व कुलदीप सिंह राठौर का नाम चर्चा में है। सरकार में सीएम को मिलाकर कुल 12 लोग मंत्रिमंडल में होते हैं. इसके अलावा एक विधानसभा अध्यक्ष व एक विधानसभा उपाध्यक्ष का पद है. यानी कुल मिलाकर 14 लोग एडजस्ट हो सकते हैं.
चूंकि सरकार का रास्ता कांगड़ा से होकर गुजरता है और कांग्रेस को यहां अच्छी सफलता मिली है, लिहाजा इस पर भी लोगों की नजर रहेगी कि कांगड़ा से कुल कितने मंत्री बनते हैं. साथ ही ये भी एक रोचक तथ्य होगा कि क्या मंत्रियों को हराने वाले नेताओं को कोई तोहफा दिया जाता है या नहीं. क्या उन्हें कैबिनेट में जगह मिलेगी या नहीं. किस जिला को कैसे प्रतिनिधित्व मिलता है, ये भी देखना होगा. ये देखना भी दिलचस्प होगा कि कांग्रेस सरकार सीपीएस व पीएस बनाती है या नहीं.
इसके अलावा हारे हुए प्रमुख नेताओं को निगमों व बोर्डों में चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के पद का इंतजार रहेगा. कांगड़ा जिला पर नजर डालें तो सुधीर शर्मा, चंद्र कुमार, भवानी पठानिया का नाम आगे है. इसी तरह शिमला जिला से अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह व कुलदीप राठौर का नाम है, लेकिन अकेले शिमला जिला से चार नेता कैसे एडजस्ट होंगे, ये देखना होगा. जनजातीय जिला किन्नौर के कोटे से जगत सिंह नेगी को शामिल करना होगा. वे विधानसभा अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं.
सोलन से सीनियर नेता धनीराम शांडिल, सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान व विनय कुमार को एकोमोडेट करना होगा. हमीरपुर से राजेंद्र राणा व इंद्रदत्त लखनपाल सूची में हैं. बिलासपुर में जेपी नड्डा के गृह जिला से उनके समर्थक मंत्री राजेंद्र गर्ग को परास्त कर आए राजेश धर्माणी का नाम है. देखना है कि कांग्रेस जिलों के नेताओं के बीच कैसे संतुलन बनाएगी.(Congress Govt in Himachal).
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