मेरठः जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर करनावल गांव में एक ही परिवार के कई लोग अपने हुनर के बल पर विशेष पहचान बनाए हुए हैं. पिता और पुत्र सभी हैरतअंगेज कारनामे करने में माहिर हैं. विकास स्वामी और उनके दो बेटे अपने मजबूत दातों से कई कीर्तिमान रच चुके हैं. सम्मान इतना कि जहां भी जाते हैं लोग उनके लिए तालियां बजाते हैं और स्वागत भी करते हैं. लेकिन परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पिता हाथों के बल खड़े होकर अपने दांतो से वजन उठाने के लिए गिनीज बुक में नाम दर्ज करा चुके हैं और उनके दो बेटे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है.
विकास स्वामी की स्टोरी है प्रेरणादायी
करनावल के विकास स्वामी (38) और उनका परिवार 9×16 फ़ीट के एक मकान में रहते हैं. परिवार में पत्नी एक बेटी और दो बेटे हैं. विकास बताते हैं कि 2010 में उनके साथ एक दुर्घटना हुई, जिसमें वह काफी समय तक बेड पर रहे. इस दौरान डॉक्टर्स ने भी उनकी समस्या को देखकर हाथ खड़े कर दिए. शरीर थक चुका था. नौकरी छूट चुकी थी, लेकिन इसी बीच उन्हें किसी ने योग से जुड़ने की सलाह दी. इसके बाद से निरंतर योग किया और अपने घर में बिना किसी संसाधन के ही योग साधना करते हुए कुछ अलग करने की ठान ली.
कुछ अलग करने के जज्बे से बढ़े आगे
विकास स्वामी बताते हैं कि उन्होंने लोगों को देखा कि लोग सोशल मीडिया पर यूट्यूब पर वीडियो डालते हैं और रातों रात फेमस हो जाते हैं. क्यों न वह भी कुछ ऐसा करें कि उनकी भी अपनी एक पहचान हो. इसके बाद एक्सीडेंट से उभरकर दातों से वजन उठाने का अभ्यास शुरू किया. देखते ही देखते वह इस विधा में निपुण होते चले गए.
गिनीज बुक पाकर देश का बढ़ा चुके हैं मान
सन् 2021 में 80 किलो वजन दातों से उठाकर विकास स्वामी ने इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड बनाया था. तब से परिवार लगातार रिकॉर्ड बनाता आ रहा है. विकास अब अपने नाम पर गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज करा चुके हैं. विकास स्वामी हाथ के बल खड़े होकर अपने मुंह से 80 किलोग्राम से ज्यादा वजन उठाने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.
बिना संसाधनों के करते हैं पिता-पुत्र अभ्यास
विकास बताते हैं कि वे देशी अंदाज में हाथ के बल उलटे खड़े होकर वजन उठाने का अभ्यास करने लगे. शुरुआत में उन्होंने हाथों के बल उलटा खड़ा होकर दातों से ईंट पत्थर बांधकर उठाने शुरू किए थे. इसके बाद वह थोड़े बहुत बदलाव करते रहे. यह वो दौर था ज़ब उनकी नौकरी भी छूट चुकी थी. इसके अलावा कभी कभार ही कहीं काम पर जाकर परिवार का पालन पोषण कर पाते. वर्तमान में न सिर्फ विकास बल्कि उनके दो बेटे जो कि अभी नाबालिग हैं. दोनों भी पिता के देखा देखी वही सब करने लगे.
अपने हुनर का प्रदर्शन करके पाल रहे परिवार
विकास बताते हैं कि कभी-कभी कहीं से मौका मिलता है तो वे इस हुनर को दिखाने के लिए जहां बुलाए जाते चले जाते हैं. क्योंकि जो पैसा उन्हें वहां मिलता, उससे परिवार पालाने में मदद हो जाती है. विकास बताते हैं कि उनका और उनके परिवार का एक सपना है कि मेहनत के बल पर ही आगे बढ़कर अपनी आर्थिक समस्या का हल करना है.
टेलीविजन शो में प्रदर्शन कर बनाया था गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
विकास स्वामी बताते हैं कि टेलीविजन पर आने वाले एक खास कार्यक्रम के मंच पर पहुंच कर उन्हें गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने का अवसर मिला. वह अपने दोनों बेटों को लेकर गए और रिकॉर्ड भी बन गया. विकास का कहना है कि उन्होंने संकल्प लिया है कि किसी की कॉपी नहीं करनी है, स्वयं ही रिकॉर्ड बनाना है. विकास बताते हैं कि जबब 80 किलोग्राम वजन उठाया था तो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया था. 83 किलोग्राम वजन उठाकर एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड मे नाम दर्ज हुआ. इसके बाद इसी साल 121 किलोग्राम वजन दांतो से उठाकर योगा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. इंडिया गॉट टेलेंट के मंच पर गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया है.
विकास के छोटे बेटे के नाम भी हैं तीन रिकॉर्ड
विकास स्वामी के छोटे बेटे अनमोल स्वामी 9 साल के हैं 21 किलो के अनमोल ने पिता से योग के बल पर उलटा होकर वजन उठाने का अभ्यास किया. महज आठ साल की उम्र में अनोल ने इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड और योगा वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा लिया था. 45 किलोग्राम वजन उठाकर रिकॉर्ड बना चुके हैं. अनमोल ने बताया कि अब वे 47 किलोग्राम वजन उठाने लगे हैं. अनमोल कहते हैं कि मम्मी पापा का सपना पूरा करना है और अलग पहचान बनानी है.
बड़े बेटे आदित्य के नाम हैं तीन रिकॉर्ड
विकास के दूसरे बेटे आदित्य स्वामी करीब 13 वर्ष के हैं और वजन लगभग 45 किलोग्राम है. और वह 75 किलो वजन दांत से उठाकर रिकॉर्ड बना चुके हैं. इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, और योगा वर्ल्ड रिकॉर्ड आदित्य अपने नाम दर्ज करा चुके हैं. विकास स्वामी की पत्नी का कहना है कि कि उनके पति और बच्चे बहुत मेहनत करते हैं. लेकिन उनके पास संसाधनों की कमी है. उनके पास एक कमरे का छोटा सा मकान है. इसके अलावा ना कोई जमीन है और न ही कोई पूंजी है. उनके परिवार को सरकार से मदद की जरूरत है.
गांव के कुछ लोग कभी-कभी करते हैं मदद
विकास स्वामी ने बताया कि गांव के कुछ लोग महीने दो महीने में उनकी आर्थिक मदद कर देते हैं. कभी कभार कहीं कोई इवेंट में उन्हें बुला लिया जाता है, तो वहां कुछ पैसे मिल जाते हैं. जिससे उनका और उनके परिवार के लिए पेट भर भोजन जुगाड़ तो हो जाता है. लेकिन इसके अलावा अपने शौक को आगे बढ़ाने के लिए या बच्चों के हुनर को आगे निखारने के लिए या अच्छी परवरिश देने के लिए उनके पास कुछ नहीं है. विकास का कहना है कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की उम्मीद करते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यही प्रार्थना करनी है कि उनकी तरफ ध्यान दें ताकि परिवार तंगहाली की समस्या से उभर सकें.