रायगंज : पश्चिम बंगाल के रायगंज के लोग रिहायशी गांव के पास ही बीएसएफ की फायरिंग रेंज होने के कारण परेशान हैं. उनका कहना है कि अचानक गोलियां चलने लगी हैं. कभी-कभी यह गांव में रह रहे लोगों के शरीर को छू कर भी गुजर जाती हैं. आम लोग घायल हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि गांव के बिलकुल पास ही बीएसएफ की फायरिंग रेंज होने के कारण यहां लोग दहशत में हैं.
बीएसएफ की ओर से ट्रेनिंग के दौरान कई राउंड की फायरिंग दिन में कभी भी शुरू हो जाती है. उनके बंदूक से निकलने वाली गोलियां गांव में रहने वाले लोगों को घायल कर रही हैं. बता दें कि पश्चिम बंगाल स्थित रायगंज प्रखंड का गोबिंदपुर गांव से 500 मीटर की दूरी पर एक बीएसएफ ट्रेनिंग कैंप है. कथित तौर पर बीएसएफ की फायरिंग रेंज से निकलने वाली गोलियां गांव के लोगों को घायल कर रही है.
ग्रामीणों का कहना है, यह समस्या कोई नयी नहीं है. यह लंबे समय से चली आ रही समस्या है. इस फायरिंग रेंज पर फायरिंग होती है. उसी समय उस स्थान से गोलियां गिरकर रिहायशी इलाकों में गिरती हैं. कभी किसी के घर की छत पर तो कभी आंगन में आकर गोलियां गिरती हैं. इतना ही नहीं लोगों का आरोप है कि कई लोग कैंप की ओर से आने वाली गोलियों से घायल भी हुए हैं. हालांकि, बीएसएफ ने घायलों के इलाज की जिम्मेदारी ली लेकिन समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला.
ग्रामीणों का दावा है कि गांव में रहना मुश्किल होता जा रहा है. लोग दुकानों और बाजारों में नहीं आ रहे हैं. क्षेत्र के लोग भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों की शिकायत है कि मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन को दी गयी, लेकिन कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गयी. वे इस समस्या से जल्द छुटकारा पाना चाहते हैं.
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हालांकि, ग्रामीणों का दावा है कि बीएसएफ ने इस पर कोई चर्चा नहीं की. इस संबंध में उपमंडल आयुक्त किंगशुक मैती ने कहा कि उन्होंने शिकायत सुनी है. मामले की जांच कर रहे हैं उसके बाद बीएसएफ से समस्या पर चर्चा करेंगे. ताकि, उचित कार्रवाई की जा सके. इस संबंध में बीएसएफ की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.