नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है. उनके आधिकारिक आवास के रेनोवेशन के मामले की जांच तेज हो गई है. सोमवार को विजिलेंस विभाग ने आवास के नवीनीकरण में नियमों के कथित अनियमितता के संबंध में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
नोटिस में मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में हुए घोटाले से संबंधित कई बिंदुओं पर जवाब मांगा गया है. विभाग को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, आवास के नवीनीकरण में कुल 52.71 करोड़ रुपये की लागत आई. 52.71 करोड़ रुपये की लागत में 33.49 करोड़ रुपये आवास निर्माण पर और 19.22 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए.
4 इंजीनियरों को नोटिसः दिल्ली सरकार के विशेष सचिव (विजिलेंस) वाईवीवीजे राजशेखर ने PWD के 4 इंजीनियरों को नोटिस दिया है. इनमें असिस्टेंट इंजीनियर रजत कांत, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शिवनाथ धारा, चीफ इंजीनियर पीके परमार और चीफ इंजीनियर एके आहूजा शामिल हैं. नोटिस में इनसे पूछा गया है कि आखिर किसके कहने पर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया. पूरे प्रोजेक्ट पर कितना खर्च आया और आखिरकार इस निर्माण कार्य के दौरान अलग-अलग विभागों से एनओसी क्यों नहीं ली गई.
BJP और कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर LG ने लिया था संज्ञानः मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में करोड़ों खर्च को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए उपराज्यपाल ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. शिकायत में कहा गया था कि सिविल लाइन दिल्ली के बंगलो एरियाज में शामिल है. जिसके बारे में मास्टर प्लान में लिखा है कि यहां ऊंची इमारत नहीं बनाई जा सकती है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिविल लाइन्स के 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित जिस बंगले में रहते हैं. यह सिंगल स्टोरी इमारत थी.
फाइल चोरी की हुई है FIR: उपराज्यपाल को दी शिकायत में कहा गया था कि केजरीवाल के बंगले में निर्माण में 171 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इस मामले को लेकर प्रदेश भाजपा ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर अभियान भी चलाया था. इस मामले से संबंधित गोपनीय फाइलें भी गायब हो गई थी, जिसकी एफआइआर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की है.
भाजपा ने किया स्वागतः दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने सतर्कता विभाग के कारण बताओ नोटिस जारी करने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह नोटिस इस पूरे मामले की सच्चाई को उजागर करने में सहायक होगी. अब पता चलेगा की आखिर किसके आदेश पर बिना टेंडर एवं बजट प्रावधान के लोक निर्माण विभाग ने इतना बड़ा भ्रष्टाचार पूर्ण निर्माण करवा डाला. वह दिन दूर नही जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद बंगला घोटाले में जांच का सामना करेंगे.