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ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे से आखिर किसी को गुरेज क्यों : विहिप - वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामला

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (VHP Working President Alok Kumar) ने कहा कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का कुछ मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है. जबकि यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर कराए जा रहे हैं. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

VHP Working President Alok Kumar
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार
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Published : May 7, 2022, 8:05 PM IST

Updated : May 7, 2022, 9:23 PM IST

नई दिल्ली : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर कुछ मुस्लिम समुदाय के द्वारा विरोध किया जा रहा है. यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर कराए जा रहे हैं इसलिए इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (VHP Working President Alok Kumar) ने ईटीवी से विशेष बातचीत में कहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना जिस तरह हनुमान चालीसा का विरोध कर रही है उससे लगता नहीं की वह बाला साहब ठाकरे की पार्टी है.

उन्होंने कहा कि एक समुदाय के कुछ लोग ज्ञानवापी मंदिर में सर्वे को लेकर आरोप लगा रहे हैं और विरोध कर रहे हैं, मगर उनका भी यह विरोध जायज नहीं है क्योंकि यह किसी सरकार के कहने पर नहीं बल्कि यह हाईकोर्ट के आदेश के बाद के सर्वे कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसके विरोध में हाईकोर्ट गए भी थे लेकिन उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार से बातचीत

वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराए जाने का विरोध किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कैसा विरोध है, सर्वे कराए जा रहे हैं, फोटो लिए जा रहे है और वीडियो लिए जा रहे हैं तो उसमें परेशानी क्या है. क्या सत्य बाहर नहीं आना चाहिए, सत्य का विश्लेषण अगर होता है तो उसमें किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक बात असदुद्दीन ओवैसी की है तो उनकी भाषा हमेशा से धमकियों वाली होती है मगर उन्हें यह समझना चाहिए कि आज के भारत में चाहे कितनी भी धमकियां दें या सांप्रदायिक बात कर लेंगे लेकिन सभी लोग कानून के शासन से चलना चाहते हैं.

इस सवाल पर कि मुस्लिम समुदाय इस बात का विरोध कर रहे हैं कि मस्जिद के अंदर निषेध वाली जगह पर भी फोटो खींची जा रही है और उन्हें कुरेदा जा रहा है. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि यह तमाम कार्य कोर्ट के आदेश पर ही किया जा रहा है. देश में लाउडस्पीकर और अजान को लेकर मच रहे बवाल और शिवसेना पर टिप्पणी करते हुए वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा को लेकर जिस तरह से गिरफ्तारियां की गई हैं वह बहुत ही दुखद है. उन्होंने कहा कि शिवसेना बाला साहब की पार्टी थी और यह उनका सपना था लेकिन शिवसेना ने सत्ता के लालच में अपनी नीतियों से समझौता कर लिया है.

ये भी पढ़ें - ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी मामले में पहले दिन हुई थी कहां-कहां वीडियोग्राफी...पढ़िए पूरी खबर

उन्होंने कहा कि इस देश में हनुमान चालीसा पढ़ने पर आपत्ति की जा रही है यह बहुत ही गलत है और शिवसेना के नेता अजान पर सवाल नहीं उठा रहे और हनुमान चालीसा पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार करवा रहे हैं, सत्ता के लालच में शिवसेना कुछ भी कर रही है. इस सवाल पर भी दिल्ली सरकार के इशारे पर पंजाब पुलिस द्वारा तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी में तीन राज्यों की पुलिस शामिल हो जाने पर उन्होंने कहा कि यह कानून का विषय है और कानून उस पर अनुशंसा कर रही है.

ये भी पढ़ें - वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी विवाद? क्या कहता है इतिहास?

नई दिल्ली : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर कुछ मुस्लिम समुदाय के द्वारा विरोध किया जा रहा है. यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर कराए जा रहे हैं इसलिए इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार (VHP Working President Alok Kumar) ने ईटीवी से विशेष बातचीत में कहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना जिस तरह हनुमान चालीसा का विरोध कर रही है उससे लगता नहीं की वह बाला साहब ठाकरे की पार्टी है.

उन्होंने कहा कि एक समुदाय के कुछ लोग ज्ञानवापी मंदिर में सर्वे को लेकर आरोप लगा रहे हैं और विरोध कर रहे हैं, मगर उनका भी यह विरोध जायज नहीं है क्योंकि यह किसी सरकार के कहने पर नहीं बल्कि यह हाईकोर्ट के आदेश के बाद के सर्वे कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसके विरोध में हाईकोर्ट गए भी थे लेकिन उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार से बातचीत

वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे कराए जाने का विरोध किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कैसा विरोध है, सर्वे कराए जा रहे हैं, फोटो लिए जा रहे है और वीडियो लिए जा रहे हैं तो उसमें परेशानी क्या है. क्या सत्य बाहर नहीं आना चाहिए, सत्य का विश्लेषण अगर होता है तो उसमें किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक बात असदुद्दीन ओवैसी की है तो उनकी भाषा हमेशा से धमकियों वाली होती है मगर उन्हें यह समझना चाहिए कि आज के भारत में चाहे कितनी भी धमकियां दें या सांप्रदायिक बात कर लेंगे लेकिन सभी लोग कानून के शासन से चलना चाहते हैं.

इस सवाल पर कि मुस्लिम समुदाय इस बात का विरोध कर रहे हैं कि मस्जिद के अंदर निषेध वाली जगह पर भी फोटो खींची जा रही है और उन्हें कुरेदा जा रहा है. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि यह तमाम कार्य कोर्ट के आदेश पर ही किया जा रहा है. देश में लाउडस्पीकर और अजान को लेकर मच रहे बवाल और शिवसेना पर टिप्पणी करते हुए वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा को लेकर जिस तरह से गिरफ्तारियां की गई हैं वह बहुत ही दुखद है. उन्होंने कहा कि शिवसेना बाला साहब की पार्टी थी और यह उनका सपना था लेकिन शिवसेना ने सत्ता के लालच में अपनी नीतियों से समझौता कर लिया है.

ये भी पढ़ें - ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी मामले में पहले दिन हुई थी कहां-कहां वीडियोग्राफी...पढ़िए पूरी खबर

उन्होंने कहा कि इस देश में हनुमान चालीसा पढ़ने पर आपत्ति की जा रही है यह बहुत ही गलत है और शिवसेना के नेता अजान पर सवाल नहीं उठा रहे और हनुमान चालीसा पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार करवा रहे हैं, सत्ता के लालच में शिवसेना कुछ भी कर रही है. इस सवाल पर भी दिल्ली सरकार के इशारे पर पंजाब पुलिस द्वारा तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी में तीन राज्यों की पुलिस शामिल हो जाने पर उन्होंने कहा कि यह कानून का विषय है और कानून उस पर अनुशंसा कर रही है.

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Last Updated : May 7, 2022, 9:23 PM IST
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