नई दिल्ली : लोकसभा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए कल्याणकारी उपायों पर चर्चा हुई. उत्तरप्रदेश से बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल अपने विचार रखे.
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, कोरोना वायरस महामारी के दौरान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को बढ़ावा देती थीं. उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आशा जैसे अन्य स्वास्थ्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, कार्यकर्ताओं ने ऐसे समय में लोगों की मदद की जब परिवार के सदस्य अपने स्वयं के रिश्तेदारों की देखभाल करने से डर रहे थे.
कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने कहा, आंगनवाड़ी योजना इंदिरा गांधी द्वारा लाई गई थी. कांग्रेस सांसद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि न्यूनतम है, और उसमें भी राज्य सरकार का हिस्सा अधिक है. उन्होंने कार्यकर्ताओं के लिए केंद्र सरकार के प्रोत्साहन और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन में वृद्धि की मांग की. उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट पर प्रकाश डाला जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बेहतर स्वच्छता सुविधा का सुझाव दिया गया था. उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की भी बात कही. हमें स्मार्ट आंगनबाड़ियों के बारे में भी सोचना चाहिए.
अनंतनाग से एनसी सांसद हसनैन मसूदी ने कहा, आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण विकास के केंद्र बन गए हैं. उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को केवल 4,500 रुपये मासिक मिलते हैं. इस पर गौर किया जाना चाहिए.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, कुपोषण समेत विभिन्न पहलुओं से निपटने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया गया है. 2014 के बाद सरकार ने अपना रुख बदला और प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी से लड़ने में योगदान दिया, लेकिन देश विरोधी ताकतें इस सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हंगर इंडेक्स पर अभी ध्यान दिया गया. भाजपा सांसद ने कहा कि देश के विकास के लिए जीडीपी महत्वपूर्ण नहीं है. सकल घरेलू उत्पाद 1935 में पेश किया गया था, क्या 1935 से पहले दुनिया में कोई विकास नहीं हुआ था. हंगर इंडेक्स पर ज्यादा ध्यान देना होगा.
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यूपी के मेरठ से बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उम्मीद के मुताबिक काम किया है. उन्होंने कहा, दूर-दराज के गांवों में, जहां लोगों के पास रहने की भी उचित सुविधा नहीं है, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करती हैं कि ग्रामीणों को सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी हो. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वजह से यह संभव हुआ है. उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना वायरस महामारी के दौरान उनकी सेवा के लिए धन्यवाद दिया.