नई दिल्ली : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर हिंदू सगठनों में खुशी की लहर है. विहिप ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अदालत के फैसले को संतोषजनक बताया. उन्होंने कहा कि वाराणसी के मंदिर की मुक्ति के लिए पहली बाधा पार कर ली गई है. उन्हें पहले भी भरोसा था कि वाराणसी मंदिर का मुकदमा 'पूजा स्थल कानून' से बाधित नहीं होता है. केवल मामले को देर और लंबित कराने की मंशा से मुस्लिम पक्षकारों द्वारा याचिकाएं दायर की गई थी. उन्होंने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों की याचिका खारिज कर दी और अब मामला 'गुण' और 'दोष' के आधार पर सुना जाएगा. विहिप कार्याध्यक्ष ही आशा जताई है कि पूरे मामले में जीत हिन्दू पक्ष की ही होगी.
आलोक कुमार ने आगे कहा कि ज्ञानवापी का मामला एक धार्मिक व आध्यात्मिक मामला है. इसलिए इसे जीत और हार का मुद्दा न मानते हुए शांति से सबको स्वीकार करना चाहिए. आज के निर्णय में वाराणसी कोर्ट ने मामले में हिन्दू पक्ष की याचिका को सुनवाई के योग्य माना है और मुस्लिम पक्ष की ओर से मामले में स्थगनादेश की अपील को खारिज कर दी है. श्रृंगार गौरी का पूजन प्रतिदिन करने की अनुमति के लिए लगाई गई याचिका पर भी कोर्ट में सुनवाई होगी जिसके बाद निर्णय होगा.
उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन और हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने यह फैसला सबूतों के आधार पर दिया है. अब श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा को लेकर दायर की गई याचिका पर रोजाना सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने फैसले के बारे में बताते हुए दावा किया कि ज्ञानवापी पर प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट (places of worship act 1991) लागू नहीं होता है. इस कारण ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है. इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri Case) में सोमवार को वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District court) को यह फैसला करना था कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन-पूजन मामले में आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सोमवार को इस केस में फैसला सुना दिया. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन कोर्ट ने बताया कि हिंदू पक्ष की दलील को मानते हुए लीगल टीम को श्रृंगार गौरी के निरीक्षण की अनुमति दे दी गई है. साथ ही कोर्ट ने माना है कि ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है.