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Who Behind Amritpal: पंजाब को तोड़ने की थी साजिश, जानें कौन है अमृतपाल का आका - अमृतपाल का आका

पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को मोगा से गिरफ्तार कर लिया है. अमृतपाल ने 5 महीने में सरकार को तीन बार चेतावनी दी थी. आपको बताते हैं कि अमृतपाल सिंह के पीछे आखिर किसका हाथ था?

Who Behind Amritpal
अमृतपाल का आका
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Published : Apr 23, 2023, 1:07 PM IST

नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने आज सुबह पंजाब के मोगा में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. 18 मार्च से अमृतपाल फरार चल रहा था. अमृतपाल ने करीब पांच महीने पहले 'वारिस पंजाब दे' संगठन की कमान संभाली थी. उसके बाद से ही अमृतपाल लगातार सुर्खियों में चल रहा है. अमृतपाल ने 5 महीने में सरकार को तीन बार चेतावनी दी थी, जिसके बाद से वह सिख युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुबई से लौटे अमृतपाल को 29 सितंबर, 2022 में 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया, जिसके बाद अमृतपाल ने हजारों की भीड़ के सामने अलग खालिस्तान की मांग की हुंकार भरी थी. इसके बाद अमृतपाल ने रैली की. रैली के दौरान अमृतपाल ने कहा था कि वो किसी भी कीमत पर सिख समुदाय को स्वतंत्रता दिलाएगा. उसने जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना प्रेरणास्रोत बताया था. अमृतपाल ने सिखों के सामने कहा था कि अभी हम गुलाम हैं, जब तक खालिस्तान नहीं ले लेंगे, तबतक हमें आजादी नहीं मिलेगी.

ये भी पढ़ें- Amritpal Singh's Arrest Timeline : साजिश और कार्रवाई के पांच महीने, जानें कब क्या हुआ

पांच महीने में सरकार को तीन बार दी चेतावनी

पहली चेतावनी- अमृतपाल सिंह ने सरकार को पहली चेतावनी 29 सितंबर, 2022 को दी थी. इस दौरान अमृतपाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार पंजाब में सिखों को पछाड़ने के लिए यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों को आगे कर रही है. दिल्ली की हुकूमत अपने इरादों में कामयाब नहीं होगी. अमृतपाल ने कहा कि 'पंजाब आजाद होकर रहेगा'.

दूसरी चेतावनी- उसके बाद अमृतपाल ने 30 अक्टूबर, 2022 को अमृतसर में कहा था कि 'मैं हर उस इंसान के साथ हूं, जो खालिस्तान का समर्थन करता है.' उसने मीडिया से सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से कहा था कि वो केंद्र सरकार के हिसाब से न चले. सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को अपना संविधान खुद तैयार करना चाहिए.

तीसरी चेतावनी- अमृतपाल ने 23 फरवरी, 2023 को कहा था कि खालिस्तान की मांग को इंदिरा गांधी के समय से दबाया जा रहा है. खालिस्तान की आवाज दबाने वाली इंदिरा गांधी को उसका खामियाजा भुगतना पडा. अमृतपाल ने पीएम मोदी, अमित शाह और भगवंत मान को संबोधित करते हुए कहा था कि उसे कोई भी नहीं रोक सकता.

ये भी पढ़ें- Amritpal arrested: जानिए कौन है अमृतपाल, क्यों था पंजाब का मोस्ट वॉन्टेड

भिंडरावाले को मानता गुरू मानता है अमृतपाल: पंजाब में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाला अमृतपाल मशहूर खालिस्तानी समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना गुरू मानता है. 18 साल की उम्र में दुबई गया अमृतपाल 2022 में लौटा, जिसके बाद वह 'वारिस पंजाब दे' का सदस्य बन गया. अमृतपाल, भिंडरावाले की तरह ही भारी-भरकम पगड़ी पहनता है. अमृतपाल अपनी हर जनसभा में 'राज करेगा खालसा' का नारा लगाता था.

अमृतपाल सिंह के पीछे कौन: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब में 'खालिस्तान आंदोलन' को भड़काने के पीछे पाकिस्तान की सेना, उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है. इसके अलावा कुछ विदेशी खालिस्तान समर्थक संस्थाएं भी अमृतपाल सिंह को फंडिंग करती रही हैं.

नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने आज सुबह पंजाब के मोगा में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. 18 मार्च से अमृतपाल फरार चल रहा था. अमृतपाल ने करीब पांच महीने पहले 'वारिस पंजाब दे' संगठन की कमान संभाली थी. उसके बाद से ही अमृतपाल लगातार सुर्खियों में चल रहा है. अमृतपाल ने 5 महीने में सरकार को तीन बार चेतावनी दी थी, जिसके बाद से वह सिख युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुबई से लौटे अमृतपाल को 29 सितंबर, 2022 में 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया, जिसके बाद अमृतपाल ने हजारों की भीड़ के सामने अलग खालिस्तान की मांग की हुंकार भरी थी. इसके बाद अमृतपाल ने रैली की. रैली के दौरान अमृतपाल ने कहा था कि वो किसी भी कीमत पर सिख समुदाय को स्वतंत्रता दिलाएगा. उसने जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना प्रेरणास्रोत बताया था. अमृतपाल ने सिखों के सामने कहा था कि अभी हम गुलाम हैं, जब तक खालिस्तान नहीं ले लेंगे, तबतक हमें आजादी नहीं मिलेगी.

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पांच महीने में सरकार को तीन बार दी चेतावनी

पहली चेतावनी- अमृतपाल सिंह ने सरकार को पहली चेतावनी 29 सितंबर, 2022 को दी थी. इस दौरान अमृतपाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार पंजाब में सिखों को पछाड़ने के लिए यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों को आगे कर रही है. दिल्ली की हुकूमत अपने इरादों में कामयाब नहीं होगी. अमृतपाल ने कहा कि 'पंजाब आजाद होकर रहेगा'.

दूसरी चेतावनी- उसके बाद अमृतपाल ने 30 अक्टूबर, 2022 को अमृतसर में कहा था कि 'मैं हर उस इंसान के साथ हूं, जो खालिस्तान का समर्थन करता है.' उसने मीडिया से सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से कहा था कि वो केंद्र सरकार के हिसाब से न चले. सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को अपना संविधान खुद तैयार करना चाहिए.

तीसरी चेतावनी- अमृतपाल ने 23 फरवरी, 2023 को कहा था कि खालिस्तान की मांग को इंदिरा गांधी के समय से दबाया जा रहा है. खालिस्तान की आवाज दबाने वाली इंदिरा गांधी को उसका खामियाजा भुगतना पडा. अमृतपाल ने पीएम मोदी, अमित शाह और भगवंत मान को संबोधित करते हुए कहा था कि उसे कोई भी नहीं रोक सकता.

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भिंडरावाले को मानता गुरू मानता है अमृतपाल: पंजाब में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव के रहने वाला अमृतपाल मशहूर खालिस्तानी समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना गुरू मानता है. 18 साल की उम्र में दुबई गया अमृतपाल 2022 में लौटा, जिसके बाद वह 'वारिस पंजाब दे' का सदस्य बन गया. अमृतपाल, भिंडरावाले की तरह ही भारी-भरकम पगड़ी पहनता है. अमृतपाल अपनी हर जनसभा में 'राज करेगा खालसा' का नारा लगाता था.

अमृतपाल सिंह के पीछे कौन: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब में 'खालिस्तान आंदोलन' को भड़काने के पीछे पाकिस्तान की सेना, उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है. इसके अलावा कुछ विदेशी खालिस्तान समर्थक संस्थाएं भी अमृतपाल सिंह को फंडिंग करती रही हैं.

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