नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) न केवल सबसे पुरानी पार्टी के बल्कि पूरे विपक्ष के नेता बनकर उभरे हैं. विपक्षी गुट में पूर्व सांसद की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर एआईसीसी संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बेंगलुरु में कहा, 'राहुल गांधी कांग्रेस में भी जन नेता हैं और विपक्ष में भी. पिछली मुलाकात में सभी ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए उनकी सराहना की थी.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, वेणुगोपाल 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में हुई पहली विपक्षी बैठक का जिक्र कर रहे थे, जब राजद नेता लालू प्रसाद ने कहा था कि राहुल को दूल्हा बनने के लिए तैयार होना चाहिए और सभी विपक्षी नेता बारात में शामिल होंगे.
हालांकि लालू प्रसाद ने उक्त टिप्पणी हल्के-फुल्के अंदाज में की थी, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले पूरे विपक्षी गुट का नेतृत्व करने के अप्रत्यक्ष संकेत के रूप में देखा गया.
इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री और जद-यू नेता नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्हें राहुल को विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है.
राहुल 18 जुलाई को पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ बेंगलुरु में दूसरी विपक्षी बैठक में भाग लेंगे. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा, राहुल को आने वाले दिनों में इस तरह का प्रोजेक्शन मिलने वाला है.
आंध्र प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीडी मेयप्पन (AICC secretary in charge of Andhra Pradesh CD Meyappan) ने ईटीवी भारत को बताया कि 'पूरी कांग्रेस को इसमें कोई संदेह नहीं है कि राहुल गांधी 2024 के लिए हमारे प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार हैं. भारत जोड़ो यात्रा के बाद से, वह देश में सबसे प्रमुख विपक्षी नेता के रूप में उभरे हैं.'
मयप्पन के अनुसार, इसी तरह की भावना पार्टी सांसद मनिकम टैगोर (MP Manickam Tagore) ने भी व्यक्त की थी, जिन्होंने कुछ महीने पहले कहा था कि सबसे पुरानी पार्टी को पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री घोषित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि 'मैं पूरी तरह से उनके बयान का समर्थन करता हूं. कांग्रेस को इसका एलान करना चाहिए की उनके मुखिया कौन हैं. राहुल न केवल शीर्ष पद के हकदार हैं, बल्कि उनकी उम्मीदवारी पीएम मोदी के लिए बाधा बनेगी. इसके अलावा, चूंकि लोकतंत्र में संख्या मायने रखती है, कांग्रेस विपक्षी ब्लॉक में एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है, इसकी सभी 543 लोकसभा सीटों पर उपस्थिति है और निश्चित रूप से नई लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. तब स्वाभाविक होगा कि कांग्रेस को प्रधानमंत्री पद मिले.'
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'नेतृत्व का मुद्दा बार-बार उभर रहा है. यह कैसा नेतृत्व (सरकार में) है जिसने सीमा पर घुसपैठ पर चीन को क्लीन चिट दे दी और मणिपुर को जलाने पर चुप है. असली मुद्दा मिलकर संविधान की रक्षा करना है और इसीलिए ये 26 पार्टियां बेंगलुरु में इकट्ठा हुई हैं.'
जयराम रमेश ने जोर देकर कहा कि राहुल की यात्रा ने विपक्ष को एकजुट कर दिया है जो अब एक बड़े उद्देश्य के लिए एक साथ आ रहा है, लेकिन वह शीर्ष पद के किसी भी जिक्र से बचने के लिए सावधान थे.
उन्होंने कहा कि 'जनता के मुद्दे जैसे रोजगार, बढ़ती कीमतें, अर्थव्यवस्था, देश की सुरक्षा और जरूरतों पर बात करने की आवश्यकता है.हम मिलते रहेंगे और अपना एजेंडा लेकर आएंगे.'