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केरल सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया - किसानों की आय 50 प्रतिशत तक बढ़ाने

विजयन सरकार ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा शुरू की गईं सभी कल्याणकारी तथा विकास संबंधी पहलों व परियोजनाओं को वित्तीय समस्याओं के बावजूद समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.

पिनराई विजयन
पिनराई विजयन
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Published : May 28, 2021, 6:21 PM IST

Updated : May 28, 2021, 6:36 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल की दूसरी पिनराई विजयन सरकार ने अगले पांच साल में किसानों की आय 50 प्रतिशत तक बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि राज्य में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन न रहे. सरकार ने माना कि राज्य की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

विजयन सरकार ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा शुरू की गईं सभी कल्याणकारी तथा विकास संबंधी पहलों व परियोजनाओं को वित्तीय समस्याओं के बावजूद समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. इनमें गरीब परिवारों को निशुल्क हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने की महत्वकांक्षी के-एफओएन परियोजना भी शामिल है.

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राज्यपाल ने यहां विधानसभा में सरकार के दूसरे कार्यकाल का नीतिगत संबोधन प्रस्तुत करते हुए सरकारी प्राथमिकताएं पेश की. खान ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण राज्य के विकास कार्यों के समक्ष काफी चुनौतियों उत्पन्न हुई हैं, जिससे अत्यधिक राजस्व और राजकोषीय घाटा उठाना पड़ सकता है.

उन्होंने महामारी के कारण राज्य की वित्त व्यवस्ता पर पड़े प्रभाव की जानकारी देते हुए कहा कि 2020-21 में राज्य सकल घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) में 3.82 प्रतिशत तक की गिरावट का अनुमान है.

खान ने कहा, 'हमें 2021-22 में 6.60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर के साथ तेजी से उबरने की उम्मीद की है. लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर इस उम्मीद में बाधा बन सकती है.'

खान ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण राज्य के विकास कार्यों के समक्ष काफी चुनौतियों उत्पन्न हुई हैं, जिससे अत्यधिक राजस्व और राजकोषीय घाटा उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढे़ं : अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर रोक 30 जून तक बढ़ाई गई

उन्होंने कहा कि सभी को कोविड-19 रोधी टीके मुफ्त मुहैया कराना सरकार की एक नीति है और इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आने का अनुमान है.

खान ने कहा कि राजकोषीय सीमाओं के बावजूद सरकार वैश्विक महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा रही है और वैश्विक निविदाएं निकाली गई हैं और देश के टीका निर्माताओं को भी ऑर्डर दिए हैं.

खान ने कहा, 'कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है. कोविड के मामले वापस बढ़ने से राजस्व में भी कमी आई है.'

महामारी के समय में लागू किए गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का विवरण देते हुए, राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मौजूदा दूसरी लहर में, गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के उन सभी परिवारों को अनुग्रह भुगतान के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है, जिनके पास कल्याणकारी पेंशन नहीं है.

राज्यपाल ने सरकार की नयी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि सरकार अगले पांच साल में किसानों की आय में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि 'केरल में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन न रहे.'

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राज्यपाल ने कहा कि सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में सभी योग्य भूमिहीन लोगों को 'पट्टायम' जारी करेगी. इस बीच, विपक्षी दलों कांग्रेस और भाजपा ने विजयन सरकार के पहले नीतिगत संबोधन की आलोचना की है.

कांग्रेस ने कहा कि संबोधन में नयी स्वास्थ्य तथा शिक्षा नीति की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. संबोधन में महामारी की तीसरी लहर से निपटने को लेकर राज्य की तैयारियों का भी कोई उल्लेख नहीं है. भाजपा ने आरोप लगाया कि खान का मौजूदा नीतिगत संबोधन पिछली बार के संबोधन की पुनरावृत्ति है.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : केरल की दूसरी पिनराई विजयन सरकार ने अगले पांच साल में किसानों की आय 50 प्रतिशत तक बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि राज्य में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन न रहे. सरकार ने माना कि राज्य की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 महामारी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

विजयन सरकार ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा शुरू की गईं सभी कल्याणकारी तथा विकास संबंधी पहलों व परियोजनाओं को वित्तीय समस्याओं के बावजूद समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. इनमें गरीब परिवारों को निशुल्क हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने की महत्वकांक्षी के-एफओएन परियोजना भी शामिल है.

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राज्यपाल ने यहां विधानसभा में सरकार के दूसरे कार्यकाल का नीतिगत संबोधन प्रस्तुत करते हुए सरकारी प्राथमिकताएं पेश की. खान ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण राज्य के विकास कार्यों के समक्ष काफी चुनौतियों उत्पन्न हुई हैं, जिससे अत्यधिक राजस्व और राजकोषीय घाटा उठाना पड़ सकता है.

उन्होंने महामारी के कारण राज्य की वित्त व्यवस्ता पर पड़े प्रभाव की जानकारी देते हुए कहा कि 2020-21 में राज्य सकल घरेलू उत्पादन (जीएसडीपी) में 3.82 प्रतिशत तक की गिरावट का अनुमान है.

खान ने कहा, 'हमें 2021-22 में 6.60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर के साथ तेजी से उबरने की उम्मीद की है. लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर इस उम्मीद में बाधा बन सकती है.'

खान ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण राज्य के विकास कार्यों के समक्ष काफी चुनौतियों उत्पन्न हुई हैं, जिससे अत्यधिक राजस्व और राजकोषीय घाटा उठाना पड़ सकता है.

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उन्होंने कहा कि सभी को कोविड-19 रोधी टीके मुफ्त मुहैया कराना सरकार की एक नीति है और इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आने का अनुमान है.

खान ने कहा कि राजकोषीय सीमाओं के बावजूद सरकार वैश्विक महामारी के कारण सामने आई चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा रही है और वैश्विक निविदाएं निकाली गई हैं और देश के टीका निर्माताओं को भी ऑर्डर दिए हैं.

खान ने कहा, 'कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है. कोविड के मामले वापस बढ़ने से राजस्व में भी कमी आई है.'

महामारी के समय में लागू किए गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का विवरण देते हुए, राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मौजूदा दूसरी लहर में, गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) के उन सभी परिवारों को अनुग्रह भुगतान के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है, जिनके पास कल्याणकारी पेंशन नहीं है.

राज्यपाल ने सरकार की नयी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि सरकार अगले पांच साल में किसानों की आय में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि 'केरल में कोई भी व्यक्ति भूमिहीन न रहे.'

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राज्यपाल ने कहा कि सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में सभी योग्य भूमिहीन लोगों को 'पट्टायम' जारी करेगी. इस बीच, विपक्षी दलों कांग्रेस और भाजपा ने विजयन सरकार के पहले नीतिगत संबोधन की आलोचना की है.

कांग्रेस ने कहा कि संबोधन में नयी स्वास्थ्य तथा शिक्षा नीति की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. संबोधन में महामारी की तीसरी लहर से निपटने को लेकर राज्य की तैयारियों का भी कोई उल्लेख नहीं है. भाजपा ने आरोप लगाया कि खान का मौजूदा नीतिगत संबोधन पिछली बार के संबोधन की पुनरावृत्ति है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : May 28, 2021, 6:36 PM IST
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