ETV Bharat / bharat

पश्चिम बंगाल भाजपा असंतोष को दबाने के लिए संगठनात्मक फेरबदल करेगी - West Bengal BJP organizational reshuffle

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा में असंतोष है. इसको देखते हुए भाजपा व्यापक संगठनात्मक फेरबदल करने की संभावना है. पढ़ें पूरी खबर...

bjp
bjp
author img

By

Published : Jul 11, 2021, 7:28 PM IST

कोलकाता : विधानसभा चुनाव में हार के बाद पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा असंतुष्ट नेताओं और चुनाव से पहले भगवा पार्टी में शामिल होने वाले एक वर्ग पर कार्रवाई के साथ व्यापक संगठनात्मक फेरबदल करने की संभावना है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश भाजपा अन्य दलों के नेताओं को शामिल करने के लिए एक निगरानी अवधि (स्क्रीनिंग विंडो) बनाने और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उप-राष्ट्रवाद से मुकाबले के लिए अपनी अखिल भारतीय नीति के साथ बंगाल को लेकर विशिष्ट राजनीतिक लाइन अपनाने पर विचार कर रही है. भाजपा ने पार्टी के कुशल कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुरस्कृत करके संगठन को नया रूप देने और स्थानीय और जिला स्तर के कई दलबदलुओं को हटाने का फैसला किया है. पार्टी ने दोतरफा दृष्टिकोण के साथ असंतोष पर लगाम लगाने का भी फैसला किया है.

चुनाव में हार, बढ़ती अंदरूनी कलह और नेताओं-कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने के मद्देनजर ये कदम उठाए जाएंगे. हाल में मुकुल रॉय भाजपा छोड़कर वापस तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि मई में विधानसभा चुनावों में हार के बाद प्रदेश भाजपा में असंतोष बढ़ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच अनबन जारी है, जो एक-दूसरे को विफलता के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पीटीआई-भाषा को बताया, संगठन के विभिन्न स्तरों पर कुछ बदलावों के लिए चर्चा चल रही है. कुछ मुद्दे हैं. इस तरह की बातें नहीं होतीं तो ज्यादा अच्छा होता.

यह पूछे जाने पर कि क्या भगवा पार्टी के खिलाफ खुलकर बोलने वाले असंतुष्टों और तृणमूल कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आने वालों के खिलाफ भाजपा कार्रवाई करेगी, घोष ने कहा, पार्टी अनुशासन से ऊपर कोई नहीं है.

उन्होंने कहा, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भाजपा के सत्ता में आने पर कुछ पाने की उम्मीद में पार्टी में शामिल हुए थे. लेकिन अब, जैसा कि हम असफल रहे हैं, वे एक अलग स्वर में बोल रहे हैं. हम सभी को पार्टी के नियमों और अनुशासन का पालन करना होगा.

पढ़ें :- ममता ने तोड़ी परंपरा, अपनी ही पार्टी के नेता को बनाया लोक लेखा समिति का अध्यक्ष

पार्टी सूत्रों ने कहा कि टीएमसी से आए राजीब बनर्जी और सौमित्र खान जैसे नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण नाराजगी बढ़ रही है. वहीं, सोनाली गुहा, सरला मुर्मू, दीपेंदु विश्वास और बच्चू हंसदा जैसे कई अन्य नेताओं ने टीएमसी में लौटने की इच्छा व्यक्त की है. विधानसभा चुनाव की गलतियों से सीखते हुए भाजपा ने एक 'स्क्रीनिंग टीम' (जांच दल) बनाने का फैसला किया है, जिसकी मंजूरी पार्टी में शामिल होने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए अनिवार्य होगी.

प्रदेश भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते, हमारे पास क्षेत्रीय पार्टी की तरह एक दृष्टिकोण नहीं हो सकता है, लेकिन राज्य में टीएमसी से मुकाबले के लिए हमारी पार्टी की राष्ट्रीय नीति के साथ बंगाल-विशिष्ट राजनीतिक लाइन होगी.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : विधानसभा चुनाव में हार के बाद पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा असंतुष्ट नेताओं और चुनाव से पहले भगवा पार्टी में शामिल होने वाले एक वर्ग पर कार्रवाई के साथ व्यापक संगठनात्मक फेरबदल करने की संभावना है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रदेश भाजपा अन्य दलों के नेताओं को शामिल करने के लिए एक निगरानी अवधि (स्क्रीनिंग विंडो) बनाने और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उप-राष्ट्रवाद से मुकाबले के लिए अपनी अखिल भारतीय नीति के साथ बंगाल को लेकर विशिष्ट राजनीतिक लाइन अपनाने पर विचार कर रही है. भाजपा ने पार्टी के कुशल कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुरस्कृत करके संगठन को नया रूप देने और स्थानीय और जिला स्तर के कई दलबदलुओं को हटाने का फैसला किया है. पार्टी ने दोतरफा दृष्टिकोण के साथ असंतोष पर लगाम लगाने का भी फैसला किया है.

चुनाव में हार, बढ़ती अंदरूनी कलह और नेताओं-कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने के मद्देनजर ये कदम उठाए जाएंगे. हाल में मुकुल रॉय भाजपा छोड़कर वापस तृणमूल कांग्रेस में चले गए थे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि मई में विधानसभा चुनावों में हार के बाद प्रदेश भाजपा में असंतोष बढ़ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच अनबन जारी है, जो एक-दूसरे को विफलता के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पीटीआई-भाषा को बताया, संगठन के विभिन्न स्तरों पर कुछ बदलावों के लिए चर्चा चल रही है. कुछ मुद्दे हैं. इस तरह की बातें नहीं होतीं तो ज्यादा अच्छा होता.

यह पूछे जाने पर कि क्या भगवा पार्टी के खिलाफ खुलकर बोलने वाले असंतुष्टों और तृणमूल कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आने वालों के खिलाफ भाजपा कार्रवाई करेगी, घोष ने कहा, पार्टी अनुशासन से ऊपर कोई नहीं है.

उन्होंने कहा, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भाजपा के सत्ता में आने पर कुछ पाने की उम्मीद में पार्टी में शामिल हुए थे. लेकिन अब, जैसा कि हम असफल रहे हैं, वे एक अलग स्वर में बोल रहे हैं. हम सभी को पार्टी के नियमों और अनुशासन का पालन करना होगा.

पढ़ें :- ममता ने तोड़ी परंपरा, अपनी ही पार्टी के नेता को बनाया लोक लेखा समिति का अध्यक्ष

पार्टी सूत्रों ने कहा कि टीएमसी से आए राजीब बनर्जी और सौमित्र खान जैसे नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण नाराजगी बढ़ रही है. वहीं, सोनाली गुहा, सरला मुर्मू, दीपेंदु विश्वास और बच्चू हंसदा जैसे कई अन्य नेताओं ने टीएमसी में लौटने की इच्छा व्यक्त की है. विधानसभा चुनाव की गलतियों से सीखते हुए भाजपा ने एक 'स्क्रीनिंग टीम' (जांच दल) बनाने का फैसला किया है, जिसकी मंजूरी पार्टी में शामिल होने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए अनिवार्य होगी.

प्रदेश भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा, राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते, हमारे पास क्षेत्रीय पार्टी की तरह एक दृष्टिकोण नहीं हो सकता है, लेकिन राज्य में टीएमसी से मुकाबले के लिए हमारी पार्टी की राष्ट्रीय नीति के साथ बंगाल-विशिष्ट राजनीतिक लाइन होगी.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.