चेन्नई: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने द्रविड नेता और तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत नेता एम. करुणानिधि की प्रतिमा का शनिवार को अनावरण किया. इस दौरान करुणानिधि के पुत्र और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन भी मौजूद रहे. ओमानदुरार एस्टेट में स्थित मल्टी सुपर स्पेशियालिटी सरकारी अस्पताल के परिसर में इस प्रतिमा को लगाया गया है. यह प्रतिमा पुरानी प्रतिमा से कुछ सौ मीटर की दूरी पर लगाई गई है जिसे 35 साल पहले अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम. जी. रामचन्द्रन की मौत के बाद तोड़ दिया गया था. कांसे की यह 16 फुट ऊंची प्रतिमा 14 फुट ऊंचे मंच पर स्थापित की गई है.
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औपचारिक अनावरण के बाद उपराष्ट्रपति नायडू, मुख्यमंत्री स्टालिन और नेताओं ने प्रतिमा के पास रखी करुणानिधि की तस्वीर पर फूल चढ़ाए. स्टालिन ने इस मौके पर कहा कि पेरियार (नेता ई. वी. रामास्वामी) कलैंग्नर (करुणानिधि का प्रचलित नाम) की प्रतिमा स्थापित करना चाहते थे, लेकिन पेरियार की मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि उसके बाद पेरियार की पत्नी मानीम्माई ने इस दिशा में पहल की और द्रविड कषगम के साथ मिलकर अन्ना सलाई की प्रतिमा की स्थापना की. स्टालिन ने शुक्रवार को द्रमुक कार्यकर्ताओं से कहा था, 'एमजीआर की मौत के बाद कुछ लोगों ने राजनीतिक बदले के चक्कर में प्रतिमा को तोड़ दिया था.'
केंद्र, राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए
इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने शनिवार कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत द्रमुक अध्यक्ष एम. करुणानिधि की ओमांदुरार गवर्नमेंट एस्टेट में कांस्य प्रतिमा का अनावरण करते हुए नायडू ने कहा कि यह 'टीम इंडिया' है. उन्होंने कहा, केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए. नायडू ने कहा कि जब राज्य विकसित होंगे, तो समग्र रूप से राष्ट्र का विकास होगा.
यह बताते हुए कि अन्य दलों के व्यक्ति केवल एक अलग विचारधारा वाले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, दुश्मन नहीं. यह कहते हुए कि सभी 'महान देश भारत' से संबंधित हैं, नायडू ने कहा, राजनेताओं को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और अन्य दलों के नेताओं को दुश्मन नहीं मानना चाहिए. उन्होंने कहा, मातृ, मातृभाषा और मातृभूमि महत्वपूर्ण हैं. दूसरी भाषा सीखने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन मातृभाषा का स्थान पहले आता है.
उनके अनुसार, किसी भी भाषा को जनता पर थोपा नहीं जाना चाहिए और किसी अन्य भाषा का विरोध भी नहीं होना चाहिए. नायडू ने कहा कि करुणानिधि एक प्रतिष्ठित नेता थे, जिन्होंने किसानों के लिए बाजार, स्वास्थ्य बीमा जैसे कई कार्यो के केंद्र में लोगों को रखा था. नायडू ने कहा, एक बहुमुखी व्यक्तित्व, करुणानिधि ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई, चाहे वह एक फिल्म, नाटक लेखक, वक्ता, प्रशासक, नेता, कवि या लेखक के रूप में हों.
नायडू ने कहा कि करुणानिधि ने तमिल फिल्म जगत में फिल्म के संवादों में एक नया चलन पैदा किया. उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अपने छात्र जीवन के दौरान वह करुणानिधि के भाषण के प्रति आकर्षित हुए थे. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन ने भी इस कार्यक्रम में अपनी बात रखी.
एजेंसी