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विझिंजम बंदरगाह आंदोलन: 15 लैटिन कैथोलिक पादरियों के खिलाफ दंगा, हत्या के प्रयास का मामला दर्ज - vizhinjam port violence case

केरल के विझिंजम बंदरगाह पर हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 15 लैटिन कैथोलिक पादरियों के खिलाफ दंगा भड़काने और हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

vizhinjam port movement
विझिंजम बंदरगाह आंदोलन
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Published : Nov 27, 2022, 10:50 PM IST

तिरुवनंतपुरम: यहां विझिंजम बंदरगाह में हुए हिंसक विरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप थॉमस जे नेटो सहित कम से कम 15 लैटिन कैथोलिक पादरियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं. शनिवार की हिंसा को लेकर दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, अवैध रूप से एकत्र होने और दंगा करने के आरोप लगाये गये है. पुलिस ने मामले में आर्कबिशप थॉमस जे नेटो, फादर क्रिस्टुदास, फादर यूजीन परेरा, लॉरेंस गुलास सहित अन्य को आरोपित किया है.

शनिवार को दो समूहों के बीच विझिंजम में हुई झड़पों को लेकर 110 से अधिक लोगों और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है. केरल उच्च न्यायालय से किए गए वादों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों को यहां निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह के सामने रोक दिया था. लैटिन कैथोलिक गिरजाघर की अगुवाई वाले प्रदर्शनकारियों ने 22 नवंबर को उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वे विझिंजम बंदरगाह पर आने वाले किसी भी वाहन को नहीं रोकेंगे.

शनिवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी विझिंजम बंदरगाह के द्वार के सामने एकत्र हो गए थे और मार्ग को अवरुद्ध कर वाहनों को रोक दिया था. नाकेबंदी के दौरान परियोजना के समर्थन में स्थानीय लोगों का एक वर्ग प्रदर्शनकारियों का विरोध करने के लिए सामने आया, जिससे मामूली हाथापाई हुई. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान मामूली नोकझोंक भी हुई. हमने प्रदर्शनकारियों और विझिंजम में प्रदर्शन का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए हैं.'

इस बीच, विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि आर्कबिशप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जाना अस्वीकार्य है. उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा, 'लगभग 50 पादरियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. अब ऐसा लग रहा है कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार अदानी समूह के लिए कुछ भी करेगी.' सतीशन ने कहा कि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने पहले प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का वादा किया था और आगे भी ऐसा जारी रहेगा.

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143 (गैरकानूनी ढंग से एकत्र होना), 147 (दंगा), 120-बी (आपराधिक साजिश) 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने परियोजना का समर्थन करने वाले लोगों के एक समूह 'पीपुल्स फोरम' की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है.

इस बीच, फादर यूजीन परेरा ने कहा कि सरकार तटीय समुदाय के ठीक से पुनर्वास के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने मीडिया से कहा, 'जो सरकार हमारा ठीक से पुनर्वास करने के लिए तैयार नहीं है, वह हमें मामले दर्ज किये जाने की धमकी दे रही है. हम पीछे नहीं हटेंगे. कल सरकार हमारे खिलाफ अदालत में जाएगी.'

पढ़ें: कर्नाटक में मरीज के पेट से निकाले 187 सिक्के, 1.2 किलो है सिक्कों का वजन

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी विझिंजम विरोध से संबंधित विभिन्न मामलों पर अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे. उच्च न्यायालय ने 22 नवंबर को प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे अवरोध हटाने में नाकाम रहे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निजी भागीदार, 'अदानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड' ने पांच दिसंबर, 2015 को 7,525 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण शुरू किया था.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम: यहां विझिंजम बंदरगाह में हुए हिंसक विरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप थॉमस जे नेटो सहित कम से कम 15 लैटिन कैथोलिक पादरियों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं. शनिवार की हिंसा को लेकर दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, अवैध रूप से एकत्र होने और दंगा करने के आरोप लगाये गये है. पुलिस ने मामले में आर्कबिशप थॉमस जे नेटो, फादर क्रिस्टुदास, फादर यूजीन परेरा, लॉरेंस गुलास सहित अन्य को आरोपित किया है.

शनिवार को दो समूहों के बीच विझिंजम में हुई झड़पों को लेकर 110 से अधिक लोगों और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है. केरल उच्च न्यायालय से किए गए वादों का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों को यहां निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह के सामने रोक दिया था. लैटिन कैथोलिक गिरजाघर की अगुवाई वाले प्रदर्शनकारियों ने 22 नवंबर को उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि वे विझिंजम बंदरगाह पर आने वाले किसी भी वाहन को नहीं रोकेंगे.

शनिवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी विझिंजम बंदरगाह के द्वार के सामने एकत्र हो गए थे और मार्ग को अवरुद्ध कर वाहनों को रोक दिया था. नाकेबंदी के दौरान परियोजना के समर्थन में स्थानीय लोगों का एक वर्ग प्रदर्शनकारियों का विरोध करने के लिए सामने आया, जिससे मामूली हाथापाई हुई. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान मामूली नोकझोंक भी हुई. हमने प्रदर्शनकारियों और विझिंजम में प्रदर्शन का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ नौ मामले दर्ज किए हैं.'

इस बीच, विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि आर्कबिशप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया जाना अस्वीकार्य है. उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा, 'लगभग 50 पादरियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. अब ऐसा लग रहा है कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार अदानी समूह के लिए कुछ भी करेगी.' सतीशन ने कहा कि संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने पहले प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का वादा किया था और आगे भी ऐसा जारी रहेगा.

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143 (गैरकानूनी ढंग से एकत्र होना), 147 (दंगा), 120-बी (आपराधिक साजिश) 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने परियोजना का समर्थन करने वाले लोगों के एक समूह 'पीपुल्स फोरम' की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है.

इस बीच, फादर यूजीन परेरा ने कहा कि सरकार तटीय समुदाय के ठीक से पुनर्वास के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने मीडिया से कहा, 'जो सरकार हमारा ठीक से पुनर्वास करने के लिए तैयार नहीं है, वह हमें मामले दर्ज किये जाने की धमकी दे रही है. हम पीछे नहीं हटेंगे. कल सरकार हमारे खिलाफ अदालत में जाएगी.'

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उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी विझिंजम विरोध से संबंधित विभिन्न मामलों पर अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे. उच्च न्यायालय ने 22 नवंबर को प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे अवरोध हटाने में नाकाम रहे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निजी भागीदार, 'अदानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड' ने पांच दिसंबर, 2015 को 7,525 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण शुरू किया था.

(पीटीआई-भाषा)

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