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दीवार ढहने के बाद दो घंटे तक लकड़ी की सीढ़ी पर खड़ी रहीं दो महिलाएं

मुंबई में भारी बारिश के चलते दीवार गिर गई जिसके बाद दो महिलाएं करंट लगने के डर से दो घंटे से अधिक वक्त तक अपनी झोंपडी में लकड़ी की सीढ़ी पर खड़ी रहीं.

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Published : Jul 18, 2021, 4:06 PM IST

मुंबई : मुंबई के माहुल इलाके में रविवार को भारी बारिश के कारण इलाके में एक दीवार गिरने के बाद दो महिलाएं करंट लगने के डर से दो घंटे से अधिक वक्त तक अपनी झोंपडी में लकड़ी की सीढ़ी पर खड़ी रहीं.

एक अधिकारी ने बताया कि माहुल के भरतनगर इलाके में देर रात करीब एक बजे भूस्खलन के बाद एक छोटी पहाड़ी पर स्थित कुछ मकानों पर दीवार गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई. जब इलाके में दीवार गिरने के बाद लोग बाहर चिल्ला रहे थे, उस वक्त लक्ष्मी जोंगनकर (40) अपनी झुग्गी में थीं. उन्होंने अपने घर की खिड़की खोली और देखा कि अन्य झोपड़ियां भी ढह गयी हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं देखा कि उनके घर में भी मलबा घुस गया है.

उन्होंने कहा, लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि इलाके में बिजली का करंट फैल गया है तो मैं अपनी एक महिला रिश्तेदार के साथ अपनी झोंपड़ी में लकड़ी की सीढ़ी पर चढ़ गई. दो घंटे से अधिक वक्त बाद एक व्यक्ति हमारा हालचाल जानने आया और हमें बाहर आने के लिए कहा.

पढ़ें :- चेंबूर-विक्रोली में दीवार ढहने से 21 की मौत, राष्ट्रपति व पीएम ने जताई संवेदना

महिला ने कहा कि उसने दरवाजा खोला और लड़की के डंडे की मदद से मकान के बाहर निकलीं. स्थानीय निवासी भाऊदास रंगारवार्पे ने कहा कि भूस्खलन के कारण दीवार ढही. उन्होंने कहा, दीवार बहुत पुरानी थी तो वह उससे सटी झुग्गियों पर गिर गई.

स्थानीय निवासी रफीक ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर मलबे से शव निकालने में बचाव दल की मदद की. उसने कहा कि भारी बारिश के कारण यह घटना हुई. उसने कहा, इस घटना में एक परिवार के तो सभी सदस्यों के करंट लगने के कारण मरने का संदेह है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : मुंबई के माहुल इलाके में रविवार को भारी बारिश के कारण इलाके में एक दीवार गिरने के बाद दो महिलाएं करंट लगने के डर से दो घंटे से अधिक वक्त तक अपनी झोंपडी में लकड़ी की सीढ़ी पर खड़ी रहीं.

एक अधिकारी ने बताया कि माहुल के भरतनगर इलाके में देर रात करीब एक बजे भूस्खलन के बाद एक छोटी पहाड़ी पर स्थित कुछ मकानों पर दीवार गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई. जब इलाके में दीवार गिरने के बाद लोग बाहर चिल्ला रहे थे, उस वक्त लक्ष्मी जोंगनकर (40) अपनी झुग्गी में थीं. उन्होंने अपने घर की खिड़की खोली और देखा कि अन्य झोपड़ियां भी ढह गयी हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं देखा कि उनके घर में भी मलबा घुस गया है.

उन्होंने कहा, लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि इलाके में बिजली का करंट फैल गया है तो मैं अपनी एक महिला रिश्तेदार के साथ अपनी झोंपड़ी में लकड़ी की सीढ़ी पर चढ़ गई. दो घंटे से अधिक वक्त बाद एक व्यक्ति हमारा हालचाल जानने आया और हमें बाहर आने के लिए कहा.

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महिला ने कहा कि उसने दरवाजा खोला और लड़की के डंडे की मदद से मकान के बाहर निकलीं. स्थानीय निवासी भाऊदास रंगारवार्पे ने कहा कि भूस्खलन के कारण दीवार ढही. उन्होंने कहा, दीवार बहुत पुरानी थी तो वह उससे सटी झुग्गियों पर गिर गई.

स्थानीय निवासी रफीक ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर मलबे से शव निकालने में बचाव दल की मदद की. उसने कहा कि भारी बारिश के कारण यह घटना हुई. उसने कहा, इस घटना में एक परिवार के तो सभी सदस्यों के करंट लगने के कारण मरने का संदेह है.

(पीटीआई-भाषा)

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