नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस के स्कूलों की तुलना पाकिस्तानी मदरसों से करके नया विवाद खड़ा कर दिया है. राहुल ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह पकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथी मदरसों का इस्तेमाल कर अपने एजेंडा को आगे बढ़ाते हैं, ठीक उसी तरह आरएसएस द्वारा चलाये जा रहे विद्यालयों में राष्ट्रवाद की शिक्षा की शक्ल में एक अलग तरह के विचारों को तैयार किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा और पूरी देश की शिक्षा प्रणाली को निशाना बनाया जा रहा है. आरएसएस द्वारा चलाये जा रहे हजारों स्कूलों को मिल रही धनराशि पर भी कांग्रेस नेता ने सवाल खड़े किये.
इस मामले पर भाजपा नेताओं के साथ-साथ विहिप ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत के सरस्वती शिशु मंदिरों की तुलना पाकिस्तान के उन मदरसों से की है जो आतंकवाद की फैक्ट्रियां हैं. यह बेहद हास्यास्पद और असत्य है. उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर देशभर में लाखों बच्चों को प्रतिवर्ष स्वधर्म और स्वदेश का गौरव सिखाती है.
विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर भारत का जिम्मेदार नागरिक बनने का संस्कार भी देती है. विद्यार्थी अपने जीवन में कमाऊ बने, अपने घर को चला सके, उसकी क्षमताओं और व्यक्तित्व का विकास हो यह सुनिश्चित करते हैं. यही कारण है कि लोग किसी सरकारी या महंगे प्राइवेट स्कूलों की जगह अपने बच्चों को सरस्वती शिशु मंदिर में भेजते हैं.
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आलोक कुमार ने आगे कहा कि राहुल गांधी निरंतर ऐसे बयान देते रहते हैं जो या तो पाकिस्तान को खुश करने वाले होते हैं या चीन को खुश करने वाले होते हैं. उनके बयान भारत के हितों के विपरीत हैं. इसी कारण से कांग्रेस की लगातार हार हो रही है और यह पार्टी आज सिकुड़ती जा रही है. देश आज कांग्रेस मुक्त होने की ओर बढ़ रहा है. विहिप कार्याध्यक्ष ने राहुल के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिये.