मुंबई: मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में महाराष्ट्र की बीजेपी नेता पंकजा मुंडे की बहन और बीड लोक सभा सीट से सांसद प्रीतम मुंडे को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने के बाद चर्चा थी कि मुंडे बहनें बीजेपी हाईकमान से नाराज है. इन चर्चाओं का खंडन करते हुए पंकजा मुंडे ने कहा है कि वह पार्टी के फैसले से नाराज नहीं हैं और फैसले पर उन्हें आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जिस किसी को भी दायित्व दिया है हम उनका अभिनंदन करते हैं, उन्हें शुभकामनाएं देते हैं.
- नेता वही जो कार्यकर्ता को ऊंचा होता देखे: पंकजा
उन्होंने कहा कि जिन्हें मंत्री पद मिला है वे मुंडे साहब (गोपीनाथ मुंडे) की सोच के अनुयायी हैं इसलिए वह उनके लिए खुश हैं. उन्होंने कहा कि नेता वही होता है जो अपने कार्यकर्ता को अपने से भी ऊंचा होता देख पाए. मुंडे साहब का कार्यकर्ता आज बड़ा होता है और मंत्री पद उनके परिवार को नहीं मिलकर उनके कार्यकर्ता को मिलता है तो उसमें उन्हें किसी भी प्रकार की असुरक्षा महसूस नहीं होती.
- हमने मंत्री पद नहीं मांगा था: पंकजा
पंकजा मुडे ने आगे कहा, "कैबिनेट विस्तार में प्रीतम मुंडे के नाम की चर्चा हो रही थी. हमने इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से कोई मांग या निवेदन नहीं किया था. जब नाम सामने आए तो उसमें प्रीतम मुंडे का नाम नहीं था और इससे हमें कोई आश्चर्य या दुख प्रतीत नहीं हुआ. यह पार्टी का निर्णय हैं."
पंकजा मुंडे का विवादित बयान, 'बम में राहुल को बांधकर भेज देना चाहिए'
बता दें कि मोदी कैबिनेट विस्तार में शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में से 4 महाराष्ट्र से हैं. इसके अलावा प्रीतम मुंडे को मंत्रिमंडल में शामिल ने किए जाने को लेकर शिवसेना ने इसको पंकजा मुंडे का राजनीतिक करियर खत्म करने की साजिश करार दिया. शिवसेना ने कहा, "भागवत कराड को राज्यमंत्री बनाया गया. यह पंकजा मुंडे के राजनीतिक जीवन को खत्म करने की साजिश है. बीजेपी नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की छत्रछाया में कराड बढ़े, लेकिन प्रीतम मुंडे का विचार न करते हुए कराड को राज्यमंत्री बनाया गया.