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तिरुमला तिरुपती देवस्थानम 45 लाख रुपये का मुआवजा भक्त को देगा, जानें क्यों

तमिलनाडु में एक कंज्यूमर कोर्ट ने तिरुमाला देवस्थानम बोर्ड को 45 लाख रुपये का मुआवजा एक भक्त को देने का आदेश दिया है.

Waiting for 16 years for Lord Balaji Seva  Court orders TTD to pay compensation of 45 lakhsEtv Bharat
तमिलनाडु में तिरुमाला देवस्थानम बोर्ड को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेशEtv Bharat
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Published : Sep 4, 2022, 1:39 PM IST

चेन्नई: सलेम कंज्यूमर कोर्ट ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के खिलाफ दर्ज एक मामले में 45 लाख रुपये का मुआवजा एक श्रद्धालु को देने का आदेश दिया है. तमिलनाडु के सलेम जिले के अलगापुरम के मूल निवासी हरिभास्कर ने 27 जून, 2006 को तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थानम में दो लोगों के नाम पर 'मेलचट वस्त्रम' सेवा में भाग लेने के लिए 12,250 रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया था.

सेवा में भाग लेने की अनुमति 10 जुलाई 2020 को प्राप्त हुई थी. कोरोना के कारण 2020 में इस सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बजाय, टीटीडी अधिकारियों ने एक विराम दर्शन का अवसर प्रदान किया. हरिबास्कर ने कहा कि वह केवल 'मेलचट वस्त्रम' की सेवा में भाग लेंगे, लेकिन टीटीडी ने इनकार कर दिया. इसलिए उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

ये भी पढ़ें-तमिलनाडु सरकार ने असम को जयमाला हाथी वापस देने से किया इनकार

अदालत ने मामले की सुनवाई की और पिछले महीने की 18 तारीख को फैसला सुनाया. अदालत ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को एक साल के भीतर 'मेलचट वस्त्रम' की सेवा में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए, ऐसा न करने पर उसे रुपये का भुगतान करना चाहिए. सेवा में कमी के तहत मुआवजे के रूप में 45 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया.

चेन्नई: सलेम कंज्यूमर कोर्ट ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के खिलाफ दर्ज एक मामले में 45 लाख रुपये का मुआवजा एक श्रद्धालु को देने का आदेश दिया है. तमिलनाडु के सलेम जिले के अलगापुरम के मूल निवासी हरिभास्कर ने 27 जून, 2006 को तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थानम में दो लोगों के नाम पर 'मेलचट वस्त्रम' सेवा में भाग लेने के लिए 12,250 रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया था.

सेवा में भाग लेने की अनुमति 10 जुलाई 2020 को प्राप्त हुई थी. कोरोना के कारण 2020 में इस सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसके बजाय, टीटीडी अधिकारियों ने एक विराम दर्शन का अवसर प्रदान किया. हरिबास्कर ने कहा कि वह केवल 'मेलचट वस्त्रम' की सेवा में भाग लेंगे, लेकिन टीटीडी ने इनकार कर दिया. इसलिए उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

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अदालत ने मामले की सुनवाई की और पिछले महीने की 18 तारीख को फैसला सुनाया. अदालत ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को एक साल के भीतर 'मेलचट वस्त्रम' की सेवा में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए, ऐसा न करने पर उसे रुपये का भुगतान करना चाहिए. सेवा में कमी के तहत मुआवजे के रूप में 45 लाख रुपये भुगतान करने का आदेश दिया.

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