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पश्चिम बंगाल में रात 2 बजे विधानसभा सत्र ! अखिर क्या है हकीकत

पश्चिम बंगाल में विधानसभा सत्र (WB Legislative Assembly) के समय को लेकर संशय है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सात मार्च को देर रात दो बजे विधानसभा का सत्र आहूत किया है. जबकि स्पीकर का कहना है कि टाइपिंग गलती रही होगी.

wb governor dhankhar
राज्यपाल जगदीप धनखड़
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Published : Feb 24, 2022, 5:59 PM IST

Updated : Feb 24, 2022, 8:03 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (wb governor dhankhar) ने सात मार्च को देर रात दो बजे विधानसभा का सत्र आहूत किया है. बैठक का समय 'असामान्य और एक तरह से इतिहास बनाना' है. राज्यपाल ने गुरुवार को कहा कि हालांकि निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार लिया गया है.

उन्होंने ट्वीट किया, 'संविधान के अनुच्छेद 174 (1) के तहत, कैबिनेट के फैसले को स्वीकार करते हुए, विधानसभा को 07 मार्च, 2022 को देररात 2.00 बजे बैठक के लिए आहूत किया गया है.'

पत्र
पत्र

उन्होंने कहा, 'विधानसभा के लिए मध्यरात्रि के बाद देर रात 2.00 बजे विधानसभा की बैठक असामान्य है और यह एक तरह का इतिहास है, लेकिन यह कैबिनेट का फैसला है.'

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें विधानसभा सत्र का समय अजीब लगा और उन्होंने मुख्य सचिव से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उनसे मिलने के लिए कहा. धनखड़ ने एक ट्वीट में लिखा, 'सत्र का समय मध्यरात्रि के बाद रखे जाने को कुछ अजीब पाते हुए मुख्य सचिव को आज दोपहर से पहले तत्काल परामर्श के लिए बुलाकर एक आउटरीच प्रयास किया गया. सामान्य अनुपालन विफल रहा. इस मुद्दे को कैबिनेट के निर्णय को स्वीकार करके निर्धारित किया गया.'

धनखड़ ने बाद में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'राज्यपाल ने अधिकारियों द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के कारण राज्य विधायिका को बुलाने के मुद्दे को प्रक्रियात्मक रूप से त्रुटिपूर्ण और अनुचित तरीके से संभालने पर अपनी चिंता और नाराजगी व्यक्त की है. मुख्य सचिव, जो कैबिनेट सचिव हैं, नियमों का पालन सुनिश्चित करने में विफल रहे.'

हालांकि पश्चिम बंगाल के स्पीकर बिमान बनर्जी से जब राज्यपाल से रात 2 बजे विधानसभा बुलाने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि कोई टाइपिंग गलती रही होगी जिसे टाला जा सकता था. राज्य सरकार ने जब भी (सूचना) भेजी थी, उन्होंने दोपहर 2 बजे का उल्लेख किया था. अब यह कैबिनेट को तय करना है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा था. धनखड़ ने कहा था कि राजभवन को राज्य विधानसभा बुलाने की कोई सिफारिश नहीं मिली है. उनका यह बयान मीडिया रिपोर्टों के दावा करने के बाद आया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ने धनखड़ पर फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करने का आरोप लगाया था. राजभवन की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा बुलाने की ऐसी कोई सिफारिश राज्यपाल के विचारार्थ राजभवन में प्राप्त नहीं हुई है.'

पढ़ें- बंगाल : राज्यपाल धनखड़ ने विधानसभा सत्र बुलाने की CM ममता की सिफारिश लौटाई

राज्यपाल ने इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बजट सत्र के लिए विधानसभा आहूत करने की सिफारिश को यह कहते हुए वापस भेज दिया था कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, यह राज्य मंत्रिमंडल से आनी चाहिए.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल के हालत प्रजातंत्र के लिए बड़ा खतरा : राज्यपाल जगदीप धनखड़

इससे पहले बंगाल के राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की मुख्यमंत्री की सिफारिश लौटा दी थी. ममता ने 7 मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश भेजी, जिसे धनखड़ ने मंजूरी दिए बिना वापस कर दिया था. धनखड़ ने कहा था कि यह प्रस्ताव संवैधानिक मानदंडों को पूरा नहीं करता.

(भाषा इनपुट के साथ)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (wb governor dhankhar) ने सात मार्च को देर रात दो बजे विधानसभा का सत्र आहूत किया है. बैठक का समय 'असामान्य और एक तरह से इतिहास बनाना' है. राज्यपाल ने गुरुवार को कहा कि हालांकि निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार लिया गया है.

उन्होंने ट्वीट किया, 'संविधान के अनुच्छेद 174 (1) के तहत, कैबिनेट के फैसले को स्वीकार करते हुए, विधानसभा को 07 मार्च, 2022 को देररात 2.00 बजे बैठक के लिए आहूत किया गया है.'

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उन्होंने कहा, 'विधानसभा के लिए मध्यरात्रि के बाद देर रात 2.00 बजे विधानसभा की बैठक असामान्य है और यह एक तरह का इतिहास है, लेकिन यह कैबिनेट का फैसला है.'

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें विधानसभा सत्र का समय अजीब लगा और उन्होंने मुख्य सचिव से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उनसे मिलने के लिए कहा. धनखड़ ने एक ट्वीट में लिखा, 'सत्र का समय मध्यरात्रि के बाद रखे जाने को कुछ अजीब पाते हुए मुख्य सचिव को आज दोपहर से पहले तत्काल परामर्श के लिए बुलाकर एक आउटरीच प्रयास किया गया. सामान्य अनुपालन विफल रहा. इस मुद्दे को कैबिनेट के निर्णय को स्वीकार करके निर्धारित किया गया.'

धनखड़ ने बाद में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'राज्यपाल ने अधिकारियों द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के कारण राज्य विधायिका को बुलाने के मुद्दे को प्रक्रियात्मक रूप से त्रुटिपूर्ण और अनुचित तरीके से संभालने पर अपनी चिंता और नाराजगी व्यक्त की है. मुख्य सचिव, जो कैबिनेट सचिव हैं, नियमों का पालन सुनिश्चित करने में विफल रहे.'

हालांकि पश्चिम बंगाल के स्पीकर बिमान बनर्जी से जब राज्यपाल से रात 2 बजे विधानसभा बुलाने के बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि कोई टाइपिंग गलती रही होगी जिसे टाला जा सकता था. राज्य सरकार ने जब भी (सूचना) भेजी थी, उन्होंने दोपहर 2 बजे का उल्लेख किया था. अब यह कैबिनेट को तय करना है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा था. धनखड़ ने कहा था कि राजभवन को राज्य विधानसभा बुलाने की कोई सिफारिश नहीं मिली है. उनका यह बयान मीडिया रिपोर्टों के दावा करने के बाद आया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता ने धनखड़ पर फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करने का आरोप लगाया था. राजभवन की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल विधानसभा बुलाने की ऐसी कोई सिफारिश राज्यपाल के विचारार्थ राजभवन में प्राप्त नहीं हुई है.'

पढ़ें- बंगाल : राज्यपाल धनखड़ ने विधानसभा सत्र बुलाने की CM ममता की सिफारिश लौटाई

राज्यपाल ने इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बजट सत्र के लिए विधानसभा आहूत करने की सिफारिश को यह कहते हुए वापस भेज दिया था कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, यह राज्य मंत्रिमंडल से आनी चाहिए.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल के हालत प्रजातंत्र के लिए बड़ा खतरा : राज्यपाल जगदीप धनखड़

इससे पहले बंगाल के राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने की मुख्यमंत्री की सिफारिश लौटा दी थी. ममता ने 7 मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश भेजी, जिसे धनखड़ ने मंजूरी दिए बिना वापस कर दिया था. धनखड़ ने कहा था कि यह प्रस्ताव संवैधानिक मानदंडों को पूरा नहीं करता.

(भाषा इनपुट के साथ)

Last Updated : Feb 24, 2022, 8:03 PM IST
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