मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (mha Governor Bhagat Singh Koshyari) द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से उठाए गए तीन मुद्दों पर फैसला लेने के लिए पत्र लिखने के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भी राज्यपाल से मांग की है कि वह अपने कोटे से 12 सदस्यों को विधान पार्षद (एमएलसी) के तौर पर नामित करें, जिनके नाम शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी सरकार ने महीनों पहले भेजे थे.
राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एवं वरिष्ठ राकांपा नेता नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) ने संवाददाताओं से कहा कि पांच जुलाई से शुरू हो रहे दो दिवसीय मॉनसून सत्र के दौरान राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराने के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम फैसला सभी विधायकों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट आने पर लिया जाएगा.
इसके अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्यपाल कोश्यारी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पूछा कि राज्यपाल ने 12 एमएलसी की नियुक्ति को लेकर क्या किया है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल ऐसे काम कर रहे हैं जैसे राजभवन भाजपा का पार्टी कार्यालय बन गया हो. राज्यपाल का पद संवैधानिक है और पद पर नियुक्त व्यक्ति को अपनी मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. लेकिन राज्यपाल यह भूल गए हैं.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 24 जून को लिखे गए पत्र में, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से राज्य विधानसभा के आगामी मॉनसून सत्र की अवधि बढ़ाने, विधानसभा अध्यक्ष के पद पर तत्काल निर्वाचन और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा लंबित रहने तक स्थानीय निकायों के चुनाव टालने पर फैसला लेने को कहा था जैसा कि भाजपा ने मांग की है.
मलिक ने कहा कि हम विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव कराएंगे लेकिन राज्यपाल को भी अपने कोटे से 12 पार्षदों को नामित करने पर फैसला लेना चाहिए. 12 पार्षद महाराष्ट्र के लोगों के विकास एवं कल्याण में योगदान दे सकते हैं.
एमवीए सरकार और राज्यपाल में विधान पार्षदों की नियुक्ति के मुद्दे पर ठनी हुई है जहां एमवीए कोश्यारी पर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई फाइल पर जानबूझकर फैसला न लेने का आरोप लगा रही है.
हाल में, बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल के सचिव से विधान पार्षदों पर फैसले के संबंध में जवाब मांगा था.
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र के राज्यपाल का मुख्यमंत्री को सत्र की अवधि बढ़ाने का निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव पर मलिक ने कहा कि हमने अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए विधानसभा के उपाध्यक्ष को लिखा है. दो दिन के सत्र के दौरान चुनाव कराने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी नवंबर 2019 के विश्वास मत में मिली जीत से बड़े अंतर के साथ विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को जीतेगी.
(एक्स्ट्रा इनपुट-पीटीआई भाषा)