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भाजपा ने जो किया, कांग्रेस 70 साल में न कर सकी : के. लक्ष्मण

ओबीसी विधेयक के राज्यसभा से पारित होने पर भाजपा ओबीसी मोर्चा (BJP OBC Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण (K. Laxman) ने कहा कि भाजपा सरकार ने जो किया है, वह कांग्रेस की सरकारें 70 वर्षों में नहीं कर सकीं.

ईटीवी भारत से बात करते के लक्ष्मण
ईटीवी भारत से बात करते के लक्ष्मण
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Published : Aug 12, 2021, 1:05 AM IST

Updated : Aug 12, 2021, 11:40 AM IST

नई दिल्ली : संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक, 2021, जिसे आमतौर पर ओबीसी विधेयक (OBC Bill) कहा जाता है बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया. इस पर भाजपा ओबीसी मोर्चा (BJP OBC Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण (K. Laxman) ने कहा कि भाजपा सरकार ने सात साल में जो किया है, उसे कांग्रेस की सरकारें 70 वर्षों में करने में नाकाम रहीं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए के लक्ष्मण ने कहा, 'भाजपा ओबीसी मोर्चा ओबीसी विधेयक का स्वागत करता है. मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के लिए एक कदम आगे की सोचती है.

ईटीवी भारत से करते के लक्षमण

एनडीए के साथ गठबंधन में विपक्षी दलों (opposition parties) और कुछ अन्य दलों द्वारा आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कह कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा के आदेश के बाद भी मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (economically weaker sections) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है.

उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ, पहले किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया. मोदी सरकार ने वे काम किए, जो 70 वर्षों में कांग्रेस की सरकारें करने में विफल रही थीं'

जद (यू) के भाजपा सहयोगी ललन सिंह, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, बसपा के रितेश पांडे और डीएमके के टीआर बालू जैसे कई नेताओं ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए पैरवी की थी. इसके अलावा उन्होंने पूरे देश में जाति आधारित जनगणना ( caste-based Census) आयोजित करने की अपील की.

यूपी बीजेपी सांसद और बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव संगम लाल गुप्ता (Sangam Lal Gupta ) ने कहा कि दोनों सदनों से इस बिल के पारित होने पर ओबीसी समुदाय को गर्व है.

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सभी स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा (undergraduate and postgradiate medical) और दंत चिकित्सा (dental courses) पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटे (all-India quota admissions reservation ) में 27 प्रतिशत आरक्षण देने से पूरा ओबीसी समुदाय अभिभूत है.

उन्होंने कहा कि संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक, 2021 के पारित होने से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) में पार्टी को निश्चित तौर पर फायदा होगा. भाजपा नेताओं ने दावा किया कि उनकी पार्टी सभी राज्यों में जीतेगी और उन राज्यों में ओबीसी भाजपा के लिए खड़े होंगे.

पढ़ें - ओबीसी सूची : 127वां संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा से भी पारित

इससे पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री (Social Justice and Empowerment Minister ) वीरेंद्र कुमार (Virendra Kumar ), जिन्होंने राज्यसभा में विधेयक पेश किया. उन्होंने कहा कि कानून राज्यों को ओबीसी की अपनी सूची रखने के लिए शक्तियों की पेशकश को बहाल करने में मदद करेगा, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था.

मंत्री के अनुसार, एक बार जब बिल अधिनियम बन जाता है, तो इससे 671 समुदायों यानी देश के कुल ओबीसी का लगभग पांचवां हिस्सा मिलेगा.

नई दिल्ली : संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक, 2021, जिसे आमतौर पर ओबीसी विधेयक (OBC Bill) कहा जाता है बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया. इस पर भाजपा ओबीसी मोर्चा (BJP OBC Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण (K. Laxman) ने कहा कि भाजपा सरकार ने सात साल में जो किया है, उसे कांग्रेस की सरकारें 70 वर्षों में करने में नाकाम रहीं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए के लक्ष्मण ने कहा, 'भाजपा ओबीसी मोर्चा ओबीसी विधेयक का स्वागत करता है. मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के लिए एक कदम आगे की सोचती है.

ईटीवी भारत से करते के लक्षमण

एनडीए के साथ गठबंधन में विपक्षी दलों (opposition parties) और कुछ अन्य दलों द्वारा आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कह कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा के आदेश के बाद भी मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (economically weaker sections) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है.

उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ, पहले किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया. मोदी सरकार ने वे काम किए, जो 70 वर्षों में कांग्रेस की सरकारें करने में विफल रही थीं'

जद (यू) के भाजपा सहयोगी ललन सिंह, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, बसपा के रितेश पांडे और डीएमके के टीआर बालू जैसे कई नेताओं ने 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए पैरवी की थी. इसके अलावा उन्होंने पूरे देश में जाति आधारित जनगणना ( caste-based Census) आयोजित करने की अपील की.

यूपी बीजेपी सांसद और बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव संगम लाल गुप्ता (Sangam Lal Gupta ) ने कहा कि दोनों सदनों से इस बिल के पारित होने पर ओबीसी समुदाय को गर्व है.

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए सभी स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा (undergraduate and postgradiate medical) और दंत चिकित्सा (dental courses) पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटे (all-India quota admissions reservation ) में 27 प्रतिशत आरक्षण देने से पूरा ओबीसी समुदाय अभिभूत है.

उन्होंने कहा कि संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक, 2021 के पारित होने से पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) में पार्टी को निश्चित तौर पर फायदा होगा. भाजपा नेताओं ने दावा किया कि उनकी पार्टी सभी राज्यों में जीतेगी और उन राज्यों में ओबीसी भाजपा के लिए खड़े होंगे.

पढ़ें - ओबीसी सूची : 127वां संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा से भी पारित

इससे पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री (Social Justice and Empowerment Minister ) वीरेंद्र कुमार (Virendra Kumar ), जिन्होंने राज्यसभा में विधेयक पेश किया. उन्होंने कहा कि कानून राज्यों को ओबीसी की अपनी सूची रखने के लिए शक्तियों की पेशकश को बहाल करने में मदद करेगा, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया था.

मंत्री के अनुसार, एक बार जब बिल अधिनियम बन जाता है, तो इससे 671 समुदायों यानी देश के कुल ओबीसी का लगभग पांचवां हिस्सा मिलेगा.

Last Updated : Aug 12, 2021, 11:40 AM IST
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