नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है और कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. जो चिंता का विषय है. लोगों को इसे लेकर आगाह करने और कोरोना गाइडलाइंस का पालन कराने में सरकार अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रही है. लेकिन चिंता का विषय है कि लोग कोरोना को लेकर ज्यादा सजग नहीं हैं, वे बिना मास्क के भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज तक नहीं कर रहे.
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है. लेकिन बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी सरकार समेत देश के सभी राज्य अपने-अपने स्तर पर काेराेना से बचाव और काेराेना गाइडलाइंस के पालन कराने पर काम कर रहे हैं.
वहीं लाेगाें में इसे लेकर लापरवाही साफ ताैर पर देखी जा सकती है. लाेग काेराेना नियमाें से बेपरवाह घूम रहे हैं, चाहे स्टेशन हाे, बस अड्डा या बाजार. लाेग बिना मास्क के ही घूम रहे हैं. पुलिस जहां-जहां सख्ती करती है वहीं लाेगाें काे मास्क पहने देखा जा सकता है.
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लाेगाें के बेपरवाह हाेने के पीछे कारण यह भी है कि काेराेना की वैक्सीन आ गई है. लाेगाें काे लगता है कि कुछ भी हाे वैक्सीन ताे है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञाें की मानें, ताे काेई भी वैक्सीन किसी भी बीमारी से सुरक्षा की साै फीसदी गारंटी नहीं दे सकती. इसलिए वैक्सीन लेने और काेराेना से उबरने के बाद भी मास्क पहनने और गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी कर दिया गया है.