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सुरक्षित पेयजल तक पहुंच, डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की रिपोर्ट

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Published : Jul 10, 2021, 4:45 PM IST

सुरक्षित जल आपूर्ति एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था का आधार होती है, फिर भी दुर्भाग्यवश विश्व स्तर पर इसे प्रमुखता नहीं दी गई है. इसके लिए डब्ल्यूएचओ / यूनिसेफ संयुक्त निगरानी कार्यक्रम शुरू किया.

drinking water
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हैदराबाद : पेय जल और साफ-सफाई की सुविधाएं, सबके लिए स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं. शुद्ध पेय जल की आपूर्ति और बुनियादी साफ-सफाई, मानव और पारिथितिकी तंत्र से आपस में इस प्रकार जुड़े हुए हैं कि वे समुचित स्वच्छता के साथ जुड़कर सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के सबसे महत्वपूर्ण घटक बन सकते हैं.

जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए डब्ल्यूएचओ / यूनिसेफ संयुक्त निगरानी कार्यक्रम (जेएमपी) की मुख्य विशेषताएं :

2015 में, सभी देशों ने 2030 तक सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और बुनियादी हाथ धोने की सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच की दिशा में काम करने का संकल्प लिया. हमने इस 15-वर्ष की अवधि में पूरे किए जाने वाले लक्ष्य का केवल एक तिहाई ही पूरा किया है. हम अभी भी सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने से बहुत दूर हैं. 26% लोगों को सुरक्षित पेयजल नहीं मिलता है. 50% अबादी सुरक्षित स्वच्छता से दूर है और लगभग एक तिहाई आबादी के पास साबुन और पानी की सुविधा नहीं है.

2030 तक पूरे किए जाने वाले लक्ष्यों की दौड़ में अब तक के 5 साल

2020 की स्थिति

  • 4 में से 1 व्यक्ति के पास सुरक्षित पेयजल की कमी.
  • 107 मिलियन लोगों को घर पर सुरक्षित पेयजल की सुविधा मिली.
  • 2.3 बिलियन लोगों के पास घर पर साबुन और पानी सहित बुनियादी स्वच्छता सेवाओं का अभाव था.
  • 2015 और 2020 के बीच 547 मिलियन लोगों को घर पर बुनियादी स्वच्छता सेवाएं मिली.
  • 3.6 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित स्वच्छता सेवाओं का अभाव रहा.
  • 115 मिलियन लोगों ने घर पर स्वच्छता सेवाएं प्राप्त की.
  • उप-सहारा अफ़्रीका में 70% लोगों के पास सुरक्षित पेयजल की कमी है
  • पानी, साफ-सफाई और स्वछता (WAter, Sanitation and Hygiene- WASH) सेवाओं की कमी वाले बहुत से लोग कम विकसित देशों में रहते हैं.
  • 2030 तक केवल 8 देश ही सुरक्षित स्वच्छता तक सार्वभौमिक पहुंच की राह पर हैं.
  • अमीर परिवारों के पास गरीब परिवारों की तुलना में बेहतर WASH सेवाएं हैं.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली जनसंख्या में 34% के पास स्वच्छता का अभाव है. वहीं, 20% लोगों के पास अभी भी बुनियादी जल सेवाएं नहीं है.

पढ़ें :- एशिया में एक अरब से अधिक लोगों को करना पड़ेगा पानी की कमी का सामना :अध्ययन

अगर हम इस दर पर वृद्धि जारी रखते हैं तो 2030 तक का अनुमान :

  • 2030 तक इस दर पर 1.9 अरब लोगों के पास घर पर बुनियादी स्वच्छता सेवाओं की कमी होगी.
  • इस दर पर 1.6 अरब लोगों के पास घरों में सुरक्षित पेयजल की कमी होगी.
  • 2.8 अरब लोगों के घर में सुरक्षित स्वच्छता (safe sanitation) की कमी होगी.
  • 1.6 बिलियन लोगों में से 81% लोगों के पास सुरक्षित पेयजल (safely managed drinking water) की सुविधा नहीं होगी.
  • 1.9 अरब लोगों में से 78% लोगों के पास बुनियादी हाथ धोने की सुविधा नहीं होगी.
  • 2.8 बिलियन लोगों में से 67% लोगों के पास सुरक्षित स्वच्छता सेवाएं नहीं होंगी.

