नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद ने स्थानीय आरडब्ल्यूए के साथ शुरू हुए कोविड सेंटर में पांच ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की सुविधा भी उपलब्ध है. विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि इस तरह की शुरुआत विहिप द्वारा देशभर में की जा रही है.
दिल्ली के सभी जिलों में स्थानीय आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर कोविड केयर सेंटर्स शुरू करने की योजना है, जिसपर अब काम भी शुरू हो चुका है. मिलिंद परांडे ने बताया कि महामारी के पहले दौर में विहिप ने 2 करोड़ लोगों को भोजन वितरित किया था और 28 लाख परिवारों को 2 महीने तक मुफ्त राशन पहुंचाने का काम किया था. महामारी के दूसरे दौर में परिस्थियां अलग हैं.
आज चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव है और अस्पतालों के बेड की किल्लत है. लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. इसलिए विहिप ऑक्सीजन सिलिंडर, कंसन्ट्रेटर और आयुर्ववेदिक दवाइयों के साथ लोगों की मदद कर रहा है.
ओवरसीज आरडब्ल्यूए की महासचिव ज्योति शर्मा ने बताया कि पांच बेड के साथ उनका यह छोटा सा प्रयास है लेकिन आगे इसे तीस बेड तक बढ़ाने की योजना है. जैसे ही पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी, संख्या बढ़ जाएगी.
उन्होंने कहा कि यदि इस तर्ज पर सभी आरडब्ल्यूए आगे आएं और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर अपनी सोसाइटी में ही कोविड सेंटर्स की शुरुआत करें तो एक बड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है. सोसाइटी में कोविड केअर सेंटर की शुरुआत पहले भी हुई है. हालांकि महामारी के दूसरे दौर में ऑक्सिजन के इंतजाम के साथ इस तरह के केंद्र खोलना बड़ी चुनौती है.
सरकार के तमाम दावों के बावजूद लोगों को ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है और उपलब्धता की स्थिति में भी घंटों इंतजार करना पड़ता है. दिल्ली के पश्चिम विहार में अम्बिका विहार कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के प्रधान लोकेश मुंजाल ने भी अपने सोसाइटी में इमरजेंसी कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की थी.
24 अप्रैल को शुरू हुए इस केंद्र में भर्ती होने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई कि ऑक्सीजन उपलब्ध करा पाना एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई. लोकेश मुंजाल ने बताया की दो दिन पहले ही उन्हें मरीजों की भर्ती बंद करनी पड़ी क्योंकि वह सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रहे थे. लोकेश इस लचर व्यवस्था के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों को जिम्मेदार ठहराते हैं.
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हालांकि लोकेश अभी भी लोगों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने अपने पास उपलब्ध ऑक्सीजन सिलिंडर जरुरतमंद लोगों को घर तक पहुंचाए और उनकी मदद की है. इस तरह की छोटी कोविड केयर इकाइयां अस्पतालों में बेड उपलब्ध न होने की बड़ी समस्या को कुछ कम जरूर कर सकती हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं पर अतिरिक्त दबाव को भी कम करने में मदद कर सकती हैं.