दावणगेरे : कर्नाटक के दावणगेरे जिले में हरिहर तालुक के मालेबेन्नुरु कस्बे में पानी की समस्या ने शादी तोड़ दिया है. दरअसल, यहां पानी को लेकर महिलाओं के बीच लड़ाई देख एक परिवार ने अपनी बेटी को बहू के रूप में इस कस्बे में भेजने से इनकार कर दिया.
हरिहर को दक्षिण काशी और मध्य कर्नाटक के औद्योगिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता है. इस शहर की प्रमुख जीवन रेखा तुंगभद्रा नदी है लेकिन गर्मी शुरू होने से पहले ही पानी की समस्या से शहर जूझने लगता है.
हरिहर तालुक के बनुहल्ली गांव की एक युवती के साथ मालेबेन्नुरु कस्बे के द्वितीय वार्ड निवासी युवक की शादी तय हो गई थी. दुल्हन का परिवार दूल्हे का घर देखने मालेबेन्नूरु आया था. उनके घर पहुंचने से पहले ही उन्होंने शहर के बीरालिंगेश्वर मंदिर में दर्शन किया.
उस दौरान उन्होंने देखा कि मंदिर से लौटते समय कुछ महिलाएं पीने के पानी को लेकर आपस में लड़ रही हैं. ये महिलाएं 15 दिनों के लंबे अंतराल के बाद आपूर्ति किए जाने वाले पानी के लिए संघर्ष कर रही थीं. इस लड़ाई को देखने के बाद दुल्हन के परिवार ने अपनी बेटी को इस शहर में नहीं भेजने का फैसला किया व दूल्हे के घर भी नहीं गए.
ईटीवी भारत से बात करते हुए दूल्हे के एक रिश्तेदार हलेशप्पा ने कहा कि दुल्हन के परिवार के आने पर महिलाएं आपस में लड़ रही थीं. बाद में हम उन्हें अपने एक रिश्तेदार के घर ले गए. हमने उनसे शादी के बारे में पूछा लेकिन उन्होंने शादी पर बात करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि हम गांव वापस जाकर सूचित करेंगे. अब 15 दिन बीत चुके हैं लेकिन हमें उनका कोई जवाब नहीं मिला. बाद में हमने शादी के लिए संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पानी के मुद्दे पर इस शादी को अस्वीकार कर दिया गया है. वे तैयार नहीं हैं अपनी बेटी को समस्या की ओर धकेल दें.
वहीं एक स्थानीय निवासी गंगाधर ने कहा कि हम पिछले कुछ वर्षों से पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं लेकिन पिछले 2-3 महीनों में पानी की समस्या बढ़ गई है. हमें 15-20 दिनों में एक बार पानी मिलता है. इसके अलावा मध्यरात्रि के दौरान पानी की आपूर्ति की जा रही है. जीवन जीने के लिए हमें जो मुख्य चीज चाहिए वह है पानी. अगर हमें पानी नहीं मिला तो क्या होगा?