हैदराबाद : पेय जल और साफ-सफाई की सुविधाएं, सबके लिए स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं. शुद्ध पेय जल की आपूर्ति और बुनियादी साफ-सफाई, मानव और पारिथितिकी तंत्र से आपस में इस प्रकार जुड़े हुए हैं कि वे समुचित स्वच्छता के साथ जुड़कर सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के सबसे महत्वपूर्ण घटक बन सकते हैं.

जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए डब्ल्यूएचओ / यूनिसेफ संयुक्त निगरानी कार्यक्रम (जेएमपी) की मुख्य विशेषताएं :

2015 में, सभी देशों ने 2030 तक सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और बुनियादी हाथ धोने की सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच की दिशा में काम करने का संकल्प लिया. हमने इस 15-वर्ष की अवधि में पूरे किए जाने वाले लक्ष्य का केवल एक तिहाई ही पूरा किया है. हम अभी भी सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने से बहुत दूर हैं. 26% लोगों को सुरक्षित पेयजल नहीं मिलता है. 50% अबादी सुरक्षित स्वच्छता से दूर है और लगभग एक तिहाई आबादी के पास साबुन और पानी की सुविधा नहीं है.

2030 तक पूरे किए जाने वाले लक्ष्यों की दौड़ में अब तक के 5 साल

2020 की स्थिति

  • 4 में से 1 व्यक्ति के पास सुरक्षित पेयजल की कमी.
  • 107 मिलियन लोगों को घर पर सुरक्षित पेयजल की सुविधा मिली.
  • 2.3 बिलियन लोगों के पास घर पर साबुन और पानी सहित बुनियादी स्वच्छता सेवाओं का अभाव था.
  • 2015 और 2020 के बीच 547 मिलियन लोगों को घर पर बुनियादी स्वच्छता सेवाएं मिली.
  • 3.6 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित स्वच्छता सेवाओं का अभाव रहा.
  • 115 मिलियन लोगों ने घर पर स्वच्छता सेवाएं प्राप्त की.
  • उप-सहारा अफ़्रीका में 70% लोगों के पास सुरक्षित पेयजल की कमी है
  • पानी, साफ-सफाई और स्वछता (WAter, Sanitation and Hygiene- WASH) सेवाओं की कमी वाले बहुत से लोग कम विकसित देशों में रहते हैं.
  • 2030 तक केवल 8 देश ही सुरक्षित स्वच्छता तक सार्वभौमिक पहुंच की राह पर हैं.
  • अमीर परिवारों के पास गरीब परिवारों की तुलना में बेहतर WASH सेवाएं हैं.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली जनसंख्या में 34% के पास स्वच्छता का अभाव है. वहीं, 20% लोगों के पास अभी भी बुनियादी जल सेवाएं नहीं है.

पढ़ें :- एशिया में एक अरब से अधिक लोगों को करना पड़ेगा पानी की कमी का सामना :अध्ययन

अगर हम इस दर पर वृद्धि जारी रखते हैं तो 2030 तक का अनुमान :

  • 2030 तक इस दर पर 1.9 अरब लोगों के पास घर पर बुनियादी स्वच्छता सेवाओं की कमी होगी.
  • इस दर पर 1.6 अरब लोगों के पास घरों में सुरक्षित पेयजल की कमी होगी.
  • 2.8 अरब लोगों के घर में सुरक्षित स्वच्छता (safe sanitation) की कमी होगी.
  • 1.6 बिलियन लोगों में से 81% लोगों के पास सुरक्षित पेयजल (safely managed drinking water) की सुविधा नहीं होगी.
  • 1.9 अरब लोगों में से 78% लोगों के पास बुनियादी हाथ धोने की सुविधा नहीं होगी.
  • 2.8 बिलियन लोगों में से 67% लोगों के पास सुरक्षित स्वच्छता सेवाएं नहीं होंगी.
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