ETV Bharat / bharat

मुकुल रॉय को राहत: विस अध्यक्ष ने दल-बदल विरोधी मामला किया खारिज

पश्चिम बंगाल के विधायक मुकुल रॉय को बड़ी विधानसभा अध्यक्ष ने राहत दी है. उनके खिलाफ बंगाल विधानसभा की सदस्यता खारिज करने का मामला खारिज कर दिया गया है.

मुकुल रॉय
मुकुल रॉय
author img

By

Published : Jun 8, 2022, 6:15 PM IST

कोलकाता : भाजपा के पूर्व नेता मुकुल रॉय की पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता खारिज करने के मामले की बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने विधायक मुकुल रॉय के पक्ष में फैसला सुनाया है. उन्होंने नेता के खिलाफ दल-बदल विरोधी मामले को खारिज कर दिया है. अध्यक्ष ने कहा कि मुकुल रॉय के खिलाफ दल-बदल का आरोप निराधार है. क्योंकि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं कि रॉय किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं और इसलिए उन्हें मौजूदा दल-बदल विरोधी कानून के तहत विधायक के रूप में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है.

रॉय चूंकि अभी भी भाजपा के निर्वाचित विधायक हैं, इसलिए उनके लिए राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में आ रहीं बाधाएं दूर कर दी गई हैं. परंपरा के अनुसार, पीएसी अध्यक्ष का पद हमेशा मुख्य विपक्षी दल के एक विधायक को दी जाती है. मुकुल रॉय के वकील सुनवाई के दौरान मौजूद थे, जबकि विपक्ष नेता तथा भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के वकील इस सुनवाई के दौरान गैर-मौजूद रहे.

बता दें कि रॉय 2021 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानगर (उत्तर) से भाजपा विधायक चुने गए थे. मुकुल रॉय और उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय 11 जून 2021 को TMC में शामिल हो गए थे. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी और उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में करीब चार साल बाद घर वापसी की. इससे पहले 2017 में वे TMC छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. ममता ने अपने पुराने साथी की वापसी पर कहा था कि मुकुल ने कभी भी मेरे या पार्टी के खिलाफ गलत बयानबाजी नहीं की. TMC सुप्रीमो ने कहा था कि जिन्होंने पार्टी की आलोचना की, भाजपा और पैसे के लिए चुनाव से पहले जिन्होंने पार्टी को धोखा दिया, उनकी वापसी नहीं होगी. वे गद्दार हैं.

पढ़ें : मुकुल रॉय ने क्यों कहा, मैं अब भी भाजपा से जुड़ा हूं, जानें असली वजह

इसके तुरंत बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अध्यक्ष से राय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की अपील की. हालांकि, कुछ दौर की सुनवाई के बाद अध्यक्ष ने फैसला सुनाया कि रॉय भाजपा विधायक के रूप में बने रहेंगे. फैसले से असंतुष्ट अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट के पास भेज दिया. 11 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने मामले पर पुनर्विचार के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास वापस भेज दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को अपने पिछले फैसले को बरकरार रखा.

कोलकाता : भाजपा के पूर्व नेता मुकुल रॉय की पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता खारिज करने के मामले की बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने विधायक मुकुल रॉय के पक्ष में फैसला सुनाया है. उन्होंने नेता के खिलाफ दल-बदल विरोधी मामले को खारिज कर दिया है. अध्यक्ष ने कहा कि मुकुल रॉय के खिलाफ दल-बदल का आरोप निराधार है. क्योंकि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं कि रॉय किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं और इसलिए उन्हें मौजूदा दल-बदल विरोधी कानून के तहत विधायक के रूप में अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है.

रॉय चूंकि अभी भी भाजपा के निर्वाचित विधायक हैं, इसलिए उनके लिए राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में आ रहीं बाधाएं दूर कर दी गई हैं. परंपरा के अनुसार, पीएसी अध्यक्ष का पद हमेशा मुख्य विपक्षी दल के एक विधायक को दी जाती है. मुकुल रॉय के वकील सुनवाई के दौरान मौजूद थे, जबकि विपक्ष नेता तथा भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी के वकील इस सुनवाई के दौरान गैर-मौजूद रहे.

बता दें कि रॉय 2021 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानगर (उत्तर) से भाजपा विधायक चुने गए थे. मुकुल रॉय और उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय 11 जून 2021 को TMC में शामिल हो गए थे. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी और उनके सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में करीब चार साल बाद घर वापसी की. इससे पहले 2017 में वे TMC छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. ममता ने अपने पुराने साथी की वापसी पर कहा था कि मुकुल ने कभी भी मेरे या पार्टी के खिलाफ गलत बयानबाजी नहीं की. TMC सुप्रीमो ने कहा था कि जिन्होंने पार्टी की आलोचना की, भाजपा और पैसे के लिए चुनाव से पहले जिन्होंने पार्टी को धोखा दिया, उनकी वापसी नहीं होगी. वे गद्दार हैं.

पढ़ें : मुकुल रॉय ने क्यों कहा, मैं अब भी भाजपा से जुड़ा हूं, जानें असली वजह

इसके तुरंत बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अध्यक्ष से राय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की अपील की. हालांकि, कुछ दौर की सुनवाई के बाद अध्यक्ष ने फैसला सुनाया कि रॉय भाजपा विधायक के रूप में बने रहेंगे. फैसले से असंतुष्ट अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले को कलकत्ता हाईकोर्ट के पास भेज दिया. 11 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने मामले पर पुनर्विचार के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास वापस भेज दिया. विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को अपने पिछले फैसले को बरकरार रखा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.