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अदालत ने धन शोधन मामले में समन के खिलाफ बंगाल पुलिसकर्मी की याचिका पर ईडी का रुख पूछा - plea against summons

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में निचली अदालत के समन के खिलाफ बंगाल पुलिस के एक अधिकारी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय का रुख पूछा.

दिल्ली उच्च न्यायालय
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Published : Sep 23, 2021, 4:13 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में निचली अदालत के समन के खिलाफ बंगाल पुलिस के एक अधिकारी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय का रुख पूछा.

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया. मिश्रा फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं.

न्यायाधीश ने कहा कि नोटिस जारी किया जाता है. आज से 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल किया जाए. एजेंसी की ओर से अधिवक्ता अमित महाजन और मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पहवा पेश हुए.

अपनी याचिका में पुलिस वाले ने तर्क दिया है कि अपने 28 जून के आदेश में निचली अदालत ने गलत तरीके से सम्मन जारी किया और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की और बिना दिमाग लगाए आदेश पारित किया.

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दिल्ली की एक निचली अदालत के पास ईडी की शिकायत पर विचार करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि अपराध कथित तौर पर पश्चिम बंगाल में हुए हैं.

पढ़ें - जनहित याचिका की प्रक्रिया दोषारोपण के बजाए तंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपनायी जाए : न्यायालय

याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बर्दवान जिले के कनुस्तोरिया और कजोरा क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड क्षेत्रों में कथित अवैध कोयला खनन और चोरी के लिए 27 नवंबर, 2020 को सीबीआई एसीबी कोलकाता द्वारा तत्काल मामले में अनुसूचित अपराध दर्ज किया गया था.

(पीटीआई-भाषा )

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में निचली अदालत के समन के खिलाफ बंगाल पुलिस के एक अधिकारी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय का रुख पूछा.

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 22 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया. मिश्रा फिलहाल अंतरिम जमानत पर हैं.

न्यायाधीश ने कहा कि नोटिस जारी किया जाता है. आज से 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल किया जाए. एजेंसी की ओर से अधिवक्ता अमित महाजन और मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पहवा पेश हुए.

अपनी याचिका में पुलिस वाले ने तर्क दिया है कि अपने 28 जून के आदेश में निचली अदालत ने गलत तरीके से सम्मन जारी किया और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत अपराध का संज्ञान लेने में गलती की और बिना दिमाग लगाए आदेश पारित किया.

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दिल्ली की एक निचली अदालत के पास ईडी की शिकायत पर विचार करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि अपराध कथित तौर पर पश्चिम बंगाल में हुए हैं.

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याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बर्दवान जिले के कनुस्तोरिया और कजोरा क्षेत्रों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड क्षेत्रों में कथित अवैध कोयला खनन और चोरी के लिए 27 नवंबर, 2020 को सीबीआई एसीबी कोलकाता द्वारा तत्काल मामले में अनुसूचित अपराध दर्ज किया गया था.

(पीटीआई-भाषा )

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