केदारनाथ: केदारनाथ धाम (Uttarakhand Kedarnath Dham) को लगातार भव्य स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे मंदिर को और सुंदर बनाया जा सके. वहीं केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया है. मंदिर के अंदर 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें, जलेरी व छत को नया रूप दिया गया है. एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में बुधवार सुबह आखिरी चरण का कार्य पूरा कर दिया गया. महाराष्ट्र के एक दानदाता के सहयोग से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने यह कार्य किया है.
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (Badrinath Kedarnath Temple Committee) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों और छत को 3 दिन में 19 कारीगरों द्वारा 550 सोने की परतों से सजाया गया है. आईआईटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की और एएसआई की 6 सदस्यीय टीम ने धाम का निरीक्षण किया.
विभाग के दो अधिकारियों की मौजूदगी में दानदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परत लगाने का काम किया गया है. वहीं इस कार्य में 19 मजदूर लगे हुए थे. गौरीकुंड से 18 घोड़ा-खच्चरों से सोने की 550 परतें तीन दिन पूर्व केदारनाथ पहुंचाई गई थी.
बता दें कि 21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) केदारनाथ धाम पहुंचे थे. इस दौरान पीएम मोदी जुदा अंदाज में दिखाई दिए थे. पीएम मोदी ने पहाड़ी पोशाक और टोपी पहनी थी. उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव की रुद्राभिषेक पूजा की थी. पीएम मोदी ने सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनने वाले रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया. जिसके बाद पीएम ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी श्रम साधकों के साथ बैठकर संवाद करते दिखाई दिए. पीएम ने श्रम साधकों से पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली और उनकी परेशानियों के बारे में पूछा.
केदारनाथ रोपवे का किया शिलान्यासः इसके बाद पीएम मोदी ने ₹1267 करोड़ की लागत से बनने वाले गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे की आधारशिला (PM Modi Laid Foundation stone of Kedarnath ropeway) रखी थी. यह रोपवे करीब 9.7 किलोमीटर लंबा होगा. यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा. वहीं, केदारनाथ पहुंचे यात्रियों ने कहा कि इस रोपवे प्रोजेक्ट पर काम हो जाए तो बहुत अच्छा होगा. इससे वरिष्ठ नागरिकों को धाम पहुंचने में सुविधा होगी.