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Bihar News : लकड़ी के पैसे नहीं थे.. मुखिया ने कबीर अंत्येष्टि देने से मना किया.. शव को कंधा देकर सीधे पहुंच गए प्रखंड मुख्यालय

गया में अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला. कुछ ग्रामीण शव को लेकर सीधे प्रखंड कार्यालय पहुंच गए. उनका कहना था कि अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं है. योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 21, 2023, 7:13 PM IST

Updated : Jun 21, 2023, 8:17 PM IST

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राम नाम सत्य कहते हुए शव लेकर पहुंचे प्रखंड कार्यालय.

गया : बिहार के गया में शव जलाने के लिए गरीब परिवार को लकड़ी के पैसे नहीं थे. ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा दी जाने वाली अंत्येष्टि योजना से दी जाने वाली दाह संस्कार की राशि के लिए मुखिया से संपर्क किया. किंतु मुखिया ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पहले से ही दो लाख रुपया लगा चुके हैं, ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीण शव को कंधा देते हुए सीधे प्रखंड मुख्यालय पहुंच गए.

ये भी पढ़ें - चनपटिया नगर पंचायत में कबीर अंत्येष्टि के नाम पर 15 लाख का घोटाला!

बाराचट्टी प्रखंड का है मामला : यह संवेदनशील मामला गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड का है. जानकारी के अनुसार बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत काहुदाग पंचायत की रहने वाली 45 वर्षीय अनीता देवी की मौत रात्रि में हो गई थी. गरीब परिवार में इस मौत के बाद परिजनों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे, जिससे की लकड़ी की खरीद की जा सके. अंतिम संस्कार के लिए शव काफी देर तक घर के दरवाजे पर पड़ा रहा. ऐसे में लाचार परिजनों ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत अंतिम संस्कार के लिए दिए जाने वाले सरकारी रुपए को पाने के लिए स्थानीय मुखिया से संपर्क किया.

प्रखंड कार्यालय में रखा गया शव.
प्रखंड कार्यालय में रखा गया शव.

'पहले ही 2 लाख लगा चुका हूं, ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है' : कबीर अंत्येष्टि के रुपए मांगे जाने पर मुखिया का जो बयान था, वह हैरान करने वाला था. मुखिया ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि वह पहले ही कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 2 से 3 लाख रुपये दर्जनों लोगों को दे चुका हूं. किंतु ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है. मुखिया कमलेश कुमार ने यह भी कहा कि अब हम सक्षम नहीं रहे कि रुपए दे सकूं. यह भी कहा कि वह कई बार कबीर अंत्येष्टि के रुपए पाने के लिए ब्लॉक के अधिकारियों को सूचना दिया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

गांव वाले शव को लेकर पहुंचे ब्लॉक मुख्यालय : मुखिया के इस तरह की बातों को सुनने के बाद परिजन और गांव के लोग आक्रोशित हो गए. इसके बाद वे शव को कंधा देकर 'राम नाम सत्य है'.. कहते हुए सीधे प्रखंड मुख्यालय बाराचट्टी में दाखिल हो गए. प्रखंड मुख्यालय के परिसर में पहुंचकर परिजनों ने काफी देर तक हंगामा किया. वहीं, परिजनों का आरोप है, कि ब्लॉक के भी एक पदाधिकारी ने कहा कि चंदा करके शव जलाइए.

कईयों ने दिया चंदा, हंगामा होता रहा : ब्लॉक के एक पदाधिकारी के यह कहने के बाद कई लोगों ने चंदा देना भी शुरू कर दिया. यह दृश्य देखने वाले लोग प्रशासनिक व्यवस्था को कोस रहे थे. वहीं, इसके बीच हंगामा भी चल रहा था. हालांकि मामले को बढ़ता देख ब्लॉक के बीपीआरओ के अनुसार उन्होंने पंचायत सचिव के माध्यम से पैसा दिलवाने की कोशिश की है. इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय श्मशान घाट ले जाया जा रहा है.

''हम गरीब लोग हैं. हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ऐसे में हमारे घरों में मौत हो जाती है, तो बड़ी विपत्ति के रूप में होती है. क्योंकि हमारे पास दाह संस्कार के लिए पैसे तक नहीं होते हैं. दुर्भाग्य की बात यह है कि सरकार ने कबीर अंत्येष्टि योजना चलाई है, लेकिन उसके तहत हमें मदद नहीं मिल पाती है. ब्लॉक के पदाधिकारी चंदा कर शव जलाने की बात कहते हैं.''- मंटू कुमार, मृत महिला के पुत्र

लोग सरकारी व्यवस्था पर कर रहे कटाक्ष : इस तरह से कबीर अंत्येष्टि के पैसे नहीं मिलने और शव को जलाने लिए लकड़ी का जुगाड़ नहीं होने पर शव को घर से सीधे लेकर प्रखंड मुख्यालय बाराचट्टी पहुंचने के मामले को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके बीच लोग सरकारी व्यवस्था पर हास्यास्पद कटाक्ष भी कर रहे हैं.

