नई दिल्ली : यूपी विधानसभा के छठें चरण के 10 जिलों आंबेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया व बलिया की 57 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने 46, उसके सहयोगी अपना दल और सुभासपा ने दो सीटें जीती थीं. पॉलिटिकल एक्सपर्ट मान रहे हैं कि अभी तक हुई वोटिंग में बीजेपी और सपा के बीच कांटे का मुकाबला रहा है, इसलिए बाकी बचे दो चरण में दलों के पास लीड लेने का मौका है.
इस चरण में योगी आदित्यनाथ, स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा योगी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (पथरदेवा), बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी (इटवा), स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह (बांसी), राज्यमंत्री श्रीराम चौहान (खजनी) और जय प्रकाश निषाद (रुद्रपुर) की किस्मत का फैसला 3 मार्च को होगा. इटवा सीट पर सतीश द्विवेदी का मुकाबला सपा कैंडिडेट माता प्रसाद पांडेय से है.
छठे चरण में गोरखपुर सदर से योगी आदित्यनाथ
फिलहाल सबकी नजर गोरखपुर सदर सीट पर जमी हैं, जहां से योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. यह सीट 1989 के बाद से भारतीय जनता पार्टी के पास रही है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की शहर विधानसभा सीट को 20 साल बाद नया विधायक मिलेगा.1989 से 1996 तक भाजपा के शिवप्रताप शुक्ला इस सीट से लगातार विधायक चुने गए. 2002 में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राधामोहन दास अग्रवाल जीते. उन्होंने भाजपा के चार बार के विधायक पूर्व मंत्री शिवप्रताप शुक्ल को हराया था. इस जीत के बाद यह तय हुआ था गोरखपुर में जीत-हार के समीकरण गोरक्षनाथ मंदिर से तय होते हैं. हालांकि बाद में राधामोहन दास अग्रवाल बीजेपी में शामिल हो गए. 2007 से 2017 तक राधामोहन अग्रवाल बीजेपी के टिकट पर चुनकर गोरखपुर सदर से विधानसभा पहुंचते रहे. 1951 से 1985 के बाच हुए नौ विधानसभा चुनावों में यह सीट 6 बार कांग्रेस के खाते में गई, जबकि 2 बार भारतीय जनसंघ और एक बार जनता पार्टी का गोरखपुर सदर में परचम लहराया.
फाजिलनगर से मैदान में हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
छठे चरण में इसके अलावा कुशीनगर जिले की एक और सीट हॉट बनी है, वह है फाजिलनगर विधानसभा सीट. इस सीट से भाजपा सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव मैदान में हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में चले गए. पहले माना गया कि वह अपने परंपरागत क्षेत्र पडरौना से चुनाव लड़ेंगे मगर उन्होंने सीट बदल ली. इसका असर यह रहा कि सपा के टिकट के दावेदार इलियास अंसारी ने बसपा का दामन थाम लिया और चुनावी मैदान में डट गए हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भाजपा ने इस बार अपने मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा को टिकट दिया है.
चौरीचौरा में निषाद पार्टी के सरवन निषाद
बता दें कि भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल को इस बार 18 सीटें दी हैं. वहीं, 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसमें उसे 9 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार निषाद पार्टी को 14 सीटें मिली हैं. निषाद पार्टी के 14 उम्मीदवारों में से सात भाजपा के चुनाव चिह्न से मैदान में हैं. छठे चरण की गोरखपुर और संतकबीर नगर समेत कई सीट ऐसी हैं, जहां बीजेपी ने अपने सीटिंग विधायक का टिकट काट दिया और वह सीटें अपने गठबंधन के साथी निषाद पार्टी और अपना दल को दे दी. चौरीचौरा में विधायक संगीता यादव का टिकट काट दिया. वहां भाजपा ने अपने सिंबल पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद को उम्मीदवार बनाया है. इस चुनाव में अगर निषाद पार्टी बेहतर परफॉर्म नहीं करती है तो भविष्य में गठबंधन पर असर पड़ेगा.
इन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा
कटेहरी, टांडा, आलापुर (सुरक्षित), जलालपुर, अकबरपुर, तुलसीपुर, गैंसड़ी, उतरौला, बलरामपुर (सुरक्षित), शोहरतगढ़, कपिलवस्तु (सुरक्षित), बांसी, इटवा, डुमरियागंज, हर्रैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर, महादेवा (सुरक्षित), मेंहदावल, खलीलाबाद, धनघटा (सुरक्षित), फरेंदा, नौतनवा, सिसवा, महराजगंज (सुरक्षित), पनियरा, कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर सदर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, खजनी (सुरक्षित), चौरी-चौरा, बांसगांव (सुरक्षित), चिल्लूपार, खड्डा, पडरौना, तमकुही राज, फाजिलनगर, कुशीनगर, हाटा, रामकोला (सुरक्षित), रुद्रपुर, देवरिया, पथरदेवा, रामपुर कारखाना, भाटपार रानी, सलेमपुर (सुरक्षित), बरहज, बेल्थरा रोड (सुरक्षित), रसड़ा, सिकंदरपुर, फेफना, बलिया नगर, बांसडीह व बैरिया
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