नई दिल्ली : किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन कर रहे अधिकतर लोग किसान नहीं हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों को नहीं बल्कि दूसरे लोगों को तकलीफ हो रही है.
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह मांग अक्सर होती रही है कि किसान को स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वह किसी का बंधुआ न रहे. स्वामिनाथन रिपोर्ट में भी यह मांग की गई थी. कृषि कानूनों में जो चीज किसानों के हित में हैं वह की गई हैं. किसान मंडी या बाहर अपनी मर्जी से अनाज बेच सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इससे किसान को नहीं बाकी लोगों को दिक्कत हो रही है. किसान आंदोलन में विपक्ष के साथ-साथ उन लोगों का हाथ है जो कमीशन खाते हैं.
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच मंगलवार को विज्ञान भवन में 3 घंटे से अधिक तक बातचीत हुई. हालांकि बातचीत समाप्त होने के बाद बाहर आए किसान नेताओं ने अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है. किसान नेताओं के मुताबिक फिलहाल यह बातचीत बेनतीजा रही है. किसान नेताओं का कहना है कि बातचीत का अगला दौर अब गुरुवार को शुरू होगा.
किसान नेता सरदार चंदा सिंह ने कहा, 'सरकार के साथ हुई बैठक बेनतीजा रही है. कृषि मंत्री ने हमसे कहा कि एक छोटी कमेटी बना दो. सरकार, किसानों की उस छोटी कमेटी से इस सब विषयों पर बात करेगी, लेकिन हमें सरकार का यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है, अब सरकार से अगली बातचीत गुरुवार को होगी. हमारा आंदोलन जारी रहेगा.'
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पंजाब के किसानों और केंद्र सरकार के बीच हुई इस बातचीत में पंजाब की छह अलग-अलग किसान यूनियनों के सदस्य मौजूद रहे.