राम नाम सत्य कहते हुए शव लेकर पहुंचे प्रखंड कार्यालय.

गया : बिहार के गया में शव जलाने के लिए गरीब परिवार को लकड़ी के पैसे नहीं थे. ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा दी जाने वाली अंत्येष्टि योजना से दी जाने वाली दाह संस्कार की राशि के लिए मुखिया से संपर्क किया. किंतु मुखिया ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पहले से ही दो लाख रुपया लगा चुके हैं, ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीण शव को कंधा देते हुए सीधे प्रखंड मुख्यालय पहुंच गए.

ये भी पढ़ें - चनपटिया नगर पंचायत में कबीर अंत्येष्टि के नाम पर 15 लाख का घोटाला!

बाराचट्टी प्रखंड का है मामला : यह संवेदनशील मामला गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड का है. जानकारी के अनुसार बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत काहुदाग पंचायत की रहने वाली 45 वर्षीय अनीता देवी की मौत रात्रि में हो गई थी. गरीब परिवार में इस मौत के बाद परिजनों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे, जिससे की लकड़ी की खरीद की जा सके. अंतिम संस्कार के लिए शव काफी देर तक घर के दरवाजे पर पड़ा रहा. ऐसे में लाचार परिजनों ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत अंतिम संस्कार के लिए दिए जाने वाले सरकारी रुपए को पाने के लिए स्थानीय मुखिया से संपर्क किया.

प्रखंड कार्यालय में रखा गया शव.
प्रखंड कार्यालय में रखा गया शव.

'पहले ही 2 लाख लगा चुका हूं, ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है' : कबीर अंत्येष्टि के रुपए मांगे जाने पर मुखिया का जो बयान था, वह हैरान करने वाला था. मुखिया ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि वह पहले ही कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 2 से 3 लाख रुपये दर्जनों लोगों को दे चुका हूं. किंतु ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है. मुखिया कमलेश कुमार ने यह भी कहा कि अब हम सक्षम नहीं रहे कि रुपए दे सकूं. यह भी कहा कि वह कई बार कबीर अंत्येष्टि के रुपए पाने के लिए ब्लॉक के अधिकारियों को सूचना दिया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

गांव वाले शव को लेकर पहुंचे ब्लॉक मुख्यालय : मुखिया के इस तरह की बातों को सुनने के बाद परिजन और गांव के लोग आक्रोशित हो गए. इसके बाद वे शव को कंधा देकर 'राम नाम सत्य है'.. कहते हुए सीधे प्रखंड मुख्यालय बाराचट्टी में दाखिल हो गए. प्रखंड मुख्यालय के परिसर में पहुंचकर परिजनों ने काफी देर तक हंगामा किया. वहीं, परिजनों का आरोप है, कि ब्लॉक के भी एक पदाधिकारी ने कहा कि चंदा करके शव जलाइए.

कईयों ने दिया चंदा, हंगामा होता रहा : ब्लॉक के एक पदाधिकारी के यह कहने के बाद कई लोगों ने चंदा देना भी शुरू कर दिया. यह दृश्य देखने वाले लोग प्रशासनिक व्यवस्था को कोस रहे थे. वहीं, इसके बीच हंगामा भी चल रहा था. हालांकि मामले को बढ़ता देख ब्लॉक के बीपीआरओ के अनुसार उन्होंने पंचायत सचिव के माध्यम से पैसा दिलवाने की कोशिश की है. इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय श्मशान घाट ले जाया जा रहा है.

''हम गरीब लोग हैं. हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ऐसे में हमारे घरों में मौत हो जाती है, तो बड़ी विपत्ति के रूप में होती है. क्योंकि हमारे पास दाह संस्कार के लिए पैसे तक नहीं होते हैं. दुर्भाग्य की बात यह है कि सरकार ने कबीर अंत्येष्टि योजना चलाई है, लेकिन उसके तहत हमें मदद नहीं मिल पाती है. ब्लॉक के पदाधिकारी चंदा कर शव जलाने की बात कहते हैं.''- मंटू कुमार, मृत महिला के पुत्र

लोग सरकारी व्यवस्था पर कर रहे कटाक्ष : इस तरह से कबीर अंत्येष्टि के पैसे नहीं मिलने और शव को जलाने लिए लकड़ी का जुगाड़ नहीं होने पर शव को घर से सीधे लेकर प्रखंड मुख्यालय बाराचट्टी पहुंचने के मामले को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके बीच लोग सरकारी व्यवस्था पर हास्यास्पद कटाक्ष भी कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 21, 2023, 8:17 PM IST
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