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चक्रवात यास : अगले 12 घंटों में उत्तरी ओडिशा में भारी बारिश की आशंका

चक्रवात यास ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है. मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने ईटीवी भारत की संवाददाता नियामिका सिंह से तूफान की गति और प्रभाव के बारे में बात की. पेश है बातचीत के अंश.

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Published : May 26, 2021, 8:43 PM IST

Updated : May 26, 2021, 10:36 PM IST

उत्तरी ओडिशा
उत्तरी ओडिशा

नई दिल्ली : चक्रवात यास की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं. शुरुआती अनुमान के मुताबिक, इसकी वजह से पश्चिम बंगाल में एक कराेड़ से ज्यादा लाेग प्रभावित हुए हैं. आइए देखे चक्रवात यास पर मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र क्या कहते हैं.

सवाल : चक्रवात यास की वर्तमान स्थिति क्या है? इसकी आगे की गति क्या होगी?

डीजी : चक्रवात यास ने आज ( IST, 10:30 से 11:30 बजे के दौरान) बालासोर से लगभग 20 किमी दक्षिण में ओडिशा तट को पार किया. लैंडफॉल के बाद, यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया और लगभग 12:30 बजे तक गंभीर चक्रवात कमजोर पड़ गया.

यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जाएगा. इसके बाद यह बुधवार आधी रात या गुरुवार तड़के तक कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदल सकता है.

सवाल : चक्रवात यास के लैंडफॉल के दौरान उसकी तीव्रता कितनी थी?
डीजी : लैंडफॉल के समय हवा की गति लगभग 130-140 किमी प्रति घंटे से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक थी.


सवाल : प्रभावित क्षेत्रों में चक्रवात यास का अनुमानित प्रभाव क्या था?
डीजी : ओडिशा के भीतरी जिलों में इसकी हवा की गति के कारण प्रभाव पड़ेगा. बालासोर और भद्रक के तटीय जिलों में अगले 3-4 घंटों के लिए तेज हवाओं और निचले इलाकों में तूफान का असर रहेगा. तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश में कमी आएगी.

हालांकि, अगले 6 घंटों में ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है और अगले 12 घंटों के दौरान उत्तरी ओडिशा के जिलों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ जिलों में भी भारी बारिश होगी. झारखंड में आज और कल भारी से अति भारी बारिश हो सकती है.


सवाल : चक्रवात यास कितना गंभीर था अगर हम इसकी तुलना बंगाल की खाड़ी में बने पिछले चक्रवातों से करें?

अगले 12 घंटों में उत्तरी ओडिशा में भारी बारिश की आशंका

डीजी : यह एक बहुत ही गंभीर चक्रवात था, लेकिन अगर आप इसकी तुलना पिछले साल के चक्रवात अम्फान से करें, तो उसकी हवा की गति 185 किमी प्रति घंटे थी, जबकि चक्रवात यास की हवा की गति 155 किमी प्रति घंटे थी. इसलिए चक्रवात यास की तुलना में अम्फान ज्यादा गंभीर था.

सवाल : क्या चक्रवात यास इस साल के दक्षिण-पश्चिम मानसून पर कोई प्रभाव डालेगा?

डीजी : चक्रवात एक अस्थायी है. कल यह खत्म हो जाएगा. इसके बाद पर्यावरण अपनी वास्तविक स्थिति में वापस आ जाएगा. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसका मानसून पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा.

सवाल : चक्रवात की चपेट में आए मछुआरों या तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए कोई सुझाव या चेतावनी?

डीजी : समुद्र की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन फिर भी यह 27 मई की सुबह तक अशांत रहेगा.

इसलिए मछुआरे सावधान रहें. मछुआरे कल सुबह तक समुद्र में न जाएं. इसी तरह, हमारे नौसैना के कार्यों को 27 मई की सुबह तक स्थगित रखने की आवश्यकता है.

सवाल :आईएमडी की पूर्वानुमान ने प्रभावित क्षेत्रों में विनाश को कम करने में कैसे मदद की?

डीजी : आईएमडी में एक पूर्णरूप से चक्रवात चेतावनी प्रणाली है. यह न केवल भारत में, बल्कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के आसपास के अन्य देशों में भी इससे जुड़ी सेवाएं प्रदान करने के लिए मान्यता प्राप्त है. हाल के वर्षों में यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दृष्टि से विकसित हुआ है. हम सभी एक साथ काम करते हैं. आईएमडी चक्रवाती सेवाएं प्रदान करने वाली नोडल एजेंसी है.

इसे भी पढ़ें : बालासोर तट पर दिखा 'यास' का भीषण रूप, उठीं ऊंची समुद्री लहरें

हम अपनी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को बेहतर बनाने के उद्देश्य से अपनी अवलोकन प्रणालियों, संचार प्रणालियों, मॉडलिंग प्रणाली में सुधार पर काम किया जा रहा है.

नई दिल्ली : चक्रवात यास की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं. शुरुआती अनुमान के मुताबिक, इसकी वजह से पश्चिम बंगाल में एक कराेड़ से ज्यादा लाेग प्रभावित हुए हैं. आइए देखे चक्रवात यास पर मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र क्या कहते हैं.

सवाल : चक्रवात यास की वर्तमान स्थिति क्या है? इसकी आगे की गति क्या होगी?

डीजी : चक्रवात यास ने आज ( IST, 10:30 से 11:30 बजे के दौरान) बालासोर से लगभग 20 किमी दक्षिण में ओडिशा तट को पार किया. लैंडफॉल के बाद, यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया और लगभग 12:30 बजे तक गंभीर चक्रवात कमजोर पड़ गया.

यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जाएगा. इसके बाद यह बुधवार आधी रात या गुरुवार तड़के तक कमजोर होकर डीप डिप्रेशन में बदल सकता है.

सवाल : चक्रवात यास के लैंडफॉल के दौरान उसकी तीव्रता कितनी थी?
डीजी : लैंडफॉल के समय हवा की गति लगभग 130-140 किमी प्रति घंटे से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक थी.


सवाल : प्रभावित क्षेत्रों में चक्रवात यास का अनुमानित प्रभाव क्या था?
डीजी : ओडिशा के भीतरी जिलों में इसकी हवा की गति के कारण प्रभाव पड़ेगा. बालासोर और भद्रक के तटीय जिलों में अगले 3-4 घंटों के लिए तेज हवाओं और निचले इलाकों में तूफान का असर रहेगा. तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश में कमी आएगी.

हालांकि, अगले 6 घंटों में ओडिशा के तटीय जिलों में भारी बारिश की उम्मीद है और अगले 12 घंटों के दौरान उत्तरी ओडिशा के जिलों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है. इसी तरह, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ जिलों में भी भारी बारिश होगी. झारखंड में आज और कल भारी से अति भारी बारिश हो सकती है.


सवाल : चक्रवात यास कितना गंभीर था अगर हम इसकी तुलना बंगाल की खाड़ी में बने पिछले चक्रवातों से करें?

अगले 12 घंटों में उत्तरी ओडिशा में भारी बारिश की आशंका

डीजी : यह एक बहुत ही गंभीर चक्रवात था, लेकिन अगर आप इसकी तुलना पिछले साल के चक्रवात अम्फान से करें, तो उसकी हवा की गति 185 किमी प्रति घंटे थी, जबकि चक्रवात यास की हवा की गति 155 किमी प्रति घंटे थी. इसलिए चक्रवात यास की तुलना में अम्फान ज्यादा गंभीर था.

सवाल : क्या चक्रवात यास इस साल के दक्षिण-पश्चिम मानसून पर कोई प्रभाव डालेगा?

डीजी : चक्रवात एक अस्थायी है. कल यह खत्म हो जाएगा. इसके बाद पर्यावरण अपनी वास्तविक स्थिति में वापस आ जाएगा. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसका मानसून पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा.

सवाल : चक्रवात की चपेट में आए मछुआरों या तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए कोई सुझाव या चेतावनी?

डीजी : समुद्र की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन फिर भी यह 27 मई की सुबह तक अशांत रहेगा.

इसलिए मछुआरे सावधान रहें. मछुआरे कल सुबह तक समुद्र में न जाएं. इसी तरह, हमारे नौसैना के कार्यों को 27 मई की सुबह तक स्थगित रखने की आवश्यकता है.

सवाल :आईएमडी की पूर्वानुमान ने प्रभावित क्षेत्रों में विनाश को कम करने में कैसे मदद की?

डीजी : आईएमडी में एक पूर्णरूप से चक्रवात चेतावनी प्रणाली है. यह न केवल भारत में, बल्कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के आसपास के अन्य देशों में भी इससे जुड़ी सेवाएं प्रदान करने के लिए मान्यता प्राप्त है. हाल के वर्षों में यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दृष्टि से विकसित हुआ है. हम सभी एक साथ काम करते हैं. आईएमडी चक्रवाती सेवाएं प्रदान करने वाली नोडल एजेंसी है.

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हम अपनी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को बेहतर बनाने के उद्देश्य से अपनी अवलोकन प्रणालियों, संचार प्रणालियों, मॉडलिंग प्रणाली में सुधार पर काम किया जा रहा है.

Last Updated : May 26, 2021, 10:36 PM IST
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