नई दिल्ली: सांसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन मणिपुर की विभत्स घटना के विरोध में हंगामे की भेंट चढ़ गया. हालांकि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार थी और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम लोगों के आश्वासन के बावजूद विपक्षी पार्टियां कुछ भी सुनने को राजी नहीं हुई और लगातार मणिपुर पर सरकार से जवाब मांगते हुए स्लोगन और नारेबाजी करती रहीं.
हालांकि इस बीच मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र परेड करवाने की घटना के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और प्रधानमंत्री ने भी खुद संसद की शुरुआत में ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वो चाहे मणिपुर हो या छत्तीसगढ़ या फिर राजस्थान, महिलाओं के सम्मान के प्रति अपराध को बिल्कुल ना बख्शा न जाए और कड़ी से कड़ी सजा दें. बावजूद विपक्ष लगातार सदन में नारेबाजी करता रहा.
सरकार ने कहा की संसद के इस सत्र में 32 महत्वपूर्ण बिल आने वाले हैं, मगर कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों को इसकी चिंता नहीं. सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी गुजारिश की कि वो संसद को चलने दें, क्योंकि संसद चलेगी तभी मणिपुर पर चर्चा संभव हो पाएगी. उन्होंने कहा कि पीएम ने सीधे तौर पर बोला है कि कोई अपराधी बख्शा नहीं जायेगा, हालांकि वीडियो पुराना है.
उन्होंने कहा कि मगर सरकार चर्चा करने को तैयार है, तो हंगामा किस बात का, यानी आप चर्चा करने को राजी नहीं, जबकि सरकार कह रही हम चर्चा को तैयार हैं. फिर हो हल्ला क्यों ऐसे में सरकार के साथ विपक्ष को खड़ा रहना चाहिए. प्रधानमंत्री पर विपक्ष की टिप्पणी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पीएम देश के पीएम हैं तो पूरे देश पर बोलेंगे न और उन्होंने बोला मणिपुर पर, वो पूरे देश के पीएम हैं तो उन्हें हर मुद्दे पर बोलना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसे में विपक्ष को उनके साथ खड़ा होना चाहिए. चर्चा करना चाहिए, मगर विपक्ष जैसे हंगामा कर रहा है, ये स्वास्थ्य राजनीति का हिस्सा नहीं है. मुख्यमंत्री की बर्खास्तगी की मांग पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष पहले चर्चा करे. चर्चा में कई चीजें निकल कर आएंगी. विपक्ष इस पर चर्चा करने को ही तैयार नहीं है.
जहां तक बात समय की है, मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार पल पल की जानकारी ले रहे हैं और घटना का संज्ञान ले रहे है. मगर विपक्ष चर्चा से बचने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि चर्चा होगी तो राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बंगाल की भी चर्चा होगी.