चंडीगढ़ : साक्षी मलिक के रेसलिंग को बाय-बाय कहने और बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने के बाद अब भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस करने का ऐलान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत- बहुत धन्यवाद. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिखते हुए ये ऐलान किया है. पत्र की कॉपी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर उन्होंने अपने पोस्ट के साथ शेयर की है.
पीएम मोदी को लिखा ख़त : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए ख़त में विनेश फोगाट ने लिखा है कि साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. उन्हें ऐसा करने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा, ये पूरे देश को पता है. मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं. पिछले एक साल से किस हाल में हूं, ये बताने के लिए आपको ख़त लिख रही हूं. मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था. लेकिन अब ये सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है. बस दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का सपना पूरा हो जाए. कुश्ती की महिला पहलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो झेला है उससे साफ है कि हम कितना घुट-घुट कर जीने को मजबूर हैं. जो शोषणकर्ता है, उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है, साथ ही भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं.साथ ही उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है.
'अपने पुरस्कारों से घिन्न आने लगी है' : विनेश फोगाट ने आगे ख़त में लिखा कि हम महिला पहलवानों को जलील करने का एक मौका भी नहीं छोड़ा गया है. कई बार ये सब भूलने की कोशिश की. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं है. हम न्याय के लिए पिछले एक साल से सड़कों पर घिसट रहे हैं. कोई हमारी सुध नहीं ले रहा है. हमारे मेडलों और अवॉर्डों को 15 रुपए का बताया जा रहा है, लेकिन ये हमें जान से प्यारे हैं. हमने न्याय के लिए आवाज़ उठाई तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है. क्या हम देशद्रोही हैं ? बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने की फोटो को देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं. मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन्न आने लगी है. अब मैं पुरस्कार लेती उस विनेश की छवि से छुटकारा पाना चाहती हूं. मुझे दिए गए मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का अब मेरी ज़िंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है. हर महिला सम्मान से जीना चाहती हैं. ऐसे में मैं अपने अवॉर्ड लौटाना चाहती हूं ताकि सम्मान से जीने की राह में ये पुरस्कार बोझ न बन सकें.
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मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।
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इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/KlhJzDPu9D
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— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 26, 2023
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' निशब्द हूँ. ये दिन किसी खिलाड़ी को न देखना पड़े.' : वहीं विनेश फोगाट के अवॉर्ड लौटाने के पोस्ट के बाद पद्मश्री लौटाने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर विनेश फोगाट के पोस्ट को टैग करते हुए पोस्ट किया है कि ' निशब्द हूँ. ये दिन किसी खिलाड़ी को न देखना पड़े.'
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WFI की नई बॉडी को कर दिया गया था सस्पेंड : आपको बता दें कि WFI पिछले 11 महीने से विवादों में घिरी हुई है. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के WFI के चुनाव जीतने और 'दबदबा था, दबदबा रहेगा' वाले पोस्टर्स के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया. इसके बाद उन्होंने यूपी के गोंडा में होने वाले टूर्नामेंट को लेकर सवाल उठाए थे. वहीं बजरंग पूनिया ने भी अपना पद्मश्री अवॉर्ड नई दिल्ली में पीएम आवास के बाहर रख दिया था. इस बीच साक्षी मलिक के सपोर्ट में उतरते हुए वीरेंद्र सिंह जिन्हें गूंगा पहलवान के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद 24 दिसंबर को खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को सस्पेंड कर दिया था. वहीं WFI के चुनाव में संजय सिंह की जीत के बाद जश्न मना रहे बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद कुश्ती से तौबा करने वाला बयान दिया था.