शिमला: हिमाचल में विधानसभा चुनाव (Himachal election 2022) को लेकर मतदान अब संपन्न हो चुका है. प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ. पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की कतारें देखने को मिली, हर आम और खास लाइन में लगकर वोट डालता नजर आए. मतदाताओं के जोश को देखकर रिकॉर्ड तोड़ मतदान की उम्मीद है. साल 2017 में 74 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था, इस बार इससे अधिक मतदान की उम्मीद है. (हिमाचल में 5 बजे तक 65.52 प्रतिशत हुआ मतदान है).
प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में हो रही है कैद: हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस बार 55 लाख से ज्यादा मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो प्रदेशभर में 412 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे. मतदान में महिलाओं से लेकर बुजुर्ग और नए मतदाताओं से लेकर दिव्यांगों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. (Voting Percentage in Himachal election).
मतदान का जोश: 14वीं विधानसभा के लिए चल रहे मतदान में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा. सुबह कई जिलों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस था लेकिन उसके बावजूद मतदान केंद्रों पर लोग लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखें. महिलाओं के अलावा दिव्यांगों और पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में भी अच्छा खासा उत्साह देखने को मिला.
वोटिंग की कतार में लगे VIP: लोकतंत्र के इस पर्व में हर आम और खास दोनों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. दिग्गज नेता भी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करके वोट डालते दिखे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व सीएम शांता कुमार से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, से लेकर कई दिग्गजों ने लाइन में लगकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
मौसम पर भी मतदान का जोश भारी: हिमाचल में पिछले कुछ दिनों से सर्दी अपना सितम ढाने लगी है. चंबा से लेकर शिमला और लाहौल के ऊपरी इलाकों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. लेकिन मतदाताओं का जोश मौसम पर भारी पड़ा है. चंबा जिले की भरमौर विधानसभा सीट पर चस्क भटोरी पोलिंग बूथ सड़क से 14 किमी. दूर है, जहां तक पहुंचने के लिए चुनाव करवाने वाली टीम और मतदाताओं को बर्फ के बीच से होकर गुजरना पड़ा. वहीं कुल्लू की बंजार विधानसभा सीट पर शाक्टी मरोड़ पोलिंग बूथ सड़क से 20 किमी. और शुगाड़ बूथ 17 किमी. दूर था. लेकिन मतदाताओं ने इन मौसम और दूरी समेत हर बाधा को बौना साबित कर मतदान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ पर हुई वोटिंग: लाहौल स्पीति जिले का टशीगंग दुनिया का सबसे ऊंचा पोलिंग बूथ है. 15256 फीट की ऊंचाई पर इस पोलिंग पर बूथ पर कुल 52 मतदाता हैं. युवाओं से लेकर यहां के बुजुर्गों ने भी मतदान किया और लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की. टशीगंग से चीन सीमा जिला मुख्यालय से ज्यादा नजदीक है. लाहौल स्पीति जिले का मुख्यालय काजा यहां से करीब 35 किलोमीटर दूर है, जबकि चीन की सीमा यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर है. इस बार भी यहां 100% वोटिंग का रिकॉड कायम रहा.(world highest Polling booth tashigang).
पहले मतदान, फिर अंतिम संस्कार: पहले मतदान फिर जलपान, चुनाव आयोग इस थीम के साथ हर बार मतदाताओं को जागरुक करता है. हर बार इस बात को साबित करने वाली ऐसी तस्वीरें भी सामने आई, जो सबको चौंका देती हैं. सिरमौर जिले की पांवटा विधानसभा सीट की गोजर पंचायत के एक परिवार ने अपने पिता के अंतिम संस्कार से पहले वोट डालकर मिसाल पेश की. दरअसल शुक्रवार देर रात परिवार के बुजुर्ग कश्मीरी लाल का निधन हो गया. जिसके बाद परिवार उनके अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गया था. लेकिन शनिवार सुबह कश्मीरी लाल के बेटे ने पत्नी और बहन के साथ पहले मतदान किया और फिर पिता की अर्थी को कंधा दिया.
वहीं मंडी जिले के करसोग में हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बस चलाने वाले प्रेम सिंह ने ड्यूटी के साथ-साथ मतदान की ड्यूटी को भी पूरा किया. प्रेम सिंह सवारियों से भरी बस को लेकर ही पोलिंग बूथ के पास उतरे और फिर अपना मतदान किया. चालक प्रेम सिंह ने बताया कि आज भी उनकी ड्यूटी थी, लेकिन उन्हें मतदान भी करना था. जिसके लिए उन्होंने बस रोक कर अपना मतदान किया. (HRTC driver stopped bus for voting in karsog).
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