दिल्लीः दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (AAP government minister Rajendra Pal Gautam) के बौद्ध धर्म के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद बड़ा विवाद शुरू हो गया है. दरअसल इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने हिंदू धर्म छोड़ कर बौद्ध धर्म (religious conversion in delhi) अपनाया. इस दौरान उन्हें हिन्दू देवी देवताओं की पूजा न करने और भगवान को न मानने की शपथ दिलाई गई. कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार पर हिन्दू संगठन निशाना साध रहे हैं. हिन्दू पक्ष इसे हिन्दू विरोधी बता रहा है.
चूंकि केजरीवाल सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे, भाजपा व हिन्दू संगठन अब केजरीवाल सरकार और उनकी पार्टी पर हमलावर हो गए हैं. विश्व हिन्दू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) की तरफ से भी पूरे मामले में कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि केजरीवाल और उनके साथी साम्प्रदायिक राजनीति से परहेज कर राजनीति में प्रवेश करने का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता पहले मुस्लिम और जिहादी तुष्टिकरण में लगे. ईसाई मिशनरियों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहायता व संरक्षण दिया और अब खुलेआम हिन्दू द्रोह पर उतर आए हैं.
बंसल ने कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रम में हिन्दू देवी देवताओं के विषय में जिस तरह से शपथ ग्रहण करवाया गया वो भी एक राज्य के मंत्री के द्वारा, यह बेहद शर्मनाक है. विनोद बंसल (VHP Spokesperson Vinod bansal) ने आगे कहा कि यह बेहद गंभीर और हिन्दू समाज के जख्मों पर चोट करने वाला है. देश की राजधानी का एक मंत्री यदि ऐसा कर रहा है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए. जो लोग इस धर्मांतरण के अड्डे में संलिप्त हैं, धर्मांतरण को समर्थन देने वाली पार्टी के प्रमुख को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
विहिप प्रवक्ता ने शाशन प्रशासन से भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है और कहा है कि देश की राजधानी में खुलेआम धर्मांतरण किया जा रहा है. आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री ने देश के कानून और मर्यादा को लांघने का काम किया है. अरविंद केजरीवाल को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि वो जब दीवाली पर लक्ष्मी पूजन करते हैं, भगवान गणेश की भी पूजा करते हैं लेकिन उन्हीं के मंत्री कहते हैं कि किसी हिन्दू देवी देवताओं की पूजा नहीं करेंगे, ऐसा क्यों ?
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विहिप की ओर से कहा गया है कि पूरे प्रकरण में आम आदमी पार्टी का हिन्दू विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है और हिन्दू समाज इसे माफ नहीं करेगा. दिल्ली में अखिल भारतीय संत समिति के बैठक के दौरान भी जब इस विषय में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती से पूछा गया तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल सरकार और उनके मंत्री को हिन्दू विरोधी करार दिया.