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आंध्र प्रदेश में रास्ता भूले युवक को पांच साल बाद सोशल मीडिया से मिला अपनों का साथ

विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश के तिरुपतिम्मा मंदिर के पास रह रहे पश्चिम बंगाल का युवक पांच साल बाद अपने परिवार से मिल सका. घर का रास्ता भटकने और भाषा नहीं जानने की वजह से वह किसी को अपना पता नहीं बता पाया. उसकी मुलाकात बीटेक के एक छात्र से हुई जिसने सोशल मीडिया से उसके स्कूल को ढूंढा. फिर दोस्तों के माध्यम से परिवार तक पहुंच पाया.

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Published : Feb 18, 2021, 7:21 PM IST

विजयवाड़ा : पश्चिम बंगाल राज्य के भरतमान जिले के मसजग्राम गांव का युवक जीत जो पांच साल पहले आजीविका के लिए गोवा गया था. कुछ समय के लिए काम किया और घर वापस जाने का फैसला किया. जब वह अपने घर वापस जा रहा था, विजयवाड़ा में अपना रास्ता भूल गया. कुछ समय के बाद वह पेनुगंचिपिरोलु पहुंचा. युवक तेलुगू भाषा नहीं जानता था और उनके द्वारा कमाया गया धन भी समाप्त हो गया. फिर वह तिरुपतिम्मा मंदिर में भीख मांगकर पैसा कमाना शुरू किया.

हालांकि, इसके बाद जीत ने इसराइल नाम के एक टैटू कलाकार से तिरुपतिम्मा मंदिर में संपर्क किया. युवक इसराइल ने कहा कि मैंने विवरण जानने की कितनी कोशिश की लेकिन परिणाम अच्छा नहीं रहा. भाषा की समस्या के कारण उससे जानकारी प्राप्त करना बहुत कठिन है. वह युवक से साथ चार साल तक रहा. कुछ समय के लिए वह निर्माण कार्य से जुड़ गया और तेगला पवन कुमार नाम के एक बीटेक छात्र के घर कुछ काम करने के लिए गया. पवन कुमार ने बंगाली भाषी व्यक्ति जीत को घर पहुंचाने की कोशिश शुरू की. उसने टूटी-फूटी भाषा में पवन से बात की और कहा कि वह अपने गृह नगर जाकर अपने माता-पिता से मिलना चाहता है. किसी तरह पवन ने गूगल से उसके स्कूल का पता लगाया. पवन ने स्कूल में पढ़ाई करने वाले कुछ छात्रों को फेसबुक के माध्यम से ढूंढा और फोन नंबर एकत्र करके व्हाट्सएप वीडियो कॉल किया.

चार साल बाद सोशल मीडिया से मिला अपनों का साथ

उस स्कूल के छात्रों ने युवक को तुरंत पहचान लिया और माता-पिता से संपर्क किया. साथ ही युवक जीत से भी बात की. पांच साल बाद वीडियो कॉल में लापता बेटे को देखकर उस व्यक्ति के माता-पिता बहुत रोए. बीटेक के छात्र पवन कुमार ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन को दी.

यह भी पढ़ें-ममता ने दी चुनौती, कहा- अभिषेक बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ें अमित शाह

बंगाल पुलिस ने पवन से भी बात की. शख्स के परिवार के सदस्य गुरुवार को पेनुगनचिरोलू आए और थाने में उस शख्स से जुड़े सबूत दिखाए और पुलिस ने उसे ले जाने की अनुमति दी.

विजयवाड़ा : पश्चिम बंगाल राज्य के भरतमान जिले के मसजग्राम गांव का युवक जीत जो पांच साल पहले आजीविका के लिए गोवा गया था. कुछ समय के लिए काम किया और घर वापस जाने का फैसला किया. जब वह अपने घर वापस जा रहा था, विजयवाड़ा में अपना रास्ता भूल गया. कुछ समय के बाद वह पेनुगंचिपिरोलु पहुंचा. युवक तेलुगू भाषा नहीं जानता था और उनके द्वारा कमाया गया धन भी समाप्त हो गया. फिर वह तिरुपतिम्मा मंदिर में भीख मांगकर पैसा कमाना शुरू किया.

हालांकि, इसके बाद जीत ने इसराइल नाम के एक टैटू कलाकार से तिरुपतिम्मा मंदिर में संपर्क किया. युवक इसराइल ने कहा कि मैंने विवरण जानने की कितनी कोशिश की लेकिन परिणाम अच्छा नहीं रहा. भाषा की समस्या के कारण उससे जानकारी प्राप्त करना बहुत कठिन है. वह युवक से साथ चार साल तक रहा. कुछ समय के लिए वह निर्माण कार्य से जुड़ गया और तेगला पवन कुमार नाम के एक बीटेक छात्र के घर कुछ काम करने के लिए गया. पवन कुमार ने बंगाली भाषी व्यक्ति जीत को घर पहुंचाने की कोशिश शुरू की. उसने टूटी-फूटी भाषा में पवन से बात की और कहा कि वह अपने गृह नगर जाकर अपने माता-पिता से मिलना चाहता है. किसी तरह पवन ने गूगल से उसके स्कूल का पता लगाया. पवन ने स्कूल में पढ़ाई करने वाले कुछ छात्रों को फेसबुक के माध्यम से ढूंढा और फोन नंबर एकत्र करके व्हाट्सएप वीडियो कॉल किया.

चार साल बाद सोशल मीडिया से मिला अपनों का साथ

उस स्कूल के छात्रों ने युवक को तुरंत पहचान लिया और माता-पिता से संपर्क किया. साथ ही युवक जीत से भी बात की. पांच साल बाद वीडियो कॉल में लापता बेटे को देखकर उस व्यक्ति के माता-पिता बहुत रोए. बीटेक के छात्र पवन कुमार ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस स्टेशन को दी.

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बंगाल पुलिस ने पवन से भी बात की. शख्स के परिवार के सदस्य गुरुवार को पेनुगनचिरोलू आए और थाने में उस शख्स से जुड़े सबूत दिखाए और पुलिस ने उसे ले जाने की अनुमति दी.

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