जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 अब वैश्विक आपातकाल के योग्य नहीं है, जो विनाशकारी कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रतीकात्मक अंत को चिह्नित करता है. इस महामारी की वजह से एक समय में दुनिया के विभिन्न देशों में 'लॉकडाउन' लगाया गया था, जिससे दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुईं और कम से कम 70 लाख लोगों की मौत हो गई. डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण पूर्व एशिया व पश्चिम एशिया में संक्रमण के मामलों में आई हालिया तेजी के संदर्भ में कहा कि भले ही आपातकालीन दौर खत्म हो गया हो, महामारी का अंत नहीं हुआ है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि हर हफ्ते दुनिया भर में हजारों लोग अब भी संक्रमण से जान गंवा रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अद्यनोम घेब्रेयेसस ने कहा, "बहुत उम्मीद के साथ मैं घोषणा कर रहा हूं कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का दौर पार कर चुका है. इसका यह मतलब नहीं है कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के तौर पर खत्म हो गया है." संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने जब पहली बार 30 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस को एक अंतरराष्ट्रीय आपदा घोषित किया, तब तक इसे कोविड-19 नाम नहीं दिया गया था और चीन के बाहर इसका व्यापक प्रकोप भी नहीं था.
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तीन साल से अधिक समय के बाद, वायरस के कारण विश्व स्तर पर संक्रमण के अनुमानत: 76.4 करोड़ मामले सामने आए और लगभग पांच अरब लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है. अमेरिका में कोविड-19 के संबंध में की गई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन घोषणा 11 मई को समाप्त होने वाली है, जब टीके की अनिवार्यता सहित महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए अपनाए गए व्यापक उपाय समाप्त हो जाएंगे. जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों ने पिछले साल महामारी के खिलाफ लागू अपने कई प्रावधानों को हटा दिया था. डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को एक विशेषज्ञ समूह की बैठक के बाद शुक्रवार को अपने उच्चतम स्तर के अलर्ट को कम करने का फैसला किया.
(पीटीआई-भाषा)