हैदराबाद : सरकार ने चुनाव सुधार से जुड़े प्रस्तावों को मंजूर करते हुए वोटर कार्ड (voter ID) को आधार कार्ड (aadhar card) से जोड़ने का निर्णय लिया है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर मुहर लगा दी.
विधेयक के नियमों के मुताबिक, वोटर आईडी को अब लोगों के आधार नंबर से जोड़ा जाएगा. हालांकि आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का फैसला अनिवार्य नहीं होगा, यह जनता के लिए स्वैच्छिक होगा. चुनाव आयोग ने सरकार से आधार को वोटर आईडी से जोड़ने की सिफारिश की थी, ताकि चुनाव के दौरान धांधली रोकी जा सके. आधार (aadhar card) से वोटर कार्ड जुड़ने के बाद लोग एक ही जगह वोट डाल सकेंगे. अक्सर देखा जाता है कि कई वोटर कार्ड होने के कारण प्रवासी कई जगहों पर वोट डालते हैं. मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर किए गए बिल के अनुसार, अब सर्विस वोटर्स के लिए चुनावी कानून को 'जेंडर न्यूट्रल' भी बनाया जाएगा.
अब युवा एक साल में चार बार मतदाता के रूप में नामांकन कर सकेंगे. अभी तक कट ऑफ की तारीख एक जनवरी होने के कारण मतदाता सूची नाम दर्ज कराने से कई युवा वंचित रह जाते थे. हालांकि चुनाव आयोग किसी राज्य में चुनाव से पहले नाम दर्ज कराने या संशोधन का मौका देता है. इसके बावजूद कई बार 18 साल की उम्र वाले नए वोटरों को नाम दर्ज कराने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है. इस फैसले से नए वोटरों को अब साल में चार बार वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने का मौका मिलेगा.
बता दें कि विधि एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में संसद की एक समिति को बताया था कि उसका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 14 बी में संशोधन का प्रस्ताव है.